रावण का इतिहास: रावण के भीतर दुराचार ऐसे था जानकर आप भी चौंक जाएंगे



रावण के दुराचार ऐसे था जानकर आप भी चौंक जाएंगे 

हेलो मित्रों नमस्कार मैं फिर से एक नया जानकारी लेकर हाजिर हूं और यह जानकारी आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी ।  हम इंसान चलते फिरते पाप कर बैठते हैं उसे पता नहीं चलता है परंतु बड़े-बड़े विद्वान भी जानबूझकर करते थे पाप । जिसे अपने ही पाप के कारण सर्वनाश अपना ही कर बैठते हैं । रावण भी ठीक इसी प्रकार अपने शक्ति के अहंकार से पाप करने लगे थे । उन्होंने तीनों लोगों का स्वामी बन चुका था । अपना शक्ति के बल से स्वर्ग लोक ,पाताल लोक एवं पृथ्वी लोक विजय प्राप्त की थी ।

जब रावण का पापों की घड़ा भर चुका था तब उनकी सर्वनाश धीरे-धीरे होने लगे . तो आइए जानते हैं उन्होंने ऐसे कौन सा किया था पाप जिसके कारण वंश का सर्वनाश हुआ ।

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अधिक लोग जानते हैं रावण की सर्वनाश की कारण सीता माता हैं पर यह सत्य नहीं है ।

रावण कुछ ऐसा ही घटना किया था जहां सुंदर नारी देखने के बाद रावण बुरे नजर डाले थे और उनके साथ दुष्कर्म किया करते थे अपने कामवासना को काबू में नहीं कर पता था ।

रावण अपनी कामवासना से अंधा हो चुका था जहां अपने को भी नहीं छोड़ा ।

इस दुष्कर्म के कारण कितने लोगों से
श्राप मिला था ? जानिए

 पत्नी की बहन से मिली थी श्राप




 रावण ने अपनी पत्नी की बड़ी बहन माया के साथ भी छल किया था। माया के पति वैजयंतपुर के शंभर राजा थे। एक दिन रावण शंभर के यहां गए। वहां रावण ने माया को अपनी बातों में फंसा लिया। इस बात का पता लगते ही शंभर ने रावण को बंदी बना लिया। उसी समय शंभर पर राजा दशरथ ने आक्रमण कर दिया। उस युद्ध में शंभर की मृत्यु हो गई। जब माया सती होने लगी तो रावण ने उसे अपने साथ चलने को कहा। तब माया ने कहा कि तुमने वासनायुक्त मेरा सतित्व भंग करने का प्रयास किया है। इसलिए मेरे पति की मृत्यु हो गई। अत: तुम भी स्त्री की वासना के कारण मारे जाओगे। इस बात से कोई अनभिज्ञ नहीं कि रावण माता सीता पर मोहित हो गए थे औैर उनका हरण कर लंका लाए थे।

भाई के पुत्रवधू ने दिया दिया था श्राप

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विश्व विजय करने के लिए जब रावण स्वर्ग लोक पहुंचा तो उसे वहां रंभा नाम की अप्सरा दिखाई दी। अपनी वासना पूरी करने के लिए रावण ने उसे पकड़ लिया। तब उस अप्सरा ने कहा कि आप मुझे इस तरह से स्पर्श न करें, मैं आपके बड़े भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर के लिए आरक्षित हूं। इसलिए मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं। लेकिन रावण नहीं माना और उसने रंभा से दुष्कर्म किया। दरअसल बात यह है कि
यह बात जब नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण को श्राप दिया कि आज के बाद रावण बिना किसी स्त्री की इच्छा के उसको स्पर्श करेगा तो रावण का मस्तक सौ टुकड़ों में बंट जाएंगे।
रावण ने कभी भी अपने भाई जैसाा नहीं मानतेे थे कुबेर को और इसी के कारण यह कदम उठाया था ।

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