शाबर मंत्र का उल्टा असर: फायदे से ज्यादा हैं ये नुकसान।

शाबर मंत्र के नुकसान

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शाबर मंत्र: शक्ति या संकट? जानिए इसके वो नुकसान जो कोई नहीं बताता

जब भी हम इंटरनेट पर या किसी पुरानी किताब में "तुरंत असर करने वाले मंत्र" खोजते हैं, तो 'शाबर मंत्र' का नाम सबसे ऊपर आता है। इन्हें पढ़कर ऐसा लगता है कि बस कुछ लाइनें बोलीं और हमारी सारी समस्याएँ छूमंतर हो जाएँगी। ये मंत्र सीधी-सादी, गाँव-देहात की भाषा में होते हैं, इसलिए हमें लगता है कि इन्हें कोई भी आसानी से कर सकता है।

लेकिन क्या सच में ऐसा है? क्या ये मंत्र इतने ही सीधे हैं जितने दिखते हैं?

यह कुछ वैसा ही है जैसे किसी अनजान जंगल में बिना नक्शे और गाइड के घुस जाना। हो सकता है आपको कोई खज़ाना मिल जाए, लेकिन इस बात की संभावना कहीं ज़्यादा है कि आप रास्ता भटक जाएँ या किसी जंगली जानवर का शिकार बन जाएँ। शाबर मंत्र भी एक ऐसी ही दो धारी तलवार है। अगर सही से चली तो रक्षा करेगी, और अगर चूक गए तो खुद को ही घायल कर देगी।

आज हम सिक्के के दूसरे पहलू की बात करेंगे। हम उन नुकसानों के बारे में बात करेंगे जो शाबर मंत्रों की अधूरी जानकारी या गलत प्रयोग से हो सकते हैं।

शाबर मंत्र के संभावित नुकसान और खतरे

1. उच्चारण की एक छोटी सी गलती, और सब उल्टा

शाबर मंत्रों की सबसे बड़ी ताकत उनकी ध्वनि (vibration) में छिपी होती है। ये जिस भाषा में लिखे गए हैं, उसी लय और उच्चारण के साथ बोले जाने चाहिए। एक भी शब्द इधर-उधर हुआ या गलत बोला गया, तो मंत्र का अर्थ और ऊर्जा पूरी तरह बदल जाती है।

सोचिए, आप किसी को बुलाने के लिए आवाज़ लगा रहे हैं और नाम ही गलत ले रहे हैं। या तो कोई नहीं आएगा, या फिर कोई गलत व्यक्ति आ जाएगा जो आपकी मदद करने की बजाय आपको परेशान कर दे। मंत्रों के साथ भी यही होता है। सुरक्षा के लिए किया गया मंत्र उल्टा पड़कर घर में क्लेश और अशांति ला सकता है।

2. गुरु बिना ज्ञान, जैसे बिना पतवार की नाव

यह सबसे बड़ी और सबसे आम गलती है जो लोग करते हैं। यूट्यूब वीडियो या किसी किताब से मंत्र उठाया और जाप शुरू कर दिया। शाबर मंत्रों की साधना में गुरु एक सुरक्षा कवच की तरह काम करते हैं। जब आप मंत्र जपते हैं, तो ब्रह्मांड में एक शक्तिशाली ऊर्जा पैदा होती है। अगर आपसे कोई गलती हो जाए या कोई नकारात्मक शक्ति आप पर हावी होने की कोशिश करे, तो गुरु अपनी शक्ति से आपकी रक्षा करते हैं।

बिना गुरु के साधना करना ऐसा है जैसे बिना किसी ट्रेनर के भारी-भरकम वज़न उठाने की कोशिश करना। नस खिंचने या हड्डी टूटने का खतरा हमेशा बना रहता है।

3. मानसिक संतुलन का बिगड़ जाना

ये मंत्र बहुत शक्तिशाली होते हैं। जब एक आम इंसान, जिसका मन स्थिर नहीं है और शरीर साधना के लिए तैयार नहीं है, इन मंत्रों का जाप करता है, तो उसका शरीर और दिमाग इस ऊर्जा को संभाल नहीं पाता।

इसके नतीजे बहुत खतरनाक हो सकते हैं:

  • अचानक बहुत ज़्यादा गुस्सा आना।

  • भयंकर सिरदर्द या शरीर में भारीपन महसूस होना।

  • डरावने सपने आना या नींद ही गायब हो जाना।

  • अकेले में अजीब आवाजें सुनाई देना या परछाइयाँ दिखना।

  • पागलपन जैसी स्थिति बन जाना।

दिमाग एक बर्तन की तरह है। अगर आप उसमें उसकी क्षमता से ज़्यादा गर्म पानी डालेंगे, तो बर्तन चटक जाएगा।

4. उल्टा प्रभाव (The Reverse Effect)

कई बार मंत्र उल्टा असर करने लगते हैं। मान लीजिए आपने किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने (वशीकरण) के लिए मंत्र का प्रयोग किया। हो सकता है कि वो व्यक्ति आकर्षित होने की बजाय आपसे नफरत करने लगे या हमेशा के लिए दूर चला जाए। धन-संपत्ति के लिए किया गया जाप गरीबी और कर्ज का कारण बन सकता है।

ऐसा तब होता है जब आपकी मंशा (नीयत) साफ़ न हो, या आपने साधना के नियमों का पालन न किया हो।

5. नकारात्मक शक्तियों का चिपक जाना

शाबर मंत्रों में कई बार देवी-देवताओं के साथ-साथ अन्य यक्ष, जिन्न, भूत-प्रेत और शक्तियों का भी आह्वान किया जाता है। अगर आप इन्हें बुला तो लेते हैं, लेकिन इन्हें सही तरीके से सम्मान देकर वापस भेजना नहीं जानते, तो ये शक्तियाँ आपके साथ ही रह जाती हैं।

फिर ये आपके जीवन में उथल-पुथल मचा देती हैं। घर में बीमारियाँ, लड़ाई-झगड़े, काम-धंधे का चौपट हो जाना, ये सब इन्हीं के कारण हो सकता है। ये एक ऐसा अदृश्य दुश्मन है, जिससे पीछा छुड़ाना लगभग नामुमकिन हो जाता है।

6. कर्मों का भारी बंधन

अगर आप किसी का बुरा करने, किसी को जबरदस्ती हासिल करने या किसी को नुकसान पहुँचाने के लिए इन मंत्रों का इस्तेमाल करते हैं, तो आप बहुत भारी कर्म अपने सिर पर लाद लेते हैं। प्रकृति का नियम है - जो आप भेजते हैं, वो कई गुना होकर आपके पास लौटकर आता है। आज आप किसी का बुरा करके शायद खुश हो जाएँ, लेकिन भविष्य में आपको और आपके परिवार को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

निष्कर्ष: क्या करें और क्या न करें?

शाबर मंत्र आग की तरह हैं। आग से आप खाना भी पका सकते हैं और अपना घर भी जला सकते हैं। यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है कि आप इसका इस्तेमाल कैसे करते हैं।

ये मंत्र कोई मज़ाक या फटाफट समाधान पाने का शॉर्टकट नहीं हैं। यह एक गहरी और गंभीर साधना है जिसके लिए अनुशासन, पवित्रता, सही मार्गदर्शन और अटूट श्रद्धा की ज़रूरत होती है।

अगर आपकी इनमें रुचि है, तो किसी किताब या इंटरनेट को अपना गुरु बनाने की गलती कभी न करें। एक सच्चे और ज्ञानी गुरु की तलाश करें। उनके मार्गदर्शन में पहले खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से मज़बूत बनाएँ, और फिर उनकी आज्ञा से ही इस रास्ते पर आगे बढ़ें।

वरना, दूर से ही इन्हें प्रणाम करें। भक्ति और प्रार्थना में भी उतनी ही शक्ति है, और सबसे अच्छी बात यह है कि उसका कोई नुकसान नहीं होता।

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