नित्य पूजा विधि मंत्र सहित pdf
दैनिक पूजा या नित्य पूजा एक बहुत ही व्यक्तिगत और सांस्कृतिक रूप से विशिष्ट अभ्यास हो सकता है। नीचे हिंदू दैनिक पूजा में पाए जाने वाले सामान्य तत्वों को शामिल करने वाली एक सामान्य विधि दी गई है, साथ ही प्रत्येक चरण के लिए मंत्र भी दिए गए हैं। आप अपनी व्यक्तिगत परंपरा या पसंद के आधार पर इसे समायोजित कर सकते हैं।
### दैनिक पूजा (नित्य पूजा) के चरण
1. **तैयारी**
- **स्वच्छता**: स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- **पवित्र स्थान**: वेदी को साफ करें और देवताओं, फूलों, धूप और अन्य प्रसाद की व्यवस्था करें।
2. **आह्वान (ध्यान)**
- चुपचाप बैठें और अपने मन को एकाग्र करें।
- **मंत्र**:
```ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्था गतोपि वा
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्या अभ्यन्तरः शुचिः
श्री विष्णु श्री विष्णु श्री विष्णु```
(ॐ, चाहे शुद्ध हो या अशुद्ध, चाहे कोई कैसी भी स्थिति में हो, जो व्यक्ति कमल-नयन (विष्णु) का स्मरण करता है, वह हमेशा बाह्य और आंतरिक रूप से शुद्ध रहता है।)
3. **जल अर्पण (आचमन)**
- दाहिनी हथेली से तीन बार जल पियें।
- **मंत्र**:
```ओम केशवाय नमः
ऊँ नारायणाय नमः
ऊँ माधवाय नमः```
4. **दिशाओं को अर्पण (दिग्बंधन)**
*मंत्र**:
```ओम भू, ऊँ भुवः, ऊँ स्वः, ऊँ महा, ऊँ जनः, ऊँ तपः, ऊँ सत्यम्.```
5. **दीप जलाना (दीप)**
दीप जलाएं और देवता को अर्पण करें.
- **मंत्र**:
```ॐ दीपं ज्योतिर् परब्रह्म
दीपं ज्योतिर् जनार्दन
दीपो हरतु मे पापं
संध्या दीपं नमोस्तुते```
(ॐ, दीपक का प्रकाश परम ब्रह्म का प्रतिनिधित्व करता है, दीपक का प्रकाश जनार्दन का प्रतिनिधित्व करता है। प्रकाश मेरे पापों को दूर करे। संध्या दीप को नमस्कार।)
6. **धूप अर्पित करना**
- अगरबत्ती जलाएं और उन्हें अर्पित करें।
**मंत्र**:
```ॐ धूपं अघ्रापयामि```
(ॐ, मैं धूप अर्पित करता हूं।)
7. **भोजन (नैवेद्य) अर्पित करना**
- देवता के सामने भोजन रखें।
- **मंत्र**:
```ओम निवेद्यं समर्पयामि```
(ओम, मैं यह भोजन अर्पित करता हूँ।)
8. **पुष्प अर्पित करना**
- देवता को पुष्प अर्पित करें।
- **मंत्र**:
```ओम पुष्पं समर्पयामि```
(ओम, मैं ये पुष्प अर्पित करता हूँ।)
9. **आरती (प्रकाश की तरंग)**
- दीपक से आरती करें।
- **मंत्र**:
```ओम जय जगदीश हरे (या कोई अन्य आरती गीत)```
10. **प्रणाम करना**
- देवता के सामने साष्टांग प्रणाम करें।
- **मंत्र**:
```ओम नमः सर्व देवाय```
(ओम, मैं सभी देवताओं को नमन करता हूँ।)
11. **ध्यान और मौन प्रार्थना**
- चुपचाप बैठें, ध्यान करें और मौन प्रार्थना करें।
## समापन मंत्र
- **शांति मंत्र**:
```ओम सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु
मा कश्चिद-दुःख-भाग-भवेत्
ओम शांति शांति शांतिः```
(ओम, सभी सुखी रहें। सभी बीमारियों से मुक्त रहें। सभी शुभ देखें। कोई भी दुःखी न हो। ओम शांति, शांति, शांति।)
यह संरचना दैनिक पूजा के लिए एक आधारभूत दृष्टिकोण प्रदान करती है। आप अपने द्वारा पूजे जाने वाले देवताओं और अपनी आध्यात्मिक परंपरा के आधार पर विशिष्ट मंत्र और प्रार्थनाएँ जोड़ सकते हैं।