पुराणों के अनुसार मरने के बाद आत्मा कितने दिन घर में रहती है ? जानें

bholanath biswas
0

 

पुराण


मरने के बाद आत्मा कितने दिन घर में रहती है ? जानें

मनुष्य मरने के बाद आत्मा कितने दिन घर में रहते हैं जानिए हमारे साथ मित्रों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत । भगवान श्री कृष्ण ने भागवत गीता में ही उपदेश देकर गए हैं कि जिनका जन्म हुआ है उनका मृत्यु निश्चित है । इसलिए धर्म कहते हैं कि हे मनुष्य जो भी अपना कर्म करो मेरे मार्ग पर ही करो ताकि मृत्यु के समय में ना तो तुम यहां से कुछ ले जा पाओगे और ना कुछ देकर जा पाओगे जो भी ले जाओगे अपना कर्म चाहे तुम बुरे कर्म करो या अच्छे । तुम्हारे आत्मा वही लेकर जाएंगे अच्छा और बुरा कर्म का नतीजा जो आने वाले समय में आपको दिया जाएगा । 


प्रिय मित्रों अधिकांश लोगों के मुंह से सुना जाता है कि मरने के बाद कौन जानता है क्या होता है जो लोग इस तरह से बातें करते हैं उन्हें आज इस पोस्ट को पढ़ना चाहिए । 


पुराण के अनुसार इंसान के शरीर नष्ट हो जाता है इंसान का आत्मा कभी नहीं मरती है । क्योंकि जो आत्मा भगवान ने सृष्टि किया ना तो उसकी मृत्यु है और न तो उसका विनाश आप कह सकते हैं कि आत्मा अमर है । अगर आत्मा की मृत्यु हो जाता है तो फिर उसका कर्म का फल कैसे भोग कर सकते हैं यह भी तो आपको जानकारी होना चाहिए । जो भी कर्म इंसान करते हैं उसका फल जरूर मिलता है अगर उनका कर्म का फल इस जन्म में प्राप्त नहीं हुई तो अगले जन्म में पर जरूर मिलता है । जब इंसान की मृत्यु हो जाता है तो आत्मा शरीर से अलग हो जाता है । अब उनका कर्म के अनुसार जन्म होता है  ।


मरने के बाद आत्मा कितने दिन घर में रहती है


पुराण के अनुसार जब इंसान की मृत्यु हो जाता है तो कुछ देर के लिए यमराज ने आत्मा को ले जाता है उसके बाद फिर से घर में छोड़ देते हैं 13 दिन के लिए । उस आत्मा ने जीवित समय कितने पुण्य काम किया है और कितनी पाप कर्म किए हैं उसका शुद्धिकरण करने के लिए 13 दिनों तक घर में छोड़ दिया जाता है । अब घर के सदस्यों ने उन आत्मा की शांति कामना करने के लिए मंत्र पाठ करके शुद्धिकरण किया जाता है । अगर उनका अधिक से पाप रहते हैं तो नष्ट हो जाता है अगर पाप नहीं किए हैं तो और ज्यादा पुण्य मिलती है । 13 दिन तक के लिए आत्मा को मौका देते हैं इसलिए यमराज ने घर में छोड़ देते हैं । 13 दिन के बाद फिर से उन्हें ले जाता है यमराज के द्वार । 


पुराणों के अनुसार जब भी किसी मनुष्य की मौत हो जाए तो आत्मा शरीर को त्याग कर यात्रा पर शुरू करती है तो इस दौरान उसे तीन प्रकार के मार्गदर्शन होता है जो कि क्रमशः अर्चि मार्ग, धूम मार्ग और उत्पत्ति-विनाश मार्ग। ये मार्ग 13 दिन के बाद मिलता है।


उस व्यक्ति जीवित समय कैसे कर्म किया है उसी के अनुसार अर्चि मार्ग ब्रह्मलोक और देवलोक की यात्रा के लिए होता है, वहीं धूम मार्ग पितृलोक की यात्रा पर ले जाता है और उत्पत्ति-विनाश मार्ग नर्क की यात्रा के लिए है।

इस तरह अपने कर्म के अनुसार यमराज ने तय करते हैं कि उन आत्मा किस मार्ग पर जाएंगे ।


मैं आशा करता हूं कि हमारे यह पोस्ट आपको पसंद आया होगा । प्रिय मित्रों अगर हमारे यह पोस्ट पसंद आया तो कमेंट अवश्य करें और हमारे साथ इसी तरह जुड़े रहिए धन्यवाद ।


Tags

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!
10 Reply