अपराजिता गायत्री मंत्रों से कैसे करें शत्रु का नाश जानिए हमारे साथ मित्रों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । जो मित्रों लंबे दिनों से अपने शत्रु से परेशान है आज उनके लिए यह पोस्ट बहुत ही महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि इस मंत्र के जरिए अपने शत्रु को क्षण भर में पराजित कर सकते हैं । हम सभी चाहते हैं कि हमारे जिंदगी हंसते खेलते बीते मगर जाने अनजाने में किसी के साथ यदि दुश्मन हो जाए तो ऐसे लोगों से छुटकारा पाने के लिए बहुत सारे उपाय हैं । लेकिन आज मैं आपको वो उपाय बताएंगे जहां इस मंत्र का प्रयोग करना होगा और साथ-साथ बुद्धि का भी ।
हिंदू शास्त्र में कुछ ऐसे शक्तिशाली मंत्र जो है जहां प्राचीन काल से प्रयोग किया जाता है मानो तो लोगों को वश में भी किया जा सकता है । लेकिन उससे पहले कोई भी मंत्र को सिद्ध करना पड़ता है , दोस्तों कोई भी मंत्र को सिद्ध करने के लिए इतना सरल नहीं होता है लेकिन अगर आप चाहेंगे तो कोई भी मंत्र को सिद्ध कर सकते हैं मनुष्य क्या नहीं कर सकते हैं चाहेंगे तो खुद मिट्टी को भी सुना बना दे सकते । दोस्तों देवी देवता भी परेशान थे असुरों के कारण जब तक उन्हें संघार नहीं करता तब तक देवी देवता का भी चैन नहीं था । कहा गया है कि धर्म का हमेशा जीत होता है आप अगर अधर्म का रास्ता नहीं धर्म का रास्ता चुनते हैं तो आज नहीं तो कल आपका विजय निश्चित है ।
हिंदू शास्त्र में कोई भी मंत्रों शक्तिशाली ही होता है उस मंत्र के जरिए देवी देवताओं का आवाहन किया जाता है । जिससे देवी देवता का कृपा बने रहते हैं । और आप तो जानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति पर ईश्वर की कृपा प्राप्त हो जाए तो उन्हें कोई भी चीज का डर नहीं होता है और ना ही अपना शत्रु से । प्रिय मित्रों जब दुर्गा मां महिषासुर का वध किया था तो उसी समय दुर्गा माता का अपराजिता नाम से परिचित हुआ । क्योंकि अधर्म का जीत कभी नहीं होता है धर्म का जीत हमेशा होता है । मां दुर्गा देवी जब शत्रु महिषासुर का वध किया तब दुर्गा माता का पूजा इस गायत्री मंत्र से संपन्न किया था जिससे हर कोई व्यक्ति इस मंत्र के जरिए अपना शत्रु का नाश कर सकते हैं मतलब आप अपने शत्रु पर विजय प्राप्त कर सकें । अपराजिता का मतलब यह है कि अपने शत्रु से कभी भी पराजित नहीं होंगे हमेशा जीत आपके साथ देंगे ।
हमारे बहुत ऐसे मित्रों हैं जो जाने अनजाने में किसी के साथ शत्रुता जन्म हो गया तो ऐसे में उनका चिंता और बढ़ जाता है परिवारिक एवं खुद के लिए । अगर आपके साथ भी इस तरह से किसी के साथ शत्रुता हो गया तो मित्रों बिल्कुल चिंता मत कीजिए । चाहे कितना भी बड़ा शत्रु क्यों ना हो आपका साथ कभी जीत नहीं सकते हैं आपके सामने हमेशा पराजित ही रहेंगे बस करना क्या होगा हमारे साथ पूरी जानकारी प्राप्त कर लीजिए ।
प्रिय मित्रों यह मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है आपको इस मंत्र को सुबह 4:30 बजे से लेकर 6:00 बजे के अंदर जब करना होगा । स्नान आदि करने के बाद ही इस मंत्र का जप करें क्योंकि यह मंत्र जाप अगर आप अशुद्ध शरीर में करेंगे तो आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है । इसलिए सुबह स्नान आदि करके इस मंत्र का देवी दुर्गा माता का सामने हाथ जोड़कर के दक्षिण मुंह करके इस मंत्र का सही से उच्चारण करके 21 जप करें । प्रिय मित्रों यह मंत्रों लगातार रोजाना जाप करने से 51 में सिद्ध हो जाता है ।
गायत्री मंत्र
ॐ सर्वविजयेश्वरी विद्महे शक्तिः धीमहि
अपराजितायै प्रचोदयात"
दोस्तों इस माता अपराजिता मंत्र का जप करने से सिर्फ शत्रु पर विजय प्राप्त नहीं है बल्कि आप अपनी मनोकामना भी पूरी कर सकते हैं कहा जाता है कि इस मंत्र जाप करने के बाद सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव से आपका मनोकामना पूरी होने में कतई डर नहीं लगेगा इसलिए मित्रों भक्ति भाव से इस मंत्र का जाप करें प्रतिदिन इस देश आने वाले समय में आप खुद ही समझ जाएंगे कि आपके साथ क्या घटित होने जा रहा है । प्रिय मित्रों अगर आप चाहेंगे रात के सोने से पहले इस मंत्र का जाप करें तो आपके लिए और भी लाभदायक होगा । रात को सोने से पहले अपने हाथ पैर धो कर दक्षिण दिशा में मुंह करके तीन बार जप करें । इस मंत्र के जाप से आपका निद्रा बहुत ही अच्छा से होने वाले हैं, ना तो आपके पास बुरे सपने आएंगे और ना ही किसी भूत-प्रेत का डरावने सपने आएंगे ।
प्रिय मित्रों लगातार इस मंत्र का जप करने से 51 दिन में यह मंत्र सिद्ध हो जाता है जब भी आपका शत्रु सामने आए तो इस मंत्रों का तीन बार जप कर ले बस आपका शत्रु हमेशा आपसे मित्रता करने के लिए सोचेंगे । मंत्र का प्रयोग करते समय किसी को पता ना चले मुस्कुराते मुस्कुराते इस मंत्रों का प्रयोग करें याद रखिए ।