देवी देवताओं के सामने पशुओं के बोली क्यों दिया जाता है?


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देवी देवताओं के सामने पशुओं के बोली क्यों दिया जाता है >> ऐसा क्या कारण है जानें विस्तार से 


मित्र नमस्कार मैं फिर से एक नया जानकारी लेकर हाजिर हूं और यह जानकारी धार्मिक आस्था की जानकारी है आइए जानते हैं धार्मिक स्थल में किसी प्राणी की बोली क्यों दिया जाता है इसका महत्व क्या है  ? 

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पहले युग में तांत्रिक अनुसार नरबलि दिया करते थे यह कहानी आप सुने होंगे अब वह प्रथा खत्म हो चुका है । लेकिन वर्तमान किसी भी पूजा पर बोली  देते हैं नारियल ,नींबू, केला, एवं मां काली पूजा में बकरा भी बलि देकर पूजा संपन्न करते हैं । 


तांत्रिक के अनुसार देवी देवताओं के सामने दो प्रकार के बली चढ़ाया जाता है । फल से भी चढ़ाया जा सकता है एवं किसी जीव जंतु से भी चढ़ाया जा सकता है ,लेकिन इसमें अलग-अलग तत्व हैं ।  फल से बलि चढ़ाने से एक ऐसा शक्तिशाली उर्जा जन्म लेती हैं उससे देवी देवताओं को शक्ति मिलती हैं जिससे पूजा करने वाले व्यक्ति के घर में सुख समृद्धि बनाए रहते हैं ।  

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आब बात करते हैं किसी प्राणी की बलि देने का महत्व क्या है  ?


जो लोग देवी देवताओं के सामने किसी पशुओं की बलि चढ़ाई जाती है उसका भी बहुत बड़ा नियम पालन करना पड़ता है । भगवान के सामने बलि चढ़ाना मनुष्य के लिए भी कठिन परिस्थिति से गुजरना पड़ता है भक्त और ईश्वर प्रति कितना प्रेम है इसी समय परीक्षा देना होता है ।

  देवताओं के सामने पशुओं की बलि चढ़ाने से पहले, पशु जन्म के बाद उसकी नाम लेकर देवी देवता के सामने समर्पित करना पड़ता है ।

 इस प्रकार


 है ईश्वर जब तक बलि चढ़ाने का योग्य नहीं होता तब तक मैं इन्हें अपने बेटे जैसे पालन करेंगे।

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एक पशु जब कोई व्यक्ति छोटे से पाल पोस कर बड़ा करते हैं तो वह भी एक घर का सदस्य बन जाता है  उन पर भी दया माया समा जाता है चाहे वह बेजुबान क्यों ना हो । जब कोई व्यक्ति पशु को पाल पोस कर बड़ा करते हैं उन्हें पता है उनका साथ कितना लगाव होता है । याद रखें कि वह भी एक प्राणी है उन्हें भी मनुष्य के साथ रहना पसंद करते हैं  मनुष्य से वह अलग नहीं है । 

जिस पशु की बलि देने के लिए समर्पित किया जाता है । घर के किसी के झूठे खाना खिलाना नहीं चाहिए अगर ऐसे हैं तो बहुत पाप लगता है ऐसे भी बेजुबान पशुओं भी झूठे खाना खाएंगे भी नहीं उसे सब कुछ पता हो जाता है ।


 जो व्यक्ति बलि देने वाले पशु को बड़े करते हैं उन्हें बहुत बड़ा चुनौती से लड़ना पड़ता है । सोचने वाली बात तो यह है कि पशु को पालन पोषण करना मतलब एक संतान जैसी उन्हें भी देखभाल करके बड़ा करना पड़ता है । उन पर प्रेम कितनी मजबूत हो जाता है  जो व्यक्ति एक बेजुबान पुरुषों को पालन करते हैं शायद उन्हें पता है ।  लेकिन बलि तो देना ही है इसलिए कि पशु की आत्मा की परिवर्तन जो करना है ।


मित्रों किसी भी देवी देवताओं के सामने किसी प्राणी के बलि देने से देवी देवता प्रसन्न नहीं होता है बल्कि जिनको बलि दिया जाता है उन आत्मा की परिवर्तन घटित होता है ।

ईश्वर के लिए अपना जीवन को समर्पित करना मतलब कोई मामूली बात नहीं बहुत कठिन होता है । इस जीवन से मुक्ति दिलाने के लिए ये प्रथा सदियों से चल रही है । धर्म ग्रंथ के अनुसार बलि के जरिए उनकी आत्मा परमात्मा से मिल जाते हैं जिसके कारण उस आत्मा की सुख प्रदान होती हैं ।

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इसलिए तांत्रिक साधना से पशु के जीवन से मुक्ति दिलाने के लिए किसी देवी-देवताओं के सामने वाली दिया जाता हैं ।

लेकिन यह बात हमें विश्वास करना भी बहुत मुश्किल है क्योंकि जो चीज हमें दिखाई नहीं देते हैं उसे हम लोग अंधविश्वास मानते हैं इसमें कितना सच्चाई है यह तो आज तक किसी को पता नहीं । मगर धर्म शास्त्र के अनुसार किसी ईश्वर के प्रति भक्ति एवं श्रद्धा से आप कुछ भी प्राप्त कर सकते हैं इसमें संदेह करने वाली कोई बात नहीं है ।


तो मित्रो ये था हमारे छोटा सा जानकारी अगर हमारे सरकारी से आपको पसंद आए तो कमेंट जरुर करें आपका कमेंट हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है आपका दिन शुभ हो 

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