रानी पद्मावती की कहानी कि ये हैं सच्च



रानी पद्मावती की कहानी कि ये हैं सच्च 

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 मित्रों नमस्कार रानी पद्मावती का नाम तो आप सुने होंगे पर उनकी असलियत कहानी बहुत कम लोगों को पता है जो आज आपके सामने उजागर करने जा रहे हैं दोस्तों कृपया करके इस पोस्ट को जरुर पढ़े ।

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चलिए जानते हैं रानी पद्मावती की सच्चाई कहानी क्या है ।


जायसी के अनुसार पद्मावती सिंहल द्वीप  के राजा गंधर्वसेन   👉की पुत्री थी और चित्तौड़ के राजा रतन सिंह योगी के वेश में वहाँ जाकर अनेक वर्षों के प्रयत्न के पश्चात उसके साथ विवाह कर के उन्हे चित्तौड़ ले आये थे। वह अद्वितीय सुन्दरी थी और रतनसेन के द्वारा निरादृत कवि-पंडित-तांत्रिक राघव चेतन के द्वारा उनके रूप का वर्णन सुनकर दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण कर दिया था। 8 माह के युद्ध के बाद भी अलाउद्दीन खिलजी चित्तौड़ पर विजय प्राप्त नहीं कर सका तो लौट गया । और फिर दूसरी बार आक्रमण करके उस ने छल से राजा रतनसिंह को बंदी बनाया और उन्हे लौटाने की शर्त के रूप में पद्मावती को मांगा। तब पद्मावती की ओर से भी छल का सहारा लिया गया और गोरा-बादल की सहायता से अनेक वीरों के साथ वेश बदलकर पालकियों में पद्मावती की सखियों के रूप में जाकर राजा रतनसिंह को मुक्त कराया गया। परंतु इस छल का पता चलते ही अलाउद्दीन खिलजी ने प्रबल आक्रमण किया, जिसमें दिल्ली गये प्रायः सारे राजपूत योद्धा मारे गये। राजा रतन सिंह चित्तौड़ लौटे परंतु यहाँ आते ही उन्हें कुंभलनेर पर आक्रमण करना पड़ा और कुंभलनेर के शासक देवपाल के साथ युद्ध में देवपाल मारा गया परंतु राजा रतन सिंह भी अत्यधिक घायल होकर चित्तौड़ लौटे और स्वर्ग सिधार गये। उधर पुनः अलाउद्दीन खिलजी का आक्रमण हुआ। तथा किले का द्वार खोल कर लड़ते हुए सारे राजपूत योद्धा को मार दिया था  ।


रानी पद्मावती वही सब देख कर और नहीं रह पाए

 फिर उन्होंने सोलह सौ स्त्रियों के साथ अग्नि में प्रवेश हो गयी थी ।

इधर अलाउद्दीन खिलजी जब सब योद्धाओं को पराजित करके रानी पद्मावती के पास गया तो उनको जले हुए राख ही मिला और कुछ नहीं। 

अलाउद्दीन खिलजी की एक ही मकसद था जो की रानी पद्मावती को हासिल करना हैं पर ऐसे कर नहीं सका । इसलिए जब सारे राजपूत इस योद्धा से मारे गए तब रानी पद्मिनी अपने ही शरीर को अग्नि में प्रवेश कर प्राण त्याग दिया सोचिए वह रानी पद्मिनी कैसी थी !

अलाउद्दीन खिलजी जैसे क्रूर राजा के हाथ से बचने के लिए ही ऐसा कदम उठाया था ।

लोग रानी पद्मावती की ऐसे सतीव्रता देखकर पूजा करते हैं श्रद्धा करते हैं ।

तो दोस्तों यह था आपके लिए छोटा सा पद्मावती की कहानी । मां पद्मावती की बात कहा जाए तो बहुत लंबे हैं तो दोस्तों समय के अनुसार आपके लिए संक्षिप्त में  ही समाप्त किया । पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद आपका दिन शुभ हो मंगलमय हो  

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