रूप बदलने का प्रभावशाली मंत्र : 40 दिन में अपना रूप बदल सकते हैं

bholanath biswas
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रूप बदलने का मंत्र


रूप बदलने का मंत्र :


 रूप बदलने वाले मंत्र बताने जा रहा हूं हमारी संस्कृति और हिंदू धर्म के शास्त्रों में इसका कई जगह वर्णन है यदि आपने रामायण पढ़ी होगी तो उसमें भी माता सीता का हरण करने हेतु रावण ने साधु का भेष धारण किया था । भगवान  समय-समय पर अपने भक्तों की परीक्षा लेने हेतु नाना प्रकार के भेष धारण करते हैं इसी प्रकार रक्षा भी अपना भेष बदल लेते थे । ऋषि मुनि भी अपना भेष बदल देते थे यह सब योग के द्वारा संभव था आखिर रूप बदलना किस पर निर्भर करता है यह व्यक्ति को किसी वस्तु को देखने पर निर्भर करता है प्रकाश के किरण का परिवर्तन का एक सिद्धांत है यह करने आपके शरीर को आपके रूप को बदल देती है । और कुछ ऐसा भी किया जा सकता है जिससे आपका शरीर आपका रूप अन्य व्यक्तियों से मिलने लगता है । यह किरण और प्रकाश पर निर्भर करता है इसी प्रकार महर्षि पतंजलि ने इसके सभी बारीकियां से बताया है और अपने अष्ट योग में इसका वर्णन किया है । नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है अगर अपने रूप को बदलना चाहते हैं तो हमारे साथ बने रहिए और इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें तो चलिए आगे बढ़ते हैं आपको क्या करना है ।


रूप बदलने का मंत्र सिद्ध कैसे करें :


महर्षि पतंजलि ने कहा है कि व्यक्ति अपने स्पर्श हो और अपनेसभी प्रकार के रूप लेने में सक्षम होता है योग के द्वारा हम अपने रूप को बदल सकते हैं । उसने एक मंत्र दिया इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद यह क्षमता विकसित होती है यह कुछ इस प्रकार है कि यदि आप अपना रूप बदलना चाहते हैं तो इस मंत्र को सिद्ध कर लीजिए फिर जिस व्यक्ति के सामने जाते हैं और इस मंत्र को अब जपते हैं और आपके मन में कुछ ऐसी विचारधारा होती है कि आप इस तरह दिखते हैं फिर उसे व्यक्ति के मन में वह व्यक्ति जब आपको देखा है तो वह आपको उसे ही रूप में दिखेगा । जिस रूप में आपके मन में प्रतिबिंब होता मतलब आप जैसा चाहेंगे वह व्यक्ति वैसा ही दिखेगा यह एक तरह से वशीकरण हुआ अर्थात उस व्यक्ति के मन मस्तिष्क में आपने अपना ऐसा प्रभाव छोड़ा है कि वह व्यक्ति आप को देख रहा है लेकिन पहचान नहीं पा रहा है उसके सामने आप कुछ और है यही रूप बदलने की कला है ।



इस पर प्रकाश का कार्य होता है तथा आपके मंत्र सिद्धि का भी बहुत कार्य होता है । इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए 40 दिन का प्रयोग किया जाता है या मंत्र अत्यंत ही शक्तिशाली है कहते हैं यह मंत्र जपते समय एकाग्रता का भाव होना अति आवश्यक है । इस मंत्र के द्वारा आप सभी कार्यों को सिद्ध कर सकते हैं सबसे पहले किसी एकांत स्थान पर आसान लगा लीजिए आसन आपका एक होना चाहिए वस्त्र आपके एक होने चाहिए तथा समय और स्थान भी एक होना चाहिए । जप करने के बाद आप एक निश्चित अवधि निश्चित जाप का विधान है इसमें और उसके बाद आपको किसी छोटी कन्या को माता मानकर उसकी भोजन करना है । साधना के चार प्रकार होते हैं एक प्रकार तंत्र साधना, मंत्र साधना, योग साधना.,और भक्ति साधना इन सभी साधनों से मंत्र सिद्ध किया जा सकता है आप उनमें से एक का चयन कर लीजिए । इस मंत्र में आपको पद्म आसन में बैठकर जप करना है एवं दिव्य शक्तियां प्राप्त करने एक योग है आप 40 दिन नित्य इस मंत्र का जप करेंगे उसके बाद आपको स्वत ही अनुभव होने लगेंगे आप स्वयं को बदलने की क्षमता उत्पन्न कर लेंगे । कभी-कभी आपने देखा होगा कि आप किसी व्यक्ति को देखते हैं तो सोचते हैं कि मैं पहले इसे मिल चुका हूं लेकिन शायद आप ना मिले हो इस प्रकार की दुविधा ही मंत्र उत्पन्न करता है और व्यक्ति का स्वरुप वह बदल देता है यह अत्यंत आसान है । इस मंत्र के द्वारा आप इस प्रकार की सिद्धि को प्राप्त कर सकते हैं तथा हमारी संस्कृति में इसका प्रयोग अभी भी होता है ।


Mantra :



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