दोस्तों नमस्कार कुरान के बारे में जिस तरह से हिंदुस्तानी नहीं है बल्कि पूरे विश्व में सवाल उठाए जा रहा है । लेकिन पवित्र कुरान में सवाल क्यों उठाई जा रहा है यह सभी का मन में प्रश्न होना स्वभाविक है । क्योंकि कुरान एक पवित्र पुस्तक है जिसे इस्लाम धर्म में इसी पवित्र कुरान पढ़ कर शिक्षा प्राप्त करते हैं उसी के अनुसार धर्म की मर्ग अपनाते हैं कुरान के अनुसार ईश्वर को प्राप्त करने की प्रेरणा मिलती है भला इससे सवाल करना क्या सही है या गलत सभी को जानकारी होना चाहिए । प्रिय मित्रों अपना मजहब सब की आस्था से जुड़े हुए होते हैं अगर कोई किसी के मजहब के विषय में गलत शब्द बोले तो उनको अच्छा नहीं लगता है । हर किसी के धर्म में पवित्र पुस्तक होते हैं जिस पुस्तक के जरिए हमें अपने मजहब की पूरी जानकारियां मिलती हैं । जिस प्रकार हिंदू सनातन धर्म में चार वेद हैं चार वेदों में सभी जानकारियां प्राप्त होती हैं ।
ईसाई धर्म में पवित्र पुस्तक बाइबल हैं , बाइबल में सभी जानकारियां प्राप्त होता है ठीक उसी प्रकार पवित्र कुरान पुस्तक में भी सभी जानकारियां प्राप्त होता हैं । प्रिय मित्रों आखिर कुरान में ऐसा कौन सा गलत बात लिखा है जिस कारण पूरे विश्व में इसका ही चर्चा में लगे हुए हैं । हर मजहब के विषय में हर किसी को जानने की अधिकार है । आज वर्तमान युग में सभी को थोड़ा बहुत ज्ञान है किस में क्या अच्छाई है किसमें क्या बुराई हैं मित्रों यह तो आप भी निर्णय ले सकते हैं । सर्वप्रथम आप कुरान सूरा 33 आयतें पढ़ने के बाद अपने विचार प्रकाश जरूर करें यहां जो भी उल्लेख किया गया सभी कुरान से ही लिया गया है ।
सुरा 33 के आयतें में क्या लिखा है पढ़िए ।
आयत:- 36 وَمَا كَانَ لِمُؤْمِنٍ وَلَا مُؤْمِنَةٍ إِذَا قَضَى اللَّهُ وَرَسُولُهُ أَمْرًا أَن يَكُونَ لَهُمُ الْخِيَرَةُ مِنْ أَمْرِهِمْ ۗ وَمَن يَعْصِ اللَّهَ وَرَسُولَهُ فَقَدْ ضَلَّ ضَلَالًا مُّبِينًا
न किसी ईमानवाले पुरुष और न किसी ईमानवाली स्त्री को यह अधिकार है कि जब अल्लाह और उसका रसूल किसी मामले का फ़ैसला कर दें, तो फिर उन्हें अपने मामले में कोई अधिकार शेष रहे। जो कोई अल्लाह और उसके रसूल की अवज्ञा करे तो वह खुली गुमराही में पड़ गया।
Namaz Padhne ka tarika in English
आयत:-37 وَإِذْ تَقُولُ لِلَّذِي أَنْعَمَ اللَّهُ عَلَيْهِ وَأَنْعَمْتَ عَلَيْهِ أَمْسِكْ عَلَيْكَ زَوْجَكَ وَاتَّقِ اللَّهَ وَتُخْفِي فِي نَفْسِكَ مَا اللَّهُ مُبْدِيهِ وَتَخْشَى النَّاسَ وَاللَّهُ أَحَقُّ أَن تَخْشَاهُ ۖ فَلَمَّا قَضَىٰ زَيْدٌ مِّنْهَا وَطَرًا زَوَّجْنَاكَهَا لِكَيْ لَا يَكُونَ عَلَى الْمُؤْمِنِينَ حَرَجٌ فِي أَزْوَاجِ أَدْعِيَائِهِمْ إِذَا قَضَوْا مِنْهُنَّ وَطَرًا ۚ وَكَانَ أَمْرُ اللَّهِ مَفْعُولًا
याद करो (ऐ नबी), जबकि तुम उस व्यक्ति से कह रहे थे जिसपर अल्लाह ने अनुकम्पा की, और तुमने भी जिसपर अनुकम्पा की, कि "अपनी पत्नी को अपने पास रोक रखो और अल्लाह का डर रखो, और तुम अपने जी में उस बात को छिपा रहे हो जिसको अल्लाह प्रकट करनेवाला है। तुम लोगों से डरते हो, जबकि अल्लाह इसका ज़्यादा हक़ रखता है कि तुम उससे डरो।" अतः जब ज़ैद उससे अपनी ज़रूरत पूरी कर चुका तो हमने उसका तुमसे विवाह कर दिया, ताकि ईमानवालों पर अपने मुँह बोले बेटों की पत्नियों के मामले में कोई तंगी न रहे जबकि वे उनसे अपनी ज़रूरत पूरी कर लें। अल्लाह का फ़ैसला तो पूरा होकर ही रहता है।
Namaz Padhne ka tarika in English
आयत:- 50 يَا أَيُّهَا النَّبِيُّ إِنَّا أَحْلَلْنَا لَكَ أَزْوَاجَكَ اللَّاتِي آتَيْتَ أُجُورَهُنَّ وَمَا مَلَكَتْ يَمِينُكَ مِمَّا أَفَاءَ اللَّهُ عَلَيْكَ وَبَنَاتِ عَمِّكَ وَبَنَاتِ عَمَّاتِكَ وَبَنَاتِ خَالِكَ وَبَنَاتِ خَالَاتِكَ اللَّاتِي هَاجَرْنَ مَعَكَ وَامْرَأَةً مُّؤْمِنَةً إِن وَهَبَتْ نَفْسَهَا لِلنَّبِيِّ إِنْ أَرَادَ النَّبِيُّ أَن يَسْتَنكِحَهَا خَالِصَةً لَّكَ مِن دُونِ الْمُؤْمِنِينَ ۗ قَدْ عَلِمْنَا مَا فَرَضْنَا عَلَيْهِمْ فِي أَزْوَاجِهِمْ وَمَا مَلَكَتْ أَيْمَانُهُمْ لِكَيْلَا يَكُونَ عَلَيْكَ حَرَجٌ ۗ وَكَانَ اللَّهُ غَفُورًا رَّحِيمًا
ऐ नबी! हमने तुम्हारे लिए तुम्हारी वे पत्नियाँ वैध कर दी हैं जिनके मह्र तुम दे चुके हो, और उन स्त्रियों को भी जो तुम्हारी मिल्कियत में आईं, जिन्हें अल्लाह ने ग़नीमत के रूप में तुम्हें दी और तुम्हारी चचा की बेटियाँ और तुम्हारी फूफियों की बेटियाँ और तुम्हारे मामुओं की बेटियाँ और तुम्हारी ख़ालाओं की बेटियाँ जिन्होंने तुम्हारे साथ हिजरत की है और वह ईमानवाली स्त्री जो अपने आपको नबी के लिए दे दे, यदि नबी उससे विवाह करना चाहे। ईमानवालों से हटकर यह केवल तुम्हारे ही लिए है, हमें मालूम है जो कुछ हमने उनकी पत्ऩियों और उनकी लौंडियों के बारे में उनपर अनिवार्य किया है - ताकि तुमपर कोई तंगी न रहे। अल्लाह बहुत क्षमाशील, दयावान है।
पवित्र कुरान पर इतना सवाल क्यों दोस्तों इसे पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि एक बेटी के लिए किस प्रकार के शब्द कहां गया है। अगर आपके मन में इसे गलत लगता है तो भी अपना विचार रखें अगर सही लगता है आपको तो भी कमेंट अवश्य करें । हमें भी जानकारी होना चाहिए कि कुरान में इस आयतें के जरिए लोगों के मन में क्या विचार आता ।
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