What Is Hinduism : सनातन हिंदू धर्म का वास्तविक क्या है ?

bholanath biswas
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What Is Hinduism



सनातन हिंदू धर्म का वास्तविक क्या है ?



आज हम बात करेंगे हिंदू धर्म के बारे में तो फ्रेंड्स हिंदू धर्म जो है इसको मानने वाले लोग अधिकांशता भारत नेपाल और मॉरिशस में रहते हैं । इसके अलावा अगर बात करें तो सूरीनाम और फिजी में भी हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं फ्रेंड्स हिंदू धर्म को संसार का सबसे पुराना यानी की प्राचीनतम धर्म माना जाता है । इस धर्म को वैदिक सनातन वर्ण आश्रम धाम भी कहते हैं जिसका अर्थ होता है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है । विद्वान लोग धर्म को भारत की अलग-अलग संस्कृतियों और परंपराओं का मिश्रण मानते हैं जिसका कोई भी संस्थापक नहीं है । यह धर्म अपने अंदर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियां मत संप्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं ।

अनुयायियों की संख्या के आधार पर यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है और फ्रेंड्स अगर देखें संख्या के आधार पर तो इसके अधिकतर उपासक जो हैं वह भारत में रहते हैं । और फ्रेंड्स अगर देखे हम परसेंटेज के आधार पर तो हिंदू धर्म के लोग परसेंटेज के आधार पर अधिकतर जो है वह नेपाल में है । 



हालांकि इसमें कई देवी देवताओं की पूजा की जाती है लेकिन वास्तव में यह इकेश्वरवादी धर्म है इसे सनातन धर्म या फिर वैदिक धर्म भी कहते हैं । इंडोनेशिया में इस धर्म का ऑफिशियल नाम हिंदू आगम है हिंदू केवल एक धर्म संप्रदाय नहीं है बल्कि जीवन जीने की एक पढ़ती है सनातन धर्म जो है फ्रेंड्स अगर हम बात करें हिंदू धर्म के इतिहास के बारे में तो फ्रेंड्स सनातन धर्म जो है वह धरती के सबसे पुराने धर्म में से एक माना गया है । हालांकि इसके इतिहास के बारे में अनेक विद्वानों के अलग-अलग मत हैं आधुनिक इतिहासकार जो है वह हड़प्पा मेहरगढ़ आदि पुरातात्विक अन्वेषणों के आधार पर इस धर्म का इतिहास 10 हजार वर्ष पुराना मानते हैं जहां भारत की सिंधु घाटी सभ्यता में हिंदू धर्म के कई चिन्ह मिलते हैं जैसे कि अज्ञात मंत्र देवी की मूर्तियां भगवान शिव पशुपति जैसे देवता की मुद्राएं शिवलिंग पीपल की पूजा । 



फ्रेंड्स इतिहासकारों के एक दृष्टिकोण के अनुसार इस सभ्यता के अंत के दौरान मध्य एशिया से एक अन्य जाति का आगमन हुआ जो कि स्वयं को आर्य कहते थे और संस्कृत नामकी एक हिंद यूरोपीय भाषा बोलते थे । आर्यों की सभ्यता को वैदिक सभ्यता कहते हैं पहले दृष्टिकोण के अनुसार 1700 ईसा पूर्व में आर्य अफगानिस्तान कश्मीर पंजाब और हरियाणा में बस गए तभी से वे लोग अपने देवताओं को प्रसन्न करने के लिए वैदिक संस्कृत में मंत्र रचाने लगे । पहले चार वेद रचे गए जिसमें की सबसे पहले वेद ऋग्वेद था, इसके बाद उपनिषद जैसे ग्रंथ आए हिंदू मान्यता के अनुसार वेद उपनिषद और आदि अनादि नित्य हैं । और सॉरी हिंदू मान्यता के अनुसार वेद उपनिषद् आदि ग्रंथ जो हैं अनादी नित्य हैं ईश्वर की कृपा से अलग-अलग मंत्र दृष्टा ऋषि मुनियों को अलग-अलग का ज्ञान प्राप्त हुआ जिन्होंने फिर उसे लिपिबद्ध किया बौद्ध जैन और अन्य धर्म के अलग हो जाने के बाद आयुर्वेदिक धर्म में काफी परिवर्तन आया । नए देवता और नए दर्शन उभरे इस तरह से आधुनिक धर्म आधुनिक हिंदू धर्म का जन्म हो गया । दूसरी दृष्टिकोण के अनुसार अगर बात करें तो हिंदू धर्म का मूल कदाचित सिंधु सरस्वती परंपरा सिंधु सरस्वती परंपरा से भी पहले से है पहले की भारतीय परंपरा से है हालांकि भारत विरोधी विद्वानों ने कई प्रयासों के बावजूद यहां तक की भ्रामक सबूत के आधार पर भी अपने विचार को वह सिद्ध नहीं कर पाए हैं । फ्रेंड्स देखा जाए तो हिंदू शब्द जो है सिंधु से बना हुआ, माना जाता है संस्कृत में सिंधु शब्द के दो मुख्य अर्थ हैं पहले अर्थ है सिंधु नदी जो की मानसरोवर के पास से निकलकर लद्दाख और पाकिस्तान से बहती हुई समुद्र में मिलती है और दूसरा अर्थ है कोई समुद्र या फिर जल राशि और फ्रेंड्स ऋग्वेद की नदी स्तुति के अनुसार वे सात नदियां थी जैसे पहले नदी थी सिंधु दूसरी सरस्वती फिर झेलम फिर सतलुज व्यास रवि और सातवीं चुनाव एक अन्य विचार के अनुसार हिमालय के प्रथम अक्षर ही और इंदु के आखरी अक्षर हिंदू इन दोनों अक्षरों को मिलाकर एक शब्द बना हिंदू । और यह भूभाग जो है हिंदुस्तान कहलाया हिंदू शब्द उस समय धर्म के बजाय राष्ट्रीयता के रूप में प्रयुक्त होता था ।


What Is Hinduism ?


हिंदू धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है, जिसकी उत्पत्ति 10,000 साल से भी ज़्यादा पुरानी है। यह एक जटिल और विविधतापूर्ण धर्म है, जिसका पालन मुख्य रूप से भारत और नेपाल में किया जाता है, जिसमें कई तरह की मान्यताएँ, प्रथाएँ, अनुष्ठान और दर्शन शामिल हैं। हिंदू धर्म के कुछ मुख्य पहलू इस प्रकार हैं:


### मुख्य मान्यताएँ:


1. **धर्म**: ब्रह्मांड की नैतिक व्यवस्था और जीवन जीने का एक नियम जो नैतिक और धार्मिक व्यवहार पर ज़ोर देता है।

2. **कर्म**: कारण और प्रभाव का नियम, जहाँ हर क्रिया के परिणाम होते हैं जो व्यक्ति के भविष्य को प्रभावित करते हैं।

3. **संसार**: जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म (पुनर्जन्म) का चक्र जिससे आत्मा गुज़रती है।

4. **मोक्ष**: संसार के चक्र से मुक्ति और परमात्मा से मिलन, जिसे अंतिम लक्ष्य माना जाता है।

5. **आत्मा**: व्यक्तिगत आत्मा, जिसे शाश्वत और सार्वभौमिक आत्मा, ब्रह्म का हिस्सा माना जाता है।


### देवता:


हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की एक विशाल पंथी परंपरा है। कुछ प्रमुख देवताओं में शामिल हैं:

- **ब्रह्मा**: सृष्टिकर्ता देवता।

- **विष्णु**: पालनकर्ता देवता, कृष्ण और राम जैसे अवतार।

- **शिव**: विध्वंसक देवता, जो ब्रह्मांड को रूपांतरित और पुनर्जीवित करते हैं।

- **देवी**: देवी या दिव्य स्त्री, जिन्हें दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती जैसे विभिन्न रूपों में पूजा जाता है।


## पवित्र ग्रंथ:


हिंदू धर्म में पवित्र साहित्य का एक समृद्ध संग्रह है, जिसमें शामिल हैं:

- **वेद**: सबसे पुराने और सबसे प्रामाणिक ग्रंथ, जिनमें भजन, अनुष्ठान और आध्यात्मिक ज्ञान शामिल हैं।

- **उपनिषद**: वास्तविकता और स्वयं की प्रकृति की खोज करने वाले दार्शनिक ग्रंथ।

- **भगवद गीता**: कर्तव्य और आध्यात्मिकता पर राजकुमार अर्जुन और भगवान कृष्ण के बीच एक संवाद।

- **रामायण और महाभारत**: महाकाव्य कथाएँ जिनमें देवताओं, नायकों और नैतिक शिक्षाओं की कहानियाँ शामिल हैं।


### प्रथाएँ और अनुष्ठान:


हिंदू प्रथाएँ व्यापक रूप से भिन्न हैं, लेकिन अक्सर इसमें शामिल हैं:

- **पूजा**: घर या मंदिरों में देवताओं की अनुष्ठानिक पूजा।

- **योग और ध्यान**: आध्यात्मिक विकास और आत्म-साक्षात्कार के उद्देश्य से अभ्यास।

- **त्यौहार**: दिवाली, होली और नवरात्रि जैसे उत्सव जो विभिन्न देवताओं और ऋतुओं का सम्मान करते हैं।

- **तीर्थयात्रा**: वाराणसी, ऋषिकेश जैसे पवित्र स्थलों और विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित मंदिरों की यात्रा।


### दार्शनिक स्कूल:


हिंदू धर्म में कई दार्शनिक स्कूल शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक के पास शास्त्रों और अवधारणाओं की अपनी व्याख्या है, जिनमें शामिल हैं:

- **अद्वैत वेदांत**: अद्वैतवाद, जो सिखाता है कि व्यक्तिगत आत्मा (आत्मान) और सार्वभौमिक आत्मा (ब्रह्म) समान हैं।

- **द्वैत**: द्वैतवाद, जो व्यक्तिगत आत्मा और परमात्मा के बीच स्पष्ट अंतर स्थापित करता है।


- **योग**: आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ध्यान और शारीरिक अनुशासन पर जोर देने वाला एक व्यावहारिक दर्शन।


हिंदू धर्म की विविधता और समावेशिता विश्वासों और प्रथाओं के व्यापक स्पेक्ट्रम की अनुमति देती है, जो इसे एक अद्वितीय समृद्ध और बहुआयामी परंपरा बनाती है।

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