कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता, किसका प्रभाव है ? पूरी जानकारी

bholanath biswas
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dharmik kotha



 कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता पुरे विस्तार से जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए नमस्कार मित्रों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । कलयुग का आरंभ हुआ आज से करीब 5000 वर्ष पहले इसका अंत होने में कम से कम 1,25000 बाकी है । आप यह कैसे समझ लिया कि कलयुग में श्राप नहीं लगता है । तो चलिए हम आपको बताएंगे कि क्या किसी को श्राप देकर सजा दे सकते हैं । 


सतयुग में ऋषि मुनियों का अपार शक्ति थे । ऋषि मुनि अपने शक्ति को कभी भी दुरुपयोग नहीं करते थे इसलिए दुरुपयोग नहीं करते थे क्योंकि उन्हें पता है कि अगर कोई मुझे श्राप दे देंगे तो उसे भुगतना पड़ता है । और उस समय श्राप  का असर इतना तीव्र था कि साथ के साथ श्राप का असर शुरू जाता था ।  उस समय सिर्फ ऋषि-मुनियों ही नहीं आम इंसान भी जो पुण्य आत्मा थे उन्होंने भी घोर तपस्या करके भगवान के नाम जाप करके शक्ति प्राप्ति करते थे जिसे दूसरे की भला हो बुरे की नाश हो ऐसे अपारशक्ति अपने अंदर कभी किसी को बुरा नहीं चाहा सदैव दूसरे की भलाई के लिए ही सोचा करते थे और अपने अंदर जो भी शक्तियां थी यह सब दिव्य शक्ति कहा जाता था दिव्य शक्ति बुराई से लड़ने की क्षमता देती हैं अगर आप खुद ही बुरे करने लगेंगे तो आपके अंदर वह दिव्य शक्ति है धीरे-धीरे नष्ट हो जाता था इसलिए उसको भी इसी प्रकार दिव्य शक्ति प्राप्त करके सब कुछ खो बैठा और असुरों का नाश हुआ  । 




सत्य,त्रेता,दापर इस युग में ना तो पाप होता था और ना ही कोई इसके लिए कानून बनाया गया था । अगर पाप होता भी था तो उसे नाश करने के लिए भगवान स्वयं इस धरती पर अवतार लेकर उसे नष्ट कर देते थे । आप तो सुने होंगे कि भगवान विष्णु स्वयं राम का अवतार लिया था इसका कारण यही था कि जब इस धरती पर पापी का जन्म हो जाइ तो उसे विनाश करने हेतु भगवान खुद आते हैं । भगवान श्री कृष्ण ने भागवत गीता में पांडु पुत्र अर्जुन को कहा कि 3 युग में तो इंसान पाप नहीं किया मगर इस कलयुग में खूब पाप करने वाले हैं अब इससे छुटकारा पाने के लिए एक ही उपाय श्री हरि का नाम लो  । इस युग में सबसे ज्यादा पाप होने के कारण पुण्य आत्मा बहुत कम रहेंगे पापी आत्मा इस धरती पर सबसे अधिक रहेंगे जिसके कारण किसी को भी श्राप का प्रभाव जल्दी पढ़ने वाला नहीं है  । 


इस कलयुग में अगर कोई व्यक्ति किसी को श्राप दिया तो उसका प्रभाव पड़ेगा मगर उसका असर धीरे-धीरे होगा । क्योंकि जो व्यक्ति श्राप दिया है वह भी कहीं ना कहीं पाप किए हैं जिसके कारण उनका श्राप धीरे-धीरे असर होता है । लेकिन श्राप उन व्यक्ति पर असर जरूर होता है जिस प्रकार मौसम बदलता रहता है ठीक उसी प्रकार श्राप का भी असर बदलते रहता है । लेकिन समय आने पर उन श्राप  का असर आप जरूर समझ पाएंगे ।


इस कलयुग में पुण्य आत्मा मिलना बहुत मुश्किल है यदि आप कहीं भी पाप नहीं कीए होंगे और आप किसी को श्राप दे दिया भले ही अभी ना लगे मगर उसका असर धीरे-धीरे जरूर लगता है । इसके लिए समय का इंतजार करें आप खुद समझ जाएंगे । भगवान अभी भी हैं और उस समय भी था आने वाले समय भी भगवान रहेंगे उस परमात्मा पर भरोसा करें । जो व्यक्ति ईश्वर प्रति भरोसा करते हैं उन व्यक्ति पर ईश्वर हमेशा नजर बनाए रखते हैं आप जो भी कहेंगे सत्य कहेंगे इसके लिए आपका हर शब्द बाण की तरह होती है ।



प्रिय मित्रों इस बात का हमेशा ध्यान में रखिए 👉 जिस तरह मनुष्य का आशीर्वाद एक व्यक्ति के लिए शुभ योग बनता है, ठीक उसका उल्टा ही अगर कोई व्यक्ति किसी को श्राप देता है तो उसके लिए भी अशुभ योग बनता है जहां उस पाप का दंड का भागीदार बनता है । अधर्म का जीत कभी नहीं होती हैं ना ही उस समय हुआ था, और ना अभी होंगे, ना आने वाले समय में होंगे । अधर्म का साथ अगर आप दे दिए तो आप भी पाप के भागीदार बन गए हो, यदि आप धर्म के मार्ग पर डटे रहते हैं तो आप अधर्म को श्राप देकर दंडित अवश्य कर सकते हैं ।


सबसे बड़ा भूल वह लोग करते हैं जो लोग इन श्राप के विषय में विश्वास नहीं रखते हैं । यदि आप आशीर्वाद के विषय में विश्वास कर सकते हैं तो इस श्राप के विषय में भी विश्वास करनी चाहिए। मनुष्य के जीवन से जो कुछ भी निकालती है सीधे आत्मा पर प्रहार करते हैं भले ही आप उसे देख नहीं पाते हैं लेकिन आपकी आत्मा पर बहुत बड़ा चोट लगता है जो उन्हें 1 दिन या 1 दिन श्राप का दंड जरूर प्राप्त होती है ।


 प्रिय मित्रों यह था आपके लिए छोटा सा जानकारी अगर हमारे इस जानकारी से आपको पसंद आया तो कमेंट अवश्य करें और हमारे साथ इसी तरह जुड़े रहें आपका दिन शुभ हो मंगलमय हो जय हिंद ।


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