Ravan Ka Real Naam Kya Tha ? जानिए

रावण का असली नाम क्या था ? जानिए 

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 रामायण में भगवान राम के चरित्र का वर्णन दयालु और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में किया गया है । उसके उलट रावण का चरित्र भयानक और क्रूरता से भरा हुआ है । दरअसल रावण बेहद ही डरावना एवं अपने भयानक चरित्र के लिए जाना जाता था साथ ही रावण के साथ कुछ और रहस्य भी जुड़े हैं तो चलिए आज जानते हैं रावण से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य के बारे में जो शायद ही आपको पता हो ।


यमराज तक को हराया था कहते हैं रावण अपने विजय अभियान को लेकर यमलोक तक पहुंच गया जहां उसे यमराज तक को बंदी बना लिया वह प्रकृति के नियम बदलना चाहता था वह चाहता था मैं मौत का अंत कर दिया जाए मगर यह संभव न हो सका । रावण के पास ज्ञान का भंडार था  वह रसायन एवं वैदिक शास्त्रों का अलौकिक शक्ति था । 



कहा जा सकता है कि वह धरती पर जन्म प्रथम वैज्ञानिक था कुबेर से मिले पुस्तक बीमारी के लिए प्रयोग किए थे और चारों वेदों का ज्ञाता भी कहा जाता था । संगीत के क्षेत्र में भी रावण की तथा अपने समय पर अद्वितीय वीणा बजाने में रावण सबसे आगे था । उसने बनाया जो आज वॉल्यूम का ही मूल प्रारंभिक स्वरूप है जिसे अब रावण हत्था भी कहा जाता है । रावण ने एक काव्य की रचना भी की । रावण भगवान शंकर का अनन्य भक्त था वह चाहता था कि संसार में केवल उसे ही शिव का सबसे बड़ा भक्त कहा जाए इसलिए उसने स्वाभिमान के निवास स्थल कैलाश पर्वत को ही उठाकर अपने लंका में ले जाने की  कोशिश की उसने अपनी पूरी शक्ति से कैलाश पर्वत को उठा तो लिया किंतु शिवजी ही नहीं चाहते थे कि उनके भक्तों में कोई तुलना की जाए । इसलिए वह रावण से गुस्सा होकर कैलाश को अपने ऐसे ही दवा दिया रावण उसमें तकते तकते मरने ही वाला था कि तुरंत माफी मांग ली । और एक अति सुंदर काव्य की रचना कर दी जिसमें शिवजी के तांडव किया गया था वह आज भी शिव तांडव स्त्रोत के नाम से मर्यादाओं का पालन करता था । रावण सीता जी को लंका ले जाने के बाद उसने सीता मैया को महल में नहीं रखा क्योंकि वह जानता था कि सीता जी वनवास पर है और महल में रखने पर उनका अपमान हो जाएगा । साथ ही उसने कभी भी सीता जी को स्पर्श नहीं किया । भगवान राम जी के दुखी सीता से रावण ने कहा कि यदि तुम मेरे प्रति काम भावना नहीं रखती तो मैं तुम्हें इस पर जबरदस्ती अब नहीं करूंगा । एक ऐसा भी था जिसे रावण डरता था रावण अभिमानी था वह हर व्यक्ति को चुनौती देता था । 



एक बार उसने किष्किंधा नरेश वानर राज बाली को युद्ध के लिए ललकार ने की भूल कर दी थी , जिस पर बाली ने रावण को अपने कांख में दबोच लिया ओर लगभग 10 महीने तक रावण को बाली ने दबोचे रखा । और कई समुद्रों की यात्रा की थी उसके बाद रावण को जड़ से बाली के सामने मित्रता का प्रस्ताव रखना पड़ा जिसे हम रावण के नाम से जानते हैं । उसका असली नाम रावण था ही नहीं रावण कोई नाम नहीं था बल्कि रावण राक्षसों के महाराजा को अलंकृत किया जाता था । रावण का असली नाम था दशानन क्योंकि वह 10 सिर वाला एक असाधारण बालक था रावण के दर्शन और चार वेदों का ज्ञाता था । इसलिए उसे दशानन भी कहा जाता था । दोस्तों यह इतिहास रावण से जुड़े कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में था इसके बारे में शायद ही आपको पता हो आप ऐसे ही तत्वों के बारे में और जानना चाहते हैं । हमारे साथ जुड़े रहिए ।


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