हवन आहुति मंत्र 108 PDF FREE DOWNLOAD
हवन करते समय इस प्रभावशाली मित्रों का करें प्रयोगआपका मनोकामना जल्दी होगा पूरी दोस्तों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत । अगर आप चाहते हैं हवनसंपूर्ण हो तो उसके लिए आपको इस मंत्र का प्रयोग अवश्य करना चाहिए बहुत ऐसे दोस्त है जो अपने मोबाइल फोन पर पीएफ के माध्यम से लेना चाहते हैं तो मैं उसके लिए एक पीडीएफ भी बनाया हूं तो दोस्तों सबसे पहले आपइस मंत्र को ध्यान से देखिए और अपने पास PDF को डाउनलोड करके रखें आने वाले समय में यही मंत्र आपके लिए काम आने वाले हैं । हवन पूर्ण करने के लिए 108 मत्रों बताया गया है हमें उम्मीद है आपका काम सक्सेस होने वाले हैं दोस्तों आप किस उद्देश्य के लिए हवन कर रहे हैं यह तो आप ही को पता है लेकिन जो भी हो किसी की नुकसान नहीं होना चाहिए । हवन उन्हीं लोगों के लिए होते हैं जहां हमेशा सकारात्मक हो यानी उनका भला हो । विकट परिस्थिति को दूर करने के लिए हवन किया जाता है अगर आपके जीवन में कई परेशानियां है तो इस प्रभावशाली मित्रों से हवन करके अपने परेशानियों को दूर कर सकते हैं । दोस्तों हवन करने से पहले बहुत कुछ नियम होते हैं जहां अपने आर्टिकल के माध्यम से नहीं बताया गया है आप अपने गुरु से जानकारी अवश्य लें उसके बाद हवन शुरू करें ।
ॐ अग्नये स्वाहा।
ॐ सोमाय स्वाहा।
ॐ अंगारकाय स्वाहा।
ॐ बुधाय स्वाहा।
ॐ बृहस्पतये स्वाहा।
ॐ शुक्राय स्वाहा।
ॐ शनैश्चराय स्वाहा।
ॐ राहवे स्वाहा।
ॐ केतवे स्वाहा।
ॐ सूर्याय स्वाहा।
ॐ चन्द्रमसे स्वाहा।
ॐ अनन्ताय स्वाहा।
ॐ गोविन्दाय स्वाहा।
ॐ विष्णवे स्वाहा।
ॐ हृषिकेशाय स्वाहा।
ॐ पितृभ्यः स्वाहा।
ॐ दत्तात्रेयाय स्वाहा।
ॐ हयग्रीवाय स्वाहा।
ॐ लक्ष्मीनृसिंहाय स्वाहा।
ॐ सुधर्शनाय स्वाहा।
ॐ वासुदेवाय स्वाहा।
ॐ संकर्षणाय स्वाहा।
ॐ प्रद्युम्नाय स्वाहा।
ॐ अनिरुद्धाय स्वाहा।
ॐ पुरुषोत्तमाय स्वाहा।
ॐ अधोक्षजाय स्वाहा।
ॐ नारसिंहाय स्वाहा।
ॐ अच्युताय स्वाहा।
ॐ जनार्दनाय स्वाहा।
ॐ उपेन्द्राय स्वाहा।
ॐ हरये स्वाहा।
ॐ श्रीकृष्णाय स्वाहा।
ॐ हंसाय स्वाहा।
ॐ परमहंसाय स्वाहा।
ॐ परात्पराय स्वाहा।
ॐ सच्चिदानन्दाय स्वाहा।
ॐ श्रीमहाविष्णवे स्वाहा।
ॐ श्रीमहादेवाय स्वाहा।
ॐ रुद्राय स्वाहा।
ॐ शम्भवे स्वाहा।
ॐ ईशानाय स्वाहा।
ॐ पशुपतये स्वाहा।
ॐ महेश्वराय स्वाहा।
ॐ सदाशिवाय स्वाहा।
ॐ उग्राय स्वाहा।
ॐ भीमाय स्वाहा।
ॐ उमापतये स्वाहा।
ॐ कामारये स्वाहा।
ॐ अन्धकासुरसूदनाय स्वाहा।
ॐ गंगाधराय स्वाहा।
ॐ लिङ्गेश्वराय स्वाहा।
ॐ भैरवाय स्वाहा।
ॐ कालभैरवाय स्वाहा।
ॐ अन्नपूर्णेश्वराय स्वाहा।
ॐ नीलकण्ठाय स्वाहा।
ॐ चन्द्रशेखराय स्वाहा।
ॐ त्रिनेत्राय स्वाहा।
ॐ विश्वेश्वराय स्वाहा।
ॐ पिनाकिने स्वाहा।
ॐ शूलपाणये स्वाहा।
ॐ नन्दिकेश्वराय स्वाहा।
ॐ गजाननाय स्वाहा।
ॐ गणपतये स्वाहा।