पाताल लोक कितना है और उसका नाम क्या है

Patal lok


 हेलो मित्रों नमस्कार मैं एक फिर से धार्मिक जानकारी लेकर हाजिर हूं । हिंदू धर्म में जो भी इतिहास और ग्रंथ में लिखा है यह प्रमाणित हो चुका है इसमें कोई संदेह नहीं है । जिन लोगों के मन में पाताल लोक के विषय में जानने की इच्छुक है मित्रों आप आराम से इसे पढ़कर जानकारी प्राप्त कर लीजिए ।


जानिए पाताल लोक कितना है और उसका नाम क्या है?

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मित्रों सच बात तो यह है कि यह बात मेरे भी मन में जानने की इच्छा करते हैं की पाताल लोक कितना है, और उसका नाम क्या है ?. हिंदू ग्रंथ मैं सर्च करके जो पाया हूं इससे पता चलता है कि यह कोई भूल भाल बातें नहीं है पूरे सच के साथ उल्लेख किया हुआ है ।


वर्तमान देश दुनिया में इतने बड़े बड़े वैज्ञानिक जन्म ले चुका है कि वह लोग रिसर्च करके उसके विषय के पूरी तरह जानकारी प्राप्त करते हैं, और उसे समझने के लिए भी कोशिश करते हैं । आज हिंदू धर्म पौराणिक कथाओं के अनुसार जो भी उल्लेख किया हुआ है उसमें वैज्ञानिक भी सर्च करके सच साबित पाए हैं । 


पाताल लोक कई हिस्सों में बांटा गया है । जिस प्रकार पृथ्वी लोक में कई देश अपने-अपने अलग हो चुका है ठीक इसी प्रकार पुरानी कथा के अनुसार पाताल लोक में भी अलग-अलग स्तर में बांटा गया है, और उसका नाम भी दिया गया है।


वर्तमान युग में वैज्ञानिक ही उसे रिसर्च करने में समर्थ है आम इंसान के बस की बात नहीं है पर पहले युग में इंसान स्वर्ग में भी गया और पाताल में भी गया पृथ्वी से  । उनके लिए योग, ध्यान, तपस्या बहुत कुछ करना पड़ता था इतनी आसान नहीं थी  स्वर्गलोक हो या पाताल लोक जाने के लिए ।



हिंदू धर्म में धरती को माता के रूप में पूजा किया करते है और शास्त्र के अनुसार इसी धरती माता के नीचे पाताल लोक मौजूद है जहां आज भी इसकी चर्चा होती है ।


तो आइए मित्रो जानते हैं पाताल लोक कितने स्तरों से बांटा गया है ,और उसका क्या क्या नाम है ?



👉यह समस्त भूमण्डल पचास करोड़ योजन विस्तार वाला है। इसकी ऊंचाई सत्तर सहस्र योजन है। इसके नीचे सात पाताल नगरियां हैं। ये पाताल लोक इस प्रकार से हैं:-




पहले पताल लोक 👉अतल


दूसरे पाताल लोक 👉वितल


तीसरा पाताल लोक 👉नितल


चौथा पाताल लोक 👉गभस्तिमान


पांचवा पाताल लोक 👉महातल


छठवां पाताल लोक 👉 सुतल


सातवां पाताल लोक 👉पाताल



👉सुन्दर महलों से युक्त वहां की भूमियां शुक्ल, कृष्ण, अरुण और पीत वर्ण की तथा शर्करामयी (कंकरीली), शैली (पथरीली) और सुवर्णमयी हैं। वहां दैत्य, दानव, यक्ष और बड़े बड़े नागों की जातियां वास करतीं हैं। वहां अरुणनयन हिमालय के समान एक ही पर्वत है। 


महाभारत में सबसे पहले और सबसे छोटा उम्र में पाताल लोक में सिर्फ पांडव पुत्रों भीम ही गया था , पर वह अपने मर्जी से नहीं उन्हें मारने के लिए दुर्योधन षड्यंत्र रचा था ताकि वह मरने से उसकी रास्ता साफ हो सके ।

बचपन में दुर्योधन ने भीम को दूध के साथ जहर मिलाकर पिलाया था ताकि वह मर सके । भीम ने वह दूध पीकर बेहोश हो गया था ,उसके बाद दुर्योधन और उसके साथी मिलकर उनको समुद्री मैं फेंक दिया था और उसी समय पाताल लोक में  जा गिरा भीम । पाताल लोक में नागराज के वास है ,जब नागराज देखा कि यह पांडव पुत्रों भीम है तो तुरंत उन्हें जहर निकाल कर फिर से इस पृथ्वी लोक में वापस किया । और यह बात महाभारत में भी उल्लेख है।


तो मित्रो यह था मेरा छोटा सा जानकारी आपको हमारे इस जानकारी से कैसे लगा कमेंट करके जरूर बताइए । फिर अगले एक नया जानकारी लेकर हाजिर हो जाएंगे तब तक के लिए आप सुरक्षित रहिए, स्वस्थ रहिए आपका दिन शुभ हो 🙏

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