किसी भी देवी देवताओं को 2 मिनट में बुलाएं और बातें करें

bholanath biswas
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किसी भी देवी देवता से बात कैसे करें


किसी भी देवी देवता से बात कैसे करें ?

अपना कोई भी कार्य सफल नहीं हो रहा है किसी प्रकार का स्वप्न के माध्यम से आपको कोई काम नहीं बन रहा है आप जो चाहते हैं वह आपको प्राप्त नहीं हो रहा है किसी ने किसी वजह से सब बेकार होते जा रहा है । तो आज मैं आपको एक ऐसी प्रार्थना के बारे में बताऊंगा जो प्रार्थना को आप करते हैं तो वहां पर देवता हाजिर होगा एवं  वहां पर देवता जागृत होते हैं आपके घर के मंदिर में कई लोग इस गलती को कर देते हैं कि जब वह पूजा करते हैं तो इस तरीके से प्रार्थना नहीं करते और मैं आपको बता दू इस तरीके से की गई प्रार्थना से देवता वहां पर आते हैं । क्योंकि देवता जो होते हैं वह वचन बंद होते हैं जब उनके भक्त नहीं आते हैं तो देवता दौड़े चले आते हैं पर आपको बुलाने का तरीका पता होना चाहिए । नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है आज हम लोग इसी टॉपिक के बारे में जानेंगे जहां ईश्वर मौजूद होकर अपने भक्तों को कृपा करते हैं ।



 कई लोग यह कहते हैं कि हम सभी भगवानों की पूजा करते हैं हमारे घर में तो सभी भगवानों की मूर्तियां तस्वीरें हैं । दोस्तों मैं आपको बता दूं की पूजा श्रद्धा आप सभी के प्रति रख सकते हैं पर पूजा एक की होती है । जैसे मैंने एक व्यक्ति से पूछा कि भगवान के सामने दीपक किस भगवान के नाम का दीपक जलते हैं उन्होंने नाम तो सभी भगवानों के नाम लिया । हमारे घर के मंदिर में बहुत सी तस्वीर हैं भगवान की मूर्ति है उन्हीं के नाम का दीपक जलते हैं तो मैं आपको बता दूं कि दीपक जो होता है वह केवल एक ही देवता का नाम से जलाया जाता है । जब आप अपने घर में दीपक जलाते हैं तो जिस देवता को आप पूछते हैं जिनके प्रति आपकी श्रद्धा है जो आपके इशट हैं, कुलदेव हैं कुलदेवी हैं उन्हीं के नाम का दीपक आपको जलाना होता है तभी वह वहां पर प्रकट होते हैं । मान लीजिए एक बच्चों की क्लास है स्कूल का उदाहरण ले लेता हूं जब तक आप किसी व्यक्ति का नाम लेकर उसे नहीं बुलाएंगे तब तक वह नहीं आएगा । एक क्लास में 100 बच्चे हैं और जो 100 के 100 लड़के हैं आप अगर यह कहेंगे लड़के द्वारा तो कौन लड़का आएगा यह फैसला नहीं हो पता पर आप अगर किसी एक का नाम लेकर बुलाते हैं तो वह भी व्यक्ति आएगी । इसी प्रकार से भगवान तो हमारे मंदिर में बहुत से होते, तस्वीर बहुत सी होती है, मूर्तियां बहुत सी होती हैं और किसी आप बुला रहे हैं यह बहुत महत्वपूर्ण है ।,किस आप चाहते हैं और किस आप पुकार रहे हो यह बहुत महत्वपूर्ण है किसके चरणों में आप शीश नवा रहे हैं किसके लिए भक्ति कर रही है बहुत महत्वपूर्ण होती है । तो इसलिए एक देवता के नाम का दीपक आपको जलाना चाहिए उसी में सब आ जाते हैं ।



 क्योंकि अगर एक को वापस सिद्ध कर लिया तो सभी सिद्ध हो जाते हैं । एक शक्ति सिद्ध हो जाती है तो वह अन्य शक्तियों वह भी सिद्ध होती चली जाती है इसलिए एक दीपक आपको जलाना चाहिए और अपने इष्ट देवता का सामने दीपक जलाना चाहिए बाकी आप चौमुखा दीपक जला सकते । उन्हीं के नाम का उनका नाम लेकर आपको बताऊंगा कि कैसे दीपक आपको जलाना चाहिए और क्या वह प्रार्थना है जिस देवता वहां पर जागृत हो जाते हैं और अपना जो अपनी शक्ति होती है वह आपको प्रदान करते हैं । जब भी आप दीपक जलाते हैं तो पहली बात नहा धोकर साफ सुथरे पवित्र होकर दीपक जलाइए आप अपने समर्थ के अनुसार किसी को देखकर मत जाइए कि वह देसी घी का जलता है तो मैं देसी घी जलाऊंगा तभी देवता आएंगे ।  तेल आपका समर्थ जिसमें है अगर आपका समर्थ है कि आप तिल का तेल वह जला लीजिए, सरसों के तेल का वह जला दीजिए अगर उसमें भी आपकी समर्थ नहीं है तो आप मात्र दो धूपबत्ती लगा सकते हो । केवल एक दो बत्ती लगा दीजिए उनके नाम की वह भी पर्याप्त होती है पर दीपक जो है उसका एक अलग ही चमत्कार होता है । पूजा स्थल में दीपक जलना अंग माना जाता है दीपक हिंदू धर्म में बिना दीपक के कोई पूजा नहीं की जाती इसलिए दीपक जलाएं । जितना हो सके अनुसार और अगर आप देसी घी और गाय का दीपक जलाएं तो इससे अच्छी बात कुछ हो ही नहीं सकती । एक बात और मैं आपको बता दूं कभी भूलकर यह गलती मत कर देना कि आप तेल का दीपक जला रहे हो और रोटियां में घी लगाकर खा रहे हो देसी तो इससे इस देवता नाराज हो जाते हैं जो आप खा रहे हो अगर आपके पास चटनी रोटी है तो उसी का भोग लगाइए । आपके पास अगर घी है तो घी उनको भी भोग लगाइए यानी उनकी भी घी की दीपक जलानी चाहिए आप इस चीज का विशेष रूप से ध्यान रखिए । मेघराज के 100% सफल रामबाण टोटके: शत्रु का होगा नाश, दरिद्रता होगा दूर


कई लोग हमारे यहां पर डेढ़ सौ ₹200 किलो वह कहते हैं मार्केट में घी मिलता है देसी दुकानों पर बोला जाता है देसी घी 150 रुपए किलो आपको बता दे इसी की 200 300 रुपए किलो नहीं मिलता अब उसकी जो जलते हैं पूजा करने के लोग कहते भी हैं तो यह भगवान को चूना लगाने वाली बात होती है उनको भी बताएं क्या सही है क्या गलत है जो आप खा रहे हो वही अपने खिलाए अगर आप भी खा रहे हो देसी अच्छा वह भी अपने इस चीज का ध्यान रखें ।


 अब बात करते हैं प्रार्थना क्या है देखिए सबसे पहले मैं आपको दीपक जला देता हूं बता देता हूं कैसे जलाना है जब भी आप दीपक जलते हैं तो आपको इस प्रार्थना को बोलना है दीपक जलाएं आपको इस प्रार्थना को उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति को बुलाओगे तो उसका उसके पिता का नाम उसके भाई बहन का नाम उसकी जगह इस तरीके से आप बुला सकते हो उसी प्रकार देवता को आपको बुलाना होता है । जैसे भगवान शिव नरेश है तो मैं भगवान शिव का आवहान करता हूं बुलाता हूं उनको दीपक जलाने से पहले और दीपक जलाने के बाद यही प्रार्थना में करता हूं कि है शिव शंकर भोलेनाथ कैलाशपति नीलकंठ महाराज सर्प को धारण करने वाले हे उमापति हे महादेव, हे कृपालु हे दयालु अपने भक्तों पर कृपा करने वाले सदैव अपने भक्तों की रक्षा करने वाले बहुत कस्ट से उतरने वाले ही देवों के देव महादेव है भस्म धारी है कैलाशपति इस प्रकार आपको इस तरीके से आपको बोलना मैं आपके साथ की जो जल रहा हूं जैसी भी मुझे बालक से बन रही है मैं आगे मधुबाला हूं जैसा भी मेरा समर्थ के अनुसार मेरी ज्योति या दीपक मंजूर कीजिए और फिर प्रणाम करें । जब आप हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं आरती करने के बाद प्रार्थना आरती करने के बाद की जाती है भोग आरती से पहले लगाया जाता है तो आरती करने के बाद आप उनका आह्वान कीजिए कि हे प्रभु मैं आपको आवाहन करता हूं पूजा घर में स्थान पर और मैं सेवक जैसे भी सेवा आपकी हो रही है टूटी-फूटी सेवा को मंजूर कीजिए और मुझ पर प्रसन्न हुई है जो भी फिर आप बोलना चाहते हैं मेरे घर में सुख समृद्धि लाइए।  घर में बरकत दीजिए बीमारियों को दूर हटाइए ।  



वास कीजिए इस प्रकार से बोलकर आपको प्रणाम उनको करना है तो आप जब इस तरीके दिल से क्या हुआ है पूजा प्रार्थना कभी वर्थ  नहीं जाता है आपकी पूजा घर में और उनकी उपस्थिति भी आपको महसूस होगी स्वप्न के माध्यम से ध्यान के माध्यम में पूजा कर रहे हो आप या जब आप मुसीबत में होते तब उन्हें बुलाते हो तो आपका काम हो जाता है या किसी ऐसा काम जो अटक रहा है और आप प्रार्थना करते तो सफल हो जाता । तो यह सब उनकी उपस्थिति के ही उदाहरण होते हैं जहां भगवान होते हैं वहां पर सब कार्य होना शुरू हो जाते हैं तो इस तरीके से आप उनका आह्वान कीजिए ताकि वह आपकी पूजा घर पर आए साथ आपकी प्रार्थना को स्वीकार करें अंत समय में नहीं जब आपकी पूजा समाप्त हो जो आप पूजा पूरी कर चुके हैं उस समय आपको जरूर अपने की पूजा में जो भी गलती हुई है  क्षमा कीजिए और अपना आशीष मुझे प्रदान कीजिए । अगरअगर ऐसी बात है कि आप करते हैं उसे पूजा के फल को आप किसी अन्य व्यक्ति को भी समर्पित कर सकते हैं अपने भाई को अपनी बहन को अपने माता को अपने पिता को जाने किसी व्यक्ति को और जो पूजा समर्पित की जाती है । 



उसका जो पुण्य समर्पित किया जाता है वह इतना उसका प्रबल होता है उसका असर की बड़ी से बड़ी बधाई भी नष्ट हो जाती है उसका एक तरीका होता है तो उस व्यक्ति का नाम लिया जाता है हाथ में जल लेकर और फिर आपको बोलना पड़ता है जहां अपने आप का मंदिर है जैसे अगर किसी व्यक्ति को शारीरिक बड़ा है प्रीत वादा तो हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और उसके फल को वह अनुज व्यक्ति को समर्पित कर देते हैं तो पूजा करने से पहले वह उस व्यक्ति का नाम लेते कि मैं यह पूजा इस व्यक्ति के लिए कर रहा हूं इस व्यक्ति का नाम यह उनके पिता का नाम यह रहने वाले यहां के और मैं इनकी सलामती कल्याण करने के लिए । तो दोस्तोंहमारे यह पोस्ट आपको कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताइए और भी जानकारी के लिए हमें फॉलो कर सकते हैं नया-नया जब भी अपडेट होंगे आपके पास पहले पहुंचेंगे धन्यवाद । मेघराज के 100% सफल रामबाण टोटके: शत्रु का होगा नाश, दरिद्रता होगा दूर

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