कुलदेवी शाबर मंत्र :
आपका कुल देवता कौन है? जैसे कि आपके कुल देवता हनुमान जी है, भगवान शिव है, मां दुर्गा है, मां काली है, मां मनसा देवी है, माता शीतला है या फिर कोई भी शक्ति आपकी कुलदेवी या कुल देवता है । तो आप उनकी सिद्धि प्राप्त कर सकते हो और आपका आपका कल्याण तो होगा ही होगा साथ में आप अन्य लोगों का भी कल्याण कर सकते हो । तो कुल देवता की सिद्धि कैसे करी जाती है उसके बारे में मैं आज आपको जानकारी दूंगा और अगर आपको नहीं पता है कि आपके कुल देवता कौन है तो भी आपके कुल देवता की सिद्धि हो जाएगी और वह खुद ब खुद आपको बताएंगे कि हम आपके कुल देवताएं मतलब कि जब आपको सिद्धि प्राप्त होगी कुल देवता की तो वह उनके दर्शन आपको सपने में होंगे उनके दर्शन आपको और आपको पता भी चल जाएगा आपके कुल देवता कौन है । दोस्तों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है अगर आप हमारे वेबसाइट में नए हैं तो जल्दी से फॉलो कर लीजिए जब भी कोई नया अपडेट होंगे आपके पास पहले नोटिफिकेशन पहुंचेंगे ।
जिन लोगों को पता है वह भी सिद्ध करेंगे ताकि उनके कुल देवता की शक्ति उनको प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त हो सके और वह अपने कार्यों को सिद्ध करवा सके और जिन लोगों को नहीं पता है उन लोगों को कुल देवता की जानकारी भी हो जाएगी और साथ में कुल देवता की सिद्धि भी प्राप्त हो जाएगी ।
तो चलिए शुरू करते हैं सबसे पहले आपको कोई भी शुभ दिन से यह साधना शुरू करनी है और यह साधना 21 दिनों की साधनाएं 21 दिनों में आपको सिद्धि प्राप्त हो जाएगी । तो 21 दिनों की यह साधनाएं इसके लिए आप कोई भी अच्छा दिन चुन ले होली, दिवाली, शिवरात्रि, नवरात्रि, दशहरा और इसके अलावा गुरु पुष्य योग, रवि पुष्य योग ग्रहण कर लो ठीक है और योगिनी एकादशी योग, भैरव अष्टमियों, हनुमान जयंती हो कोन सा भी शुभ दिनों अगर इनमें से कोई भी दिन आसपास नहीं है तो आप शुक्ल पक्ष में इस साधना को शुरू कर सकते हो । पूर्णि से शुरू कर सकते हो या फिर अमावस्या से शुरू कर सकते हो । तो एक लकड़ी का बाजोट आपको ले लेना है उसके ऊपर लाल रंग का या फिर पीले रंग का वस्त्र आपको बढ़ा लेना है उस वस्त्र के ऊपर आपको अगर आपके कुल देवता है आपको पता है तो अपने कुल देवता की फोटो आपको स्थापित करनी है वहां पर । अगर कुल देवता की जानकारी आपको अगर नहीं है जानकारी तो फोटो आपको नहीं रखनी है । उसके बाद में एक जिनका नहीं पता है हमारे कुल देवता कौन है कौन नहीं है तो वह एक पत्र रखेंगे उस पत्र में एक जल का लोटा रखेंगे उसमे थोड़ा सा गंगाजल डाल करके रखेंगे और एक देसी घी का दीपक जलाएंगे, बत्ती जलाएंगे और प्रसाद के रूप में आप मिश्री के दाने थोड़े या फिर बताशे थोड़े से मिश्री के दाने या फिर बताशे आप लोग रख सकते हो । जो भी उपस्थित हो आपके पास वह आपको रखना है और एक नारियल आपको पानी वाला जरूर रखना है ।
उसके बाद लाल रंग का वस्त्र लपेट करके पानी वाले नारियल पर या फिर लाल रंग की चुनरी हो या पीले रंग का वेस्टन कोई भी वस्त्र उसके ऊपर लपेटना है आपको ललिया पीला लपेट करके रखना है और ₹11 या ₹21 आपको रखनी है अपने कुल देवता के लिए । और जिनके पास तस्वीर है वह तस्वीर रखेंगे अपने कुल देवता की जिनके पास तस्वीर नहीं है वह बस खाली यह सारा सामान रखेंगे पत्र में । उसके बाद में आपके हाथ में जल लेना है हाथ में जल लेकर के संकल्प करना है कि मेरा नाम यह मेरे पिताजी का नाम यह मेरा गोत्र यह है और मैं अपने कुल देवता की सिद्धि प्राप्त करना चाहता हूं साथ में मुझे नहीं पता है कि मेरे कुल देवता कौन है तो मुझे उनके दर्शन भी प्राप्त हो सपना के माध्यम से या फिर सामने प्रत्यक्ष रूप से । जैसा भी मेरे कुल देवता मुझे संकेत देना चाहते हैं और वह मुझे संकेत दें इस प्रकार अपने बारे में जानकारी प्रदान करें ताकि मैं उनकी सेवा, उनकी भक्ति, आराधना नियमित रूप से कर सकूं ।
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इस तरीके से आपको संकल्प लेना है और उसके बाद में संकल्प लेने के बाद में आपको सबसे पहले एक माला भगवान गणेश पहनाए और फिर काहे मेरा नाम यह मेरे पिताजी का नाम यह मेरा गोत्र यह है और मैं अपने कुल देवता की सिद्धि प्राप्त करना चाहता हूं साथ में मुझे नहीं पता है कि मेरे कुल देवता कौन है तो मुझे उनके दर्शन भी प्राप्त हो सपना के माध्यम से या सामने प्रत्यक्ष रूप से । जैसा भी मेरे कुल देवता मुझे संकेत देना चाहते हैं और वह मुझे संकेत दें अपने बारे में जानकारी प्रदान करें ताकि मैं उनकी सेवा उनकी भक्ति आराधना नियमित रूप से कर सकूं । इस तरीके से आपको संकल्प लेना है और संकल्प लेने के बाद में आपको सबसे पहले एक माला भगवान गणेश चढ़ना है उसके बाद मंत्र बोलना है । ओम श्री गणेशाय नमः ओम श्री गणेशाय नमः ओम श्री गणेशाय नमः इस मंत्र की आपको 21 बार करनी है । इसके बाद में 21 बार करनी है भगवान शंकर की मंत्र । ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय ठीक है यह करनी है एक माला इसके बाद में आपको अपने कुल देवता के मंत्र की 21 बार करनी है ओम श्री कुल देवता भाव नमः इस तरीके से अपने कुल देवता की आपको 21 मंत्र करनी है ।
इसके बाद में जब आपका मंत्र का जप पूरा हो जाए तो जितना भी आपने जाप किया है वह पूरा जाप अपने कुलदेवता को अर्पित कर देना है समर्पित कर देना है अगर आपकी कुलदेवी है । तो सामान्य रूप से अपने हृदय से और आपको बोलना है कि है मेरे कुल देवता आप हमारे कल के देवताओं और हम आपकी संतान है और हमने जितना भी जाप किया है जितने भी पूजा पाठ इत्यादि किया है वह सब कुछ हम आपको अर्पित करते हैं आप हमें दर्शन दीजिए और हमें अपने अपना परिचय करवाइए अपनी शक्तियों से अवगत करें चाहे सपना के माध्यम से चाहे साक्षात रूप से । इस तरीके से अपने जाप को अर्पित कर देना है और उसके बाद में प्रणाम करना है अपने कुल देवता को अपने इष्ट को प्रणाम करना है, धरती माता को प्रणाम करना है । उसके बाद में इसी तरीके से आपको 21 दिनों तक नियमित रूप से साधना पूजा करनी है । जो नारियल है वह नारियल 21 दिनों तक ऐसे ही रखा रहेगा और बाकी की सारी चीज आपको रोज बदलना है । यानी कि जो प्रसाद है, जो जल का लोटा है, जो धूपबत्तियां अपने जलाइए यह सारी चीज रोज आपको बदलना है वह नारियल रहेगा 21 दिनों तक । और रोज का जो जल है वह आप पौधों में डाल सकते हो जो प्रसाद आपने चढ़ाया वह प्रसाद आप और आपके घर के जो भी लोग हैं वह सभी लोग खा सकते हैं और जो पैसे आपने चढ़ाया हैं पैसे पहले दिन ही बस खाली आपको चढ़ना है ।
अगर आप रोज ₹11 चढ़ा सको तो और भी ज्यादा अच्छा है वह ₹11 आप रोज किसी मंदिर में दे सकते हो, किसी छोटे छोटी कन्या को दान दे सकते हो, किसी मंदिर में चढ़ा सकते हो । अगर आप रोज ₹11 चढ़ा रहे हो तो रोज अगले दिन ₹11 किसी मंदिर में आप चढ़ा कर आ जाओ नहीं तो फिर आप 21 दिनों के बाद में सारे पैसे इकट्ठे करके एक साथ ही आप मंदिर में चढ़ा देना । और लास्ट में जब आपकी 21 दिनों तक की साधना पूरी हो जाएगी तो उसके बाद में वह नारियल आपको आप छील करके उसे नारियल को फोल्ड करके आप लोग घर के सभी लोग प्रसाद के रूप में उसको ग्रहण कर सकते हो । और बाकी सारी चीज मैंने आपको बताई दी है मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से आपको करना है । और दिशा आपकी रहेगी पूर्व दिशा या फिर उत्तर की दिशा या फिर पश्चिम की दिशा तीनों में से कोई भी दिशा आप चुन सकते हो । समय आप सुबह के वक्त भी कर सकते हो और शाम के वक्त भी कर सकते हो और बाकी दिन तो मैंने बताई दिया कि किस शुभ दिन से शुरू आपको करना है ।
और बाकी जो भी है मुझे आप पूछ लेना कमेंट में पॉसिबल हुआ तो मैं आपको जरूर जवाब दूंगा और जो यह मंत्र मैंने आपको बताया इस मंत्र का जाप करना हवन इत्यादि करने की इसमें आवश्यकता नहीं है । और साधना आपकी जब तक जब तक आप साधना करोगे तब तक आपका जो देसी घी का दीपक है वह जलते रहना चाहिए । तो यह है दोस्तों इसे आपको सपने के माध्यम से या जो भी आपके कुल देवता है या साक्षात रूप से आपके दर्शन भी देंगे और उनकी सिद्धि भी आपको प्राप्त होगी जब सिद्धि प्राप्त हो जाएगी तो उसके बाद जो भी कार्य उनसे बोलेंगे आपका वह कार्य पूर्ण हो जाएगा और जब आपका कार्य पूर्ण हो जाए उसके बाद में आप उनको भोग प्रसाद जरूर अर्पित करें । मेघराज के 100% सफल रामबाण टोटके: शत्रु का होगा नाश, दरिद्रता होगा दूर