भारत पाकिस्तान के मध्य कितने बार युद्ध किस कारण से हुआ जानिए हमारे साथ मित्र नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपको स्वागतम 🙏
भारत और पाकिस्तान के मध्य कितनी बार युद्ध हुआ किस कारण के लिए युद्ध हुआ जबकि भारत से निकले थे पाकिस्तान तो फिर युद्ध क्यों ?
आइए जानते हैं विस्तार से ।
1947
1947 मैं भारत-पाक बीच युद्ध, जिसे प्रथम कश्मीर युद्ध भी कहा जाता है, अक्टूबर 1947 में शुरू हुआ। पाकिस्तान की सेना के समर्थन के साथ हज़ारों की संख्या में जनजातीय लड़ाकुओं ने कश्मीर में प्रवेश कर राज्य के कुछ हिस्सों पर हमला कर उन पर कब्जा कर लिया था जिसके फलस्वरूप भारत से सैन्य सहायता प्राप्त करने के लिए कश्मीर के महाराजा को Instrument of assessment पर हस्ताक्षर करने पड़े। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 22 अप्रैल 1948 को रेसोलुशन 47 पारित किया। इसके बाद पाकिस्तान कश्मीर में जहां जहां कब्जा करना चाहते थे वहां हिंदुस्तान के फौज जाकर दौरा दौरा कर भगाया 1 जनवरी 1949 की रात को 23:59 बजे एक औपचारिक संघर्ष-विराम घोषित किया गया था। इस युद्ध में भारत को कश्मीर के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग दो तिहाई हिस्से (कश्मीर घाटी, जम्मू और लद्दाख) इस क्षेत्रों को भारत की हिस्सा बनाया जबकि पाकिस्तान को लगभग एक तिहाई हिस्से पर (पाकिस्तानी गुलाम कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान हिस्सा अपने कब्जा पर कर लिया ।
1965
यह दूसरा युद्ध पाकिस्तान के ऑपरेशन जिब्रॉल्टर के साथ शुरू हुआ, जिसके अनुसार पाकिस्तान की योजना जम्मू कश्मीर में सेना भेजकर वहां भारतीय शासन के विरुद्ध विद्रोह शुरू करने लगे थे इसके जवाब में भारत ने भी पश्चिमी पाकिस्तान पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमले शुरू कर दिए। सत्रह दिनों तक चले इस युद्ध में हज़ारों की संख्या में जनहानि हुई थी। आख़िरकार पाकिस्तान डर के मारे सोवियत संघ और संयुक्त राज्य द्वारा राजनयिक हस्तक्षेप करने के बाद युद्धविराम घोषित किया गया अगर ऐसा नहीं करता तो पाकिस्तान के और भी फौज जहन्नम पहुंचने वाले थे । 1966 में भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने ताशकन्द समझौते पर हस्ताक्षर किये। पाकिस्तान ने यह भी कहा था कि भारत की सेना जहां जहां तैनात रहेंगे वहां पाकिस्तान के कोई भी सेना जाकर इस तरह लापरवाही एवं जांग नहीं लड़ेंगे ।
1971
भारत पाकिस्तान के बीच यह तीसरा युद्ध हुआ। इस युद्ध में भारत के सेना ने 94000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया गया औऱ इस युद्ध मे पाक कि हार देखने के बाद सहायता करने सयुक्त राष्ट्र अमेरिका औऱ कई मित्र देशो को साथ लेकर जिसमें ब्रिटेन, चीन, पाक, फ्रांस मुख्य थे औऱ भी देस भारत की ओर बढ़ चले इसकी सूचना सोवियत संघ रूस को मिली औऱ 1948 में रूस और भारत के एक दूसरे की मदद करने के लिए समझौता हुआ था और रूस बिना कुछ सोचे समझे अपनी पूरी ताकत भारत की सहायता के लिये उनकी सेना भेज दी औऱ आधे देसो को तो रूस ने सीधे चेतावनी दिए थे कि अगर आप लोगों की तरफ से भारत पे कोई आक्रमण हुआ तो भुगतने के लिए तैयार रहना । रूस की इस तरह बात सुनकर आधे से ज्यादा देश तो उल्टे पाव वापस चले गए ।लेकिन अमेरिका, और, ब्रिटेन भारत की ओर निरंतर भारत की ओर बढ़ रहे थे रूस ने रिस्क लेते हुए रेंज में लाने के लिए खुद दुश्मन कि ओर बढ़ा औऱ जैसे ही समुद्र से रूस का पावर लेस को जो समुद्र औऱ आसमान में लड़ने के लिये पर्याप्त था निकलते देख अमेरिका, ब्रिटेन के होश उड़ गये औऱ तुरंत ही वापिस चल दिये । अमेरिका उस समय पाकिस्तान की मदद के लिए खड़े हुए थे लेकिन रोज भारत को बहुत ही हिम्मत दिया था और मदद भी किया था इसलिए रूस की मदद से इन्दिरा गांधी जी ने पूरी दुनिया को सन्देश दिया भारत को कमजोर समझने की भूल न करें और तब बांग्लादेश के उदय हुआ । उसी समय नया देश स्थापित हुए ( बांग्लादेश)
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Bangladesh |
1999
1999 में भारत पाकिस्तान के मध्य चौथा बार युद्ध हुआ जिसे कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता है यह युद्ध कारगिल जगह पर हुआ जिससे इसे कारगिल युद्ध कहते है। यह बहुत ठंडा इलाका था जिसमे पाकिस्तान ने कब्ज़ा कर लिया था जब भारत की सेना को पता चला तो उन्होंने इसका मुहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तान पर विजय प्राप्त करी। इस युद्ध में पाकिस्तान की लगभग 5000 से ज्यादा सेना की मृत्यु हो गई थी और हिंदुस्तान के 200 जवानों की मृत्यु हुई थी ।
उस समय भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई थे अगर वह चाहते तो पाकिस्तान के नामोनिशान तक मिटा दे सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया बड़े दिल वाले थे इसलिए उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देकर छोड़ दिया ।