भारत में इस्लाम का आगमन कब हुआ सच जानेंगे तो दोस्तों आप भी चकित रह जाएंगे । सच जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए मित्रों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । दोस्तों हिंदुस्तान में कहीं ना कहीं जाति विवाद में अक्सर दिखाई दे रहा है और दोस्तों बीजेपी सरकार आने के बाद तो जाति विवाद और बढ़ गया है । क्योंकि कोई इंसाफ मांग रहा है तो कोई कहता है की लड़ाई करने वाला भाषण दे रहा है । दोस्तों पॉलिटिक्स में जाति धर्म को लेकर हिंसा कहीं ना कहीं होता रहता हैं लेकिन अक्सर जो लोग वास्तव में जानता है उन्होंने कभी अपने जाति धर्म के लिए हिंसा कभी नहीं करेंगे ।
हिंदुस्तान एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां भगवान की चारों ओर जन्म स्थान दिखाई देता है । जैसे कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ है, पुरी में जगन्नाथ का इस तरह ना जाने कितने भगवान का अवतार है । दोस्तों भारत एक ऐसा खजाना था कि बाहर देश वाले का नजर भारत पर हमेशा पड़ा रहता था । सऊदी अरब के शासक भारत का खजाना को लूटने के लिए कई बार प्रयास किया मगर आमने-सामने युद्ध करके और सफल रहा ।
मुगलों ने भारत पर आक्रमण बार-बार किया मगर सफल नहीं होने के कारण निराश होना पड़ा । उसके बाद उन्होंने छल कपट का सहारा लिया जिससे सफल रहा । और यह बात भगवान श्री कृष्ण कहां है भागवत गीता में कि जो व्यक्ति एक ही काम को बार-बार प्रयास करेंगे वह कभी निराश नहीं होंगे 1 दिन जीतेंगे जरूर चाहे वह गलत रास्ता हो या सही । तो ठीक उसी प्रकार उस मुगलों ने भारत पर आक्रमण बार-बार करने के बाद भी जब सफल नहीं हुआ तब अपना कूटनीति और छल कपट का सहारा लिया जिससे भारत में प्रवेश करने पर मार्ग मिल गया । तो दोस्तों छल कपट करना भी एक तरह का प्रयास ही है ।
इतिहास के अनुसार मुगल साम्राज्य के लोग यहां व्यापार करने आए थे और यही उनका सर्वप्रथम कूटनीति चाल था और छल था । व्यापार के माध्यम से उन्होंने जहां-जहां भारत के सबसे मूल्य और अधिक कीमती खजाना वहीं पर नजर डालें । और एक अपने दिमाग पर छवि बना लिया जिससे युद्ध क्षेत्र में भारत के महाराजाओं बड़ी आसानी से पराजित कर सके ।
भारत में मुसलमान कहां से आए:
भारत में मुसलमान का आगमन सऊदी अरब से करीब सातवीं शताब्दी में हुआ था (६२९ ईसवी सन्) मतलब आज से 1400 साल पहले । और तब से यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का पूरी तरह खत्म किया । इसलिए कुछ ही जगह पर भारत का संस्कृति जो आज ना के बराबर दिखाई देता है ।
हिंदू राजाओं को पराजित करने के बाद इस्लाम राजाओं ने अपने धर्म स्थापना करने के लिए मस्जिद बनाई । घोघा, गुजरात में बरवाड़ा मस्जिद, (623 ईसवी सन् से पहले निर्मित), मेथला, केरल में चेरामन जुमा मस्जिद (629 ईसवी सन्) और तमिलनाडु के पलैया जुम्मा पल्ली (या पुरानी जुम्मा मस्जिद - 628- 630 ईसवी सन्), किलाकरई में पहली मस्जिदों में से तीन हैं । जहां-जहां इस्लाम राजाओं ने भारत पर कब्जा किया उसी स्थान पर मस्जिद बनवा कर अपना धर्म की और बढ़ा दिया । उसके बाद उस स्थान के नाम भी बदल दिया । जिसके स्वरूप आप अभी वर्तमान में कुछ जगह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुराना नाम फिर से लागू किया ।
भारत में, जो अरब व्यापारियों को समुद्र के द्वारा बनाया गया था। मोहम्मद ग़ोरी विजय के माध्यम से बारवीं शताब्दी में इस्लाम उत्तर भारत में आया और तब से भारत में इस्लाम धर्म का प्रचार हुआ। वैसे मुगलों के बहुत से क्रूर राजाओं ने अपने धर्म प्रचार किया और हिंदुओं को भी उनके धर्म में जाने की आदेश दिया ।
इतिहास के अनुसार खिलजी, बाबर, सुल्तान इन राजाओं ने लाखों हिंदुओं को जबरन इस्लाम धर्म में परिवर्तित किया । अगर उनका आदेश किसी भी व्यक्ति इंकार किया तो उन व्यक्ति को बहुत भयानक मौत दिया जाता था । इस तरह कई हिंदू मुसलमान बन गया प्राण के डर से जिसके कारण आज भी हिंदुस्तान के बहुत से मुसलमान का पूर्वजों का नाम पता नहीं ।
उस समय हिंदू बोलकर कोई शब्द नहीं था सिर्फ शब्द था तो सनातनी मतलब हिंदुओं का एक ही धर्म है वह है सनातन धर्म अब यह बात हर किसी को पता नहीं है । दोस्तों हिंदुओं का संस्कृति को पूरी तरह यह लोग खत्म नहीं कर पाए क्योंकि हिंदुओं में भी कुछ लोग ऐसे थेजहां अपना धर्म को ही सर्वश्रेष्ठ मानते थे । उसे समयजितना भी नुकसान हुआ उसका तोवापस आने वाला नहीं है लेकिन हिंदुओं का जो दर्द है वह हमेशा बने रहेंगे । जब किसी को जबरन धर्म परिवर्तन करते हैं तो नुकसान किसको उठना पड़ता है आप तो समझ गए होंगे जब भाई भाई में आप उससे लड़ाई होंगे तो पदों से भी उसका मौका लेंगेतो से कैसे उसे समय हुआ जब सनातनी लोग आपस में हिंसा करने लगे तो बाहरी लोग आकर भारत में आक्रमण किया जिसके कारण हिंदुओं के एक-एक राजाओं को पराजित करके इस्लामी के राजाओं ने राजपाट कब्जा कर लिया ।
दोस्तों और यह बात सही है जो लोग हिंदू से मुसलमान बना हिंदुस्तान में उनको कैसे याद रहेगा यह तो आज की बात नहीं । मुसलमान राजाओं ने हिंदुस्तान में 700 साल तक शासन चलाया ,उसके बाद आया अंग्रेजों ने 300 साल तक भारत को कब्जे में लिया । तो आप ही बताइए यह पुराने इतिहास है और 1000 साल पुराने इतिहास लोग अपने पूर्वजों के नाम कैसे कोई बता सकता है । लेकिन भारत के कुछ मुसलमान लोगों ने यह बात मानते हैं और अयोध्या राम मंदिर के निर्माण में योगदान भी करते हैं ।
दोस्तों जब अंग्रेजों का भारत में आगमन हुआ तब इन क्रूर राजाओं के हाथों से हिंदू को धर्म परिवर्तित करने से बचाया । कम से कम इन क्रूर इस्लामिक राजाओं को सर्वनाश करने के बाद धर्म परिवर्तन बंद हुआ । लेकिन इधर अंग्रेजों ने भी भारत के कीमती खजाना को लूटने में कमी नहीं की । बहुत ऐसे कीमती खाजाना था अधिकांश लूटकर ले गया अंग्रेजों ने । तो दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारे यह जानकारी पसंद आया होगा और भी जानकारी जानना चाहते हैं तो हमारे साथ इसी तरह जुड़े रहिए आपका दिन शुभ हो । प्राचीन इतिहास इन हिंदी