तैमूर राजा की क्या है सच्चाई भारत में आने के बाद उन्होंने ऐसा क्या काम किया ,जहां हिंदू समुदाय के लोग इनका नाम लेते ही मन में नफरत पैदा होने लगता है चलिए विस्तार से जानते हैं ।
1399 सन. में शुजा-उद-दीन तैमूर भारत पर भयानक आक्रमण किया था । लाखों हिंदुओं अपनी मिट्टी बचाने के लिए तैमूर से लड़ते-लड़ते अपने प्राण की बलिदान दिया फिर भी अपने देश को नहीं बचा पाए तैमूर के हाथों से ।
तैमूर ने क्यों किया था ऐसा आइए जानिए ।
तैमूर की वचन 👉'तुजुके तैमुरी' में वह कुरान की इस आयत से ही प्रारंभ करता है 'ऐ पैगम्बर काफिरों और विश्वास न लाने वालों से युद्ध करो और उन पर सखती बरतो।' वह आगे भारत पर अपने आक्रमण का कारण बताते हुए लिखता है-
हिन्दुस्तान पर आक्रमण करने का मेरा एक ही उद्देश्य है काफिर हिन्दुओं के विरुद्ध धार्मिक युद्ध करना है जिससे इस्लाम सेना की शक्ति बढ़ाने के लिए मूल्यवान वस्तु एवं दौलत मिल जाए ।
हिंदुस्तान के पहले सीमा काश्मीर की कटोर नामी दुर्ग पर आक्रमण किया था। उसने तमाम पुरुषों को कत्ल और स्त्रियों और बच्चों को कैद करने का आदेश दिया। फिर उन हठी काफिरों के सिरों के मीनार खड़े करने के आदेश दिये। फिर भटनेर के दुर्ग पर घेरा डाला गया। वहाँ उस दिन राजपूतों ने कुछ युद्ध के बाद हार मान ली और उन्हें जीवनदान दे दिया गया।
किन्तु उनके असवाधान होते ही दूसरे दिन उन पर आक्रमण करके मार दिया गया था . तैमूर के अंदर इतना क्रोध था हिंदुओं पर इतना नफरत था कि कभी किसी को क्षमा या जीवनदान नहीं दिया । तैमूर अपनी जीवनी में लिखता है कि 'थोड़े ही समय में दुर्ग के तमाम लोग तलवार से मौत के घाट उतार दिये गये। घंटे भर में 10,000 (दस हजार) हिंदुओं के सिर काटे गये। इस्लाम की तलवार ने काफिरों के रक्त में स्नान करवाने में बहुत मजा आते थे उनको। उनके सरोसामान, खजाने और अनाज को भी, जो वर्षों से दुर्ग में इकट्ठा किया गया था, मेरे सिपाहियों ने लूट लिया। मकानों में आग लगा कर राख कर दिया। इमारतों और दुर्ग को भूमिसात कर दिया गया।
दूसरा नगर सरसुती था जिस पर आक्रमण बड़ी हिम्मत से किया तैयार ने। 'सभी काफिर हिन्दू को कत्ल कर दिये गये। हिंदुओं के स्त्री और बच्चे और संपत्ति तैमूर ने जप्त कर लिया था। तैमूर ने जब जाटों के प्रदेश में प्रवेश किया तो उसने अपनी सेना को आदेश दिया कि 'जो भी मिल जाये, कत्ल कर दिया जाये।' और फिर सेना के सामने जो भी ग्राम या नगर आया, इस तरह पूरे लूट लिया गया। पुरुषों और बुजुर्ग महिलाओं को कत्ल कर दिया गया और जवान स्त्रियों और बच्चों को तैमूर ने अपने पास बंदी बना लिया।
दिल्ली के पास लोनी हिन्दू नगर था। तैमूर ने आदेश दिया कि मुसलमानों को छोड़कर शेष सभी हिन्दू बंदी इस्लाम की तलवार से मौत की घाट उतार दिये जायें। इस समय तक उसके पास हिन्दू बंदियों की संख्या एक लाख हो गयी थी। जब यमुना पार कर दिल्ली पर आक्रमण की तैयारी हो रही थी उसके साथ के अमीरों ने उससे कहा कि इन बंदियों को कैम्प में नहीं छोड़ा जा सकता और इन इस्लाम के शत्रुओं को स्वतंत्र कर देना भी युद्ध के नियमों के विरुद्ध होगा। तैमूर लिखता है इस प्रकार ।
जो हिंदू इस्लाम धर्म कर्म नहीं करेंगे उसे तड़पा तड़पा के मारा जाए जो भी हिंदू व्यक्ति इस्लाम कबूल नहीं की तो उन्हें ऐसी सजा दे ताकि अगले वाले व्यक्ति साजा सुनने से उसके रूह कांप उठे ।
मैंने कैम्प में घोषणा करवा दी कि तमाम बंदी कत्ल कर दिये जायें और इस आदेश के पालन में जो भी लापरवाही करे उसे भी भयानक मौत दे दी जाए। जब इस्लाम के गाजियों (काफिरों का कत्ल करने वालों को आदर सूचक नाम) को यह आदेश मिला तो उन्होंने तलवारें सूत लीं और अपने बंदियों को कत्ल कर दिया। उस दिन ब्राह्मण, क्षत्रिय एवं वैष्णव इन सभी जाति मिलाकर एक लाख से ज्यादा कत्ल कर दिया गया ।
तुगलक बादशाह को हराने के बाद तैमूर ने दिल्ली में बड़ी आसानी से प्रवेश किया। उसे पता लगा कि आस-पास के देहातों से भागकर हिन्दुओं ने बड़ी संख्या में अपने स्त्री-बच्चों तथा मूल्यवान वस्तुओं के साथ दिल्ली में शरण ली हुई हैं फिर तैमूर उसने अपने सिपाहियों को इन हिन्दुओं को उनकी संपत्ति समेत पकड़ लेने के आदेश दिये। इन हिंदुओं की संपत्ति जब्त करने के बाद कत्ल करवा दिया ।
तैमूर एक ऐसा शासक राजा थे कि उनके अंदर कोई भी दया माया बोलकर चीज नहीं थे हिंदुओं के लिए उनके मन में हिंदुओं पर नफरत में भरे हुए थे उनका मकसद एक ही था कि उनके राज्य में रहने वाले सभी व्यक्ति अल्लाह को माने जो व्यक्ति है अल्लाह की इबादत नहीं करते हैं उन्हें मौत की सजा सुना दिया जाए यही था उनका मकसद ।
तुगलक वंश के अंतिम शासक नासिरूद्दीन महमूद के समय(1394-1414ई•) सन् 1398 ई मे तैमूर ने भारत पर आक्रमण किया यह आक्रमण तुगलक वंश के लिए घातक सिद्ध हुआ । जिससे तुगलक वंश का सर्वनाश हो गया।
हिंदुस्तान पर जब कोई इतना अत्याचार करके जाएंगे हिंदुओं पर तो क्या उन्हें पूजा करेंगे ऐसा नहीं उन्हें सभी कोई नफरत करेंगे क्योंकि हिंदुओं के आस्था को चोट पहुंचाया है । ऐसे क्रूर इस्लामिक राजाओं पर सभी हिंदुस्तान के हिंदू क्रोधित है उन पर नाराज है ,नफरत करते हैं ।
आप तो जानते हैं कि कुछ साल पहले सैफ अली खान करीना कपूर से शादी की उसके बाद पहले पुत्र संतान हुआ तो उनका नाम तैमूर अली खान रखा।
जब से करना कपूर खान अपने बेटे के नाम तैमूर रखें तब से पुरे सोशल नेटवर्क में देश के नागरिक तहलका मचा के रखे थे ।
फेसबुक, टि्वटर ,इंस्टाग्राम इन सभी प्लेटफॉर्म में कोरोना कपूर के संतान के नाम से हिंदुओं ने सभी कोई नाराज जताया है क्योंकि इस नाम से हिंदुस्तान में कभी भी एक्सेप्ट नहीं करेंगे ।
जिस राजा ने हिंदुस्तान में आकर लाखों हिंदुओं को कत्ल किया ,हजारों मां बेटी से बलात्कार किया ,बूढ़े माता पिता को जिंदा जला दिया भला ऐसे किसी क्रूर राजा के नाम से अगर कोई नाम रख दे तो क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि किसी के आस्था से खेलवार हो रहे हैं ।
चलिए जानते हैं तैमूर के आक्रमण के समय दिल्ली का सुल्तान कौन था ।