डिलीवरी के कितने दिन बाद पूजा करना चाहिए ? जानिए विस्तार से

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 डिलीवरी के कितने दिन बाद पूजा आराधना करना चाहिए जानिए हमारे साथ मित्र नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । किसी भी देवी देवताओं की पूजा आराधना करना यह तो हम सभी का परंपरा है  । हिंदू सनातन धर्म में पूजा आराधना में बहुत कुछ विधि और नियमों को पालन करना पड़ता है अगर हम सही से नियम पालन नहीं करेंगे तो हमारे लिए नुकसान भी हो सकता है । 



हिंदू धर्म में अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो उसका शरीर अशुद्ध माना जाता है । मतलब किसी मृत व्यक्ति के शरीर को कोई व्यक्ति छू लेते हैं तो वह व्यक्ति भी अशुद्ध हो जाता है यानी उन्हें भी गंगा पानी से नहाना पड़ता है । और यह परंपरा आज से नहीं है प्राचीन काल से चलेगा रहे हैं । परंतु हिंदू सनातन धर्म के लोग इस तरह क्यों मानते हैं ?


इसका भी कुछ वजह है जो सभी को जानना आवश्यकता है । व्यक्ति के शरीर से प्राण निकालने के बाद उस शव से एक ऐसा खतरनाक बैक्टीरिया बाहर फैलते हैं जिसे हम सभी को नुकसान पहुंचा सकते हैं जिसके कारण शव छूने के बाद लोग अपने को किसी पानी में जाकर साफ सुथरा हो जाते हैं जिससे हमारे शरीर में किसी भी प्रकार के बीमारी ना हो । और यह प्रक्रिया सदियों से चले आ रहे हैं । हमारे पूर्वजों ने इसी प्रकार करते हैं थे इसलिए आज भी हम लोग उन्हीं का शिक्षा निभा रहे हैं । हिंदू धर्म में यह भी मान्यता है कि शव को अग्नि में ही जलाना चाहिए ताकि खतरनाक बैक्टीरिया कीटाणु चारों और ना फैलें । 


ठीक उसी प्रकार जब किसी महिलाएं की डिलीवरी होती हैं तो उन्हें भी अशुद्ध माना जाता है ।आपके मन में यह प्रश्न जरूर करता होगा की एक नवजात शिशु को जन्म देने के बाद भी उन्हें अशुद्ध क्यों मनाया जाता है ?

क्योंकि जब कोई महिलाएं अपने संतान को जन्म देती हैं तब उसके साथ-साथ कुछ खतरनाक 🦠बैक्टीरिया बाहर आते हैं और कुछ गंदगी भी जिसे संतान और महिला को कहीं क्षति न पहुंचे इसलिए उन्हें 7 दिन तक अस्पताल में ही रखा जाता है । 


जब कोई महिलाएं नवजात शिशु को जन्म देते हैं तब उनका शरीर पूरी तरह कमजोर हो जाता है जिसके कारण उन्हें घर से बाहर ना निकलने के लिए कम से कम 40 दिन तक सलाह दी जाती हैं । डिलीवरी होने के बाद कम से कम उन महिला का शरीर पूरी तरह स्वस्थ होने में 3 से 4 महीना तक लग जाता है । 


ज्योतिष विज्ञान कहते हैं :-  महिला की डिलीवरी होने के बाद संतन और मां को कम से कम 21 दिन तक घर के किसी अलग अच्छे स्थान पर रखें इससे संतान और मैं दोनों ही सुरक्षित रहेंगे । कहां गया है कि संतान की सुरक्षा और मां की सुरक्षा के लिए ही इस नियम का पालन करना अनिवार्य है । 21  दिन के बाद ही सभी लोग संतान को अपने गोद में ले सकते हैं । 


अब जानते हैं कि डिलीवरी होने के बाद

कब से पूजा आराधना करना चाहिए  ।


पूर्वजों की मान्यता के अनुसार डिलीवरी होने के बाद कम से कम 3 महीने तक किसी भी देवी देवताओं का पूजा आराधना नहीं कर सकते हैं । उससे पहले आपको गंगा स्नान करना बहुत आवश्यकता है । पूर्वजों की मान्यता यह है किसी भी पवित्र स्थानों पर जाने से पहले गंगा स्नान करना अनिवार्य होता है इसलिए डिलीवरी महिला को गंगा स्नान करने के बाद ही किसी पवित्र स्थान पर जाएं  । 3 महीने के बाद आप गंगा स्नान करें अपने शरीर को पवित्र बनाएं उसके बाद किसी भी देवी देवताओं का पूजा आराधना कर सकते हैं ।


अगर आपके वहां गंगा स्नान करने की कही सुविधा नहीं है तो बाजार में जाकर गंगा पानी खरीद करके कम से कम आप को नहाना अति आवश्यक है । गंगा पानी में नहाने से आपकी शरीर पवित्रता हो जाएगा और तो और आपके शरीर में छोटे-मोटे बीमारी भी दूर हो सकता है ।

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