राधे मैया की मृत्यु कैसे हुई जानिए हमारे साथ मित्रों उससे पहले हमारे वेबसाइट में आपको स्वागतम ।🙏
मित्रों भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु कैसे हुई अधिकांश लोगों को पता है मगर क्या आप जानते हैं राधे मैया की मृत्यु कैसे हुई ? यदि आप जानते हैं तो बहुत ही अच्छी बात है अगर नहीं जानते हैं तो आइए मित्रो हमारे साथ जानकारी प्राप्त कीजिए ।
मित्रों राधा कृष्ण की प्रेम एक अमर प्रेम है दोनों के जीवन मैं जो कुछ भी घटित हुआ हैं यह सब एक धर्म ग्रंथ में उल्लेख है जिसके जरिए हम सब जान सकते हैं ।
राधा कृष्ण से प्रेम करते थे और कृष्ण राधा से प्रेम किया करते थे मगर बात यह है कि दोनों इतने प्रेम करने के बावजूद रुक्मणी से विवाह क्यों किया राधा से क्यों नहीं ?
ए भी एक बहुत बड़ा प्रश्न है जिसका उत्तर भगवान श्री कृष्ण ने दिया है ।
भगवान श्री कृष्ण ने कहा :- प्रेम कई प्रकार के होते हैं प्रेम करने से ही मिलन करना आवश्यकता है यह कोई जरूरी नहीं । प्रेम करके विवाह करना यह कोई आवश्यकता नहीं । प्रेम तो मनुष्य के भीतर होता है जिसे दिखाई नहीं देते हैं । प्रेम अमर होता है जहां हर जन्म में प्राप्त होता है । प्रेम का कोई परिभाषा नहीं होता है जिसे आप पकड़ सकते हो वह तो सदैव अमर होते हैं ।
भगवान श्री कृष्ण ने राधा
से कैसे प्रेम किया ?
जिस प्रकार एक मनुष्य अपने शरीर से जितना प्रेम करते हैं उतना ही कृष्णा राधा से प्रेम किया करते थे । उन्होंने यह नहीं सोचा कि हमें प्रेम करने से विवाह करना है । उन्होंने तो दुनिया को यह संदेश दिया कि प्रेम मन से किया जाता है किसी मतलब से नहीं प्रेम की कई भाषा नहीं होता जिसका बयां नहीं किया जा सकता है । जो सदैव अमर होता है ।
राधा एवं कृष्णा अलग नहीं है यह दोनों इस पृथ्वी लोक में प्रेम लीला करने के लिए अलग हुए हैं जिसेसे दुनिया को संदेश दे सके । आप सोचो एक इंसान के भीतर कैसे विवाह हो सकता है इसमें रहस्य बातें हैं जो हम आम इंसान को समझना बहुत ही कठिन है । रुक्मणी से विवाह किया है भगवान श्री कृष्ण ने लेकिन नाम लिया जाता है राधा की क्योंकि राधा और कृष्ण कोई अलग नहीं है यह दोनों ही एक परमात्मा है । इसलिए कृष्ण से पहले राधा की मृत्यु हुई ।
मित्रो आइए जानते हैं राधा रानी की मृत्यु कैसे हुई थी?
हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार अपने जीवन के अंतिम दिनों में राधा ने अपना घर छोड़ दिया था अपने प्रिय श्री कृष्ण से मिलने द्वारका चली गईं थीं. जब आखिरकार ये दोनों मिले तो दोनों ने कुछ नहीं कहा स्तंभ रह गया दोनों जानते थे कि मन से दोनों जुड़े हुए थे. । राधा कुछ दिन राजमहल में रहने लगे लेकिन राधा को लगा कि कृष्ण से करीब रहना उस तरह का सुख अब प्राप्त नहीं हो रही है जिस तरह उन्हें तब लगता था जब वो मन से कृष्ण से जुड़ी हुई थीं ।
तब राधा मां ने निर्णय लिया भगवान श्री कृष्ण से बिना कुछ बोले महल छोड़कर चली जा रही थी, तब अंतिम क्षणों में कृष्ण ने राधा से इच्छा पूछी तो राधा माता ने कहा कि मुझे कुछ भी नहीं चाहिए बस आप जिस तरह हमें बांसुरी सुनाया करते थे ठीक आप उसी तरह एक बार बांसुरी बजा के सुना दीजिए यही मेरा अंतिम इच्छा है ।
राधा माता की बात सुनकर भगवान श्री कृष्ण ने बांसुरी बजाई राधा मैया ने बांसुरी सुनने के देह त्याग किया । उसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने मन ही मन बहुत दुख जताया फिर अपने बांसुरी उस दिन से बजाने बंद कर दिया ।
मित्रों बता देता हूं कि राधा मैया की कोई भी पाप नहीं थी और ना ही उन पर कोई श्राप । इस पृथ्वी लोक में जन्म लेने का एक ही उद्देश्य थी जिसे हर मानव जाति के मन में वह प्रेम प्रकाशित हो और लोग आपस में प्रेम भावना को समझ सके । इसलिए राधा मैया की प्रेम अमर रहे और यह प्रेम कहानी युगो युगो तक रहेगी ।
मित्रों यदि आपको इस जानकारी से किसी भी प्रकार के संदेह लग रहे हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताइए आपका कमेंट हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है । पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका दिन शुभ हो
संकट के समय क्या करना चाहिए?
हम सभी मनुष्य के जीवन में संकट आते रहते हैं । मगर कुछ संकट ऐसे हैं कि लोगों को सबक सिखाता है और सही रास्ते पर जाने की सीख मिलती है । जो लोग जानबूझकर गलत रास्ते में चले जाते हैं उन्हें दंड तो जरूर मिलती है, संकट घेर लेते हैं तब उसे कोई रास्ता दिखाई नहीं देते हैं क्या करें।
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