कामदेव मंत्र साइड इफेक्ट्स
कामदेव मंत्र साधना करने से क्या आप पर इफेक्ट पड़ सकता है यही जानने के लिए हमारे साथ आप बने रहिए नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । दोस्तों कहीं भी अगर आप देखोगे जहां अच्छाई हैं तो वहां बुराई भी होते हैं इसलिए हमें अच्छा प्राप्त करने से पहले बुराई को भी जान लेना जरूरी है ।
दोस्तों चलिए आगे बात करते हैं विद्यमान ऋषियों द्वारा लिखा गया है और एक पेशेवर वक्त द्वारा बोला गया है आईए जानते हैं कि कामदेव की साधना करना सही है या गलत ? प्रेम जीवन का एक आवश्यक और मूलभूत तत्व है मनुष्य के लिए उतना ही जरूरी है जितना की हवा पानी इत्यादि । प्रेम कौन नहीं चाहता है, आकर्षक बनना कौन नहीं चाहता है, कौन नहीं चाहता कि लोग उससे प्रभावित हो ,कौन नहीं चाहता कि लोगों के समूह में उसकी बात सुनी जाए । लेकिन यह चीज सिर्फ चाहने से नहीं हो पाती कुछ लोगों को यह खूबियां उनके पूर्व जन्म कृत पूणय के फल स्वरुप जन्म काल से ही मिलती हैं तो कुछ को इसके लिए प्रयास करना पड़ता है ।
दर्जनों उदाहरण इस बात से भरे पड़े हैं की निरंतर और कठोर प्रयास से कई लोगों ने अपने व्यक्तित्व में सुधार किया और जिन तत्वों का समावेश भी अपने व्यक्तित्व में चाहते थे उसे प्राप्त करने में सफल रहे । हां इसकी मात्रा निर्णायक हो सकती है लेकिन बात सिर्फ गुन की प्राप्ति की नहीं है बल्कि उससे भी कहीं आगे बढ़कर जीवन में प्रेम प्रताप की है । जीवन में मधुरता की स्थापना की है जीवन में उल्लास की स्थापना की है । जैसा कि हम सब जानते हैं कि कुछ लोग जन्म से ही सुंदर होते हैं उनका व्यक्तित्व काफी आकर्षक होता है कुछ लोगों की वाणी में विशेष प्रभाव होता है वह इतने प्रभावशाली ढंग से अपनी बातों को रखते हैं कि अन्य लोग या लोगों का समूह प्रभावित हो जाता है इन सब स्थितियों की प्राप्ति संभव है । जीवन में कामदेव साधना को स्थान देने से स्वतंत्रता के बाद भारत में विक्टोरियन प्रेरित शुद्धता बाद की स्थापना हुई प्राचीन और मध्यकालीन भारत प्रेम इच्छा के बहुत अभियंजक थे प्रेम और प्रेम के विस्तार के रूप में सेक्स का प्राचीन भारत में गहरा और महत्वपूर्ण स्थान था । इस तथ्य के साक्षी हैं विभिन्न कामशास्त्र जैसे कामसूत्र रति । रहस्य आनंद रंग नगर सर्वस्व जो इतिहास के विभिन्न कॉल करो में पहले हुए हैं संभोग भारतीय तंत्र के सिद्धांत के पीछे पंचम कारों में से एक था । वास्तव में कामदेव को स्वयं प्राचीन भारत में एक देवता के रूप में पूजा जाता था और कामदेव को समर्पित विशिष्ट मंदिर थे । लोग अपने प्रेम की इच्छा को पूरा करने के लिए भगवान कामदेव की पूजा करते थे ।
उदाहरण के लिए दसवीं शताब्दी का तमिल महाकाव्य शिवा का चिंतामणि में एक राजकुमारी और मंजरी की बात है जो कामदेव के मंदिर में जाती है और मनचाहे व्यक्ति को प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करती है । ग्रंथ में इस तथ्य का भी उल्लेख है कि उस मंदिर में कामदेव की मूर्ति सोने की बनी थी । लोगों में सामान्य रूप से कामदेव के प्रति कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक भावना विद्यमान होती है अधिकांश शुद्ध मानसिकता वाले लोग हैं जो कामदेव साधना का तात्पर्य सिर्फ यो क्रियो में पूर्ण सफलता प्राप्त की क्षमता को लेकर देखते हैं । जबकि इसका वास्तविक स्वरूप बहुत विस्तृत है । कामदेव को भस्म करने के पश्चात जब सृष्टि में उत्पादन क्षमता समाप्त हो गई तब भगवान शिव ने आनंद रूप में कामदेव को पुनर्जीवित किया । कामदेव का अर्थ है जीवन में उत्साह, ऊर्जा, यौवन, गीत संगीत, नृत्य और सौंदर्य की पुनर्स्थापना । किसी भी उम्र जाति धर्म इत्यादि का इस साधना में कोई बंधन नहीं है । यह सब राजनीतिक सामाजिक स्थितियां होती हैं जिनका वास्तविक साधनात्मक क्षेत्र में महत्व शून्य है । जीवन में पग पग पर कामदेव की सत्ता स्थापित दिखाई पड़ती है । अगर हमारी दृष्टि इतनी व्यापक हो तो हम इसे तात्विक रूप से समझने में समर्थ हो पाते हैं ।
अगर काम शक्ति मंद पड़ गई तो संतान की उत्पन्न में बाधा होगी, अगर काम शक्ति मंद बढ़ गई तो व्यापार में मंडा पड़ेगी,अगर काम शक्ति मंद पड़ गई तो जीवन में सौंदर्य और रस भी फीका लगने लगेगा, अगर काम शक्ति मंद पड़ गई तो जीवन में निराशा घेर लगी, दैनिक जीवन के कार्यों में उत्साह की कमी इत्यादि जैसी स्थितियां भी झेलनी बढ़ जाएगी । कामदेव की साधना जब हम व्यापक रूप में करते हैं तो इसके निम्नांक के प्रभाव हमारे जीवन में दृष्टि गोचर होते हैं गृहस्थ जीवन में पूर्ण समर्थ की प्राप्ति होती है । मन में विशेष प्रकार के उत्साह का संचार होने लगता है दैनिक जीवन के कार्यों को उत्साह के साथ संपन्न करने की प्रवृत्ति का विकास होने लगता है । व्यक्तित्व में मनुकूल परिवर्तन होने लगता है लोगों पर चेहरे की भाव भंगिमा और शारीरिक गतिविधियों में विशेष परिवर्तन होना प्रारंभ हो जाता है ताकि सामने वाले पर सकारात्मक प्रभाव पड़े । वाणी में ओजस्विता आने लगती है जिसे सुनने वाले मंत्र मुग्ध हो जाते हैं वाणी में किसी भी प्रकार का दोष हो तो वह समाप्त होने लगता है । शरीर में एक विशेष प्रकार की अभाव विद्यमान होने लगती है उम्र कम अनुभव होती है । कामदेव की साधना से शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति होने लगती है जीवन में बहुत एक सुख सुविधाओं की प्राप्ति के योग बनने लगते हैं । कार्य व्यापार में काम तत्व स्थापित होने लगता है । अर्थात लाभ कई गुना उत्पन्न होने लगता है जीवन की निरस्त समाप्त होने लगती है और जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण उत्पन्न होता है । कामदेव जी के बहुत मंत्र शास्त्रों में उपलब्ध हैं जिनके द्वारा इच्छाओं को पूरा किया जाता है तो अगर आप ही कामदेव जी की साधना सीखना चाहते हैं तो हमारे वेबसाइट पेज का लिंक दिया गया है आप क्लिक करकेजानकारी प्राप्त कर सकते हैंहमारे साथ जुड़ने के लिए फॉलो कर सकते हैं ।
कामदेव मंत्र साइड इफेक्ट्स
अब आगे की बात करते हैं कामदेव मत्रों की साइड इफेक्ट्स कैसे होते हैं जैसे कि आप मंत्र साधना करके सिद्ध कर लिए हैं और आप पर व्यक्ति आकर्षित होने लगता है तो उसे समय आपको नाजायज फायदे नहीं उठाना चाहिए । कामदेव की मेट्रो में इतना शक्ति होती हैं कि जो व्यक्तिइस मित्रों का सिद्ध कर लेते हैंतोहर कोई व्यक्ति उन पर मोहित होने लगते हैंयानी आप पर आकर्षित होंगेअगर आप किसी को आकर्षित करके प्रेम का जाल में फंसा कर उनसे शारीरिक संबंध बनाते हैं या उनके साथ गलत व्यवहार करते हैं तो इस मंत्र का उल्टा असर हो जाता है, यानी किसी भी प्रकार का इस मंत्र के जरिए दुष्परिणाम नहीं करना चाहिए । दोस्तों इस मंत्र को सिद्ध करके अगर आपगलत कर्म करते हैं तो इसका साइड इफेक्ट100% हो जाता है और इससे बचने के लिए कोई उपाय वशेष नहीं रहते हैं । इसलिएआपको ध्यान में रखते हुए इस मंत्र को साधना करें सिद्ध करें उसके बाद इस मंत्र का लाभ उठाएं तो दोस्तों हमारे यह पोस्ट आपको कैसे लगा कमेंट करके जरूर बताइए ।