धनतेरस पर बर्तन नहीं, अपनी सोई किस्मत चमकाएं! लाल किताब के गुप्त उपाय।

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लाल किताब के चमत्कारिक उपाय: इस धनतेरस पर सिर्फ़ बर्तन नहीं, अपनी किस्मत भी चमकाएं!

दिवाली का त्योहार... जब भी यह शब्द कानों में पड़ता है, मन में अनगिनत दीपों की रोशनी, पटाखों का शोर, मिठाइयों की मिठास और एक नई उम्मीद की किरण जगमगा उठती है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक एहसास है। एक ऐसा एहसास जो हमें बताता है कि अंधेरा चाहे कितना भी घना क्यों न हो, एक छोटा सा दीया भी उसे चुनौती देने के लिए काफी है।

और इस पंचदिवसीय महापर्व की शुरुआत होती है 'धनतेरस' से।

आमतौर पर हम धनतेरस को सोना, चांदी या नए बर्तन खरीदने का दिन मानते हैं। हम मानते हैं कि इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु तेरह गुना होकर हमारे जीवन में लौटती है। यह सच भी है, लेकिन यह कहानी का सिर्फ एक पहलू है। धनतेरस का दिन केवल भौतिक वस्तुओं की खरीदारी तक सीमित नहीं है। यह ब्रह्मांड में ऊर्जा के एक ऐसे अद्भुत संगम का दिन है, जब सही क्रियाओं द्वारा हम अपने जीवन की सबसे बड़ी समस्याओं, विशेषकर आर्थिक तंगी, कर्ज और बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं।

और जब बात समस्याओं के समाधान और किस्मत को जगाने की आती है, तो ज्योतिष की एक रहस्यमयी और अचूक मानी जाने वाली विद्या का नाम सबसे पहले आता है - लाल किताब

आज हम पारंपरिक पूजा-पाठ से थोड़ा आगे बढ़कर, लाल किताब के उन सरल लेकिन अत्यंत शक्तिशाली उपायों की बात करेंगे, जो इस धनतेरस को आपके लिए सिर्फ एक खरीदारी का दिन नहीं, बल्कि जीवन में एक सकारात्मक मोड़ लाने वाला दिन बना सकते हैं।

सबसे पहले समझें - लाल किताब आखिर है क्या और यह क्यों इतनी खास है?

इससे पहले कि हम उपायों की गहराई में उतरें, यह जानना जरूरी है कि लाल किताब आखिर क्या है। यह पारंपरिक ज्योतिष से थोड़ी अलग है। इसे 'अरुण संहिता' का अंश भी माना जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसके 'उपाय'। लाल किताब ग्रहों के गणितीय विश्लेषण से ज्यादा कर्म और उसके प्रभाव पर जोर देती है। यह मानती है कि हमारे जीवन में आने वाली हर समस्या किसी न किसी ग्रह के बुरे प्रभाव या हमारे ही किसी पिछले कर्म का फल है।

लेकिन घबराइए नहीं, लाल किताब डराती नहीं, राह दिखाती है। इसके उपाय इतने सरल होते हैं कि कोई भी आम इंसान उन्हें अपने घर में मौजूद चीजों से ही कर सकता है। यह महंगे यज्ञों या रत्नों की बात नहीं करती, बल्कि आपके किचन में रखी हल्दी, आपके घर के बाहर लगे पेड़ या आपके द्वारा किए गए एक छोटे से दान की शक्ति पर विश्वास करती है। यह 'कर्म के ग्रह' को 'धर्म के ग्रह' से ठीक करने का विज्ञान है।

धनतेरस का दिन इन उपायों के लिए सोने पर सुहागा जैसा है। इस दिन धन के देवता कुबेर, आरोग्य के देवता धन्वंतरि और ऐश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी, तीनों की ऊर्जा पृथ्वी पर अपने चरम पर होती है। इस दिव्य ऊर्जा का लाभ उठाकर लाल किताब के उपाय कई गुना अधिक प्रभावशाली हो जाते हैं।

तो चलिए, अब सीधे उन उपायों पर आते हैं जो आपकी जिंदगी में समृद्धि और खुशहाली के दरवाजे खोल सकते हैं।


धनतेरस के लिए लाल किताब के अचूक और सिद्ध उपाय

इन उपायों को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करें। याद रखें, यह कोई जादू नहीं, बल्कि ऊर्जा का विज्ञान है। आपकी भावना और विश्वास ही इन उपायों की असली शक्ति हैं।

1. तेरह दीयों का वो चमत्कार जो हर अंधकार को दूर करे

यह लाल किताब का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली धनतेरस उपाय है। यह न केवल धन को आकर्षित करता है, बल्कि घर से हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा, बीमारी और अकाल मृत्यु के भय को भी दूर करता है।

  • क्यों है यह खास?
    'तेरह' का अंक राहु से जुड़ा है, जो अचानक आने वाली समस्याओं और बाधाओं का कारक है। धन 'तेरस' के दिन तेरह दीये जलाकर हम राहु के नकारात्मक प्रभाव को शांत करते हैं और यमराज को प्रसन्न करते हैं, ताकि परिवार में किसी पर अकाल संकट न आए।

  • क्या चाहिए?

    • 13 मिट्टी के छोटे दीये

    • सरसों का तेल

    • एक मुट्ठी काले तिल

    • एक पुरानी धोती या कोई सूती कपड़ा (बत्ती के लिए) या रुई की बत्तियां

  • कैसे करें?

    1. धनतेरस की शाम को, जब सूर्यास्त हो जाए, तब ये 13 दीये तैयार करें।

    2. इन सभी दीयों में सरसों का तेल डालें और बत्ती लगाएं।

    3. अब इन दीयों को घर के अंदर और बाहर अलग-अलग जगहों पर रखना है। ध्यान से समझें कि कौन-सा दीया कहाँ रखना है।

    4. पहला दीया: घर के मुख्य द्वार के बाहर, दाहिनी ओर रखें। यह माँ लक्ष्मी के आगमन का स्वागत करता है।

    5. दूसरा दीया: पूजा घर में देवी-देवताओं के सामने रखें।

    6. तीसरा दीया: तुलसी के पौधे के पास रखें। यह भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए है।

    7. चौथा दीया: घर की छत के किसी कोने में रखें। यह आकाश तत्व को संतुलित करता है।

    8. पांचवां दीया: पीपल के पेड़ के नीचे रखें। यह पितरों का आशीर्वाद दिलाता है और शनि के दोषों को शांत करता है।

    9. छठा दीया: पास के किसी मंदिर में रखें। यह ईश्वरीय कृपा को आकर्षित करता है।

    10. सातवां दीया: जहाँ आप घर का कचरा रखते हैं या कूड़ेदान के पास रखें। यह घर की दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा को जलाता है। राहु का स्थान गंदगी में माना जाता है, वहां दीया जलाने से उसका दुष्प्रभाव खत्म होता है।

    11. आठवां दीया: बाथरूम या शौचालय के बाहर, कोने में रखें। यह चंद्र और राहु के दोषों को दूर करता है।

    12. नौवां दीया: घर की रसोई में, पानी रखने के स्थान (जैसे मटका या RO) के पास रखें। यह अन्न-धन की बरकत सुनिश्चित करता है।

    13. दसवां दीया: अपने सोने वाले कमरे (बेडरूम) की खिड़की पर रखें।

    14. ग्यारहवां दीया: घर की सीढ़ियों के नीचे या आस-पास रखें।

    15. बारहवां दीया: किसी चौराहे पर चुपचाप रखकर आ जाएं और पीछे मुड़कर न देखें। यह तंत्र-मंत्र और नजर दोष से रक्षा करता है।

    16. तेरहवां दीया (सबसे महत्वपूर्ण): यह 'यम का दीया' कहलाता है। इसमें एक चुटकी काले तिल डालें। अब घर के सभी सदस्यों के सिर के ऊपर से इसे 7 बार घुमाएं (वार लें) और घर से सबसे दूर, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके इसे रख दें। इसे रखने के बाद यमराज से प्रार्थना करें कि वे आपके परिवार पर कृपा बनाए रखें और किसी की अकाल मृत्यु न हो।

यह उपाय आपके घर के चारों ओर एक ऐसा सुरक्षा कवच बना देता है, जिससे कोई भी नकारात्मक शक्ति प्रवेश नहीं कर पाती।

2. साबुत धनिया: शुक्र को जगाने का अचूक नुस्खा

लाल किताब में शुक्र ग्रह को धन, ऐश्वर्य, भौतिक सुख और विलासिता का कारक माना गया है। यदि आपका शुक्र कमजोर है, तो पैसा आकर भी टिकता नहीं। साबुत धनिया शुक्र ग्रह का प्रतिनिधि है।

  • क्या चाहिए?

    • साबुत धनिया (कम से कम 100 ग्राम)

    • एक छोटा मिट्टी का गमला या घर के बगीचे में थोड़ी सी जगह

  • कैसे करें?

    1. धनतेरस के दिन किसी भी शुभ मुहूर्त में बाजार से थोड़ा सा साबुत धनिया खरीदें।

    2. इसे घर लाकर माँ लक्ष्मी की तस्वीर के सामने एक कटोरी में रख दें।

    3. पूरी रात इसे वहीं रखा रहने दें।

    4. दिवाली के दिन, इस धनिये के बीजों को हल्के हाथ से मसलकर दो हिस्से कर लें।

    5. अब इन बीजों को अपने घर के बगीचे में या किसी गमले में बो दें।

    6. मान्यता है कि जैसे-जैसे इस धनिये से पौधे उगेंगे और हरे-भरे होंगे, वैसे-वैसे आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत और हरी-भरी होती जाएगी। यदि धनिया अच्छी तरह उगता है, तो यह संकेत है कि साल भर आपके घर में धन की वर्षा होगी।

3. नमक का एक पैकेट: राहु-केतु के जाल से मुक्ति

नमक में नकारात्मक ऊर्जा को सोखने की अद्भुत क्षमता होती है। लाल किताब कर्ज और अचानक आने वाले आर्थिक संकटों का कारण राहु-केतु को मानती है। नमक का यह उपाय इन दोनों छाया ग्रहों को शांत करता है।

  • क्या चाहिए?

    • एक पैकेट खड़ा नमक (समुद्री नमक)

  • कैसे करें?

    1. धनतेरस के दिन एक पैकेट खड़ा नमक खरीदें। इसे घर में खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले नमक से अलग रखें।

    2. इस नमक को एक कांच की कटोरी में भरकर अपने घर के उत्तर-पूर्व (ईशान) कोने में और एक कटोरी बाथरूम में रख दें।

    3. यह नमक घर में मौजूद सारी नकारात्मक ऊर्जा, वास्तु दोष और किसी की बुरी नजर के प्रभाव को सोख लेगा।

    4. हर 15 दिन में इस नमक को बदलते रहें। पुराने नमक को सिंक में पानी के साथ बहा दें।

    5. धनतेरस पर खरीदे गए नमक से ही हफ्ते में एक बार घर में पोछा लगाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और माँ लक्ष्मी का वास स्थायी होता है।

4. किन्नर को दान: बुध ग्रह का आशीर्वाद

लाल किताब में बुध ग्रह को व्यापार, बुद्धि, वाणी और धन के लेन-देन का कारक माना गया है। किन्नरों को बुध ग्रह का प्रतीक माना जाता है। उन्हें प्रसन्न करके आप अपने बुध को कई गुना शक्तिशाली बना सकते हैं।

  • क्या चाहिए?

    • कुछ पैसे (अपनी श्रद्धानुसार)

    • हरे रंग के वस्त्र या चूड़ियां

    • मिठाई

  • कैसे करें?

    1. धनतेरस के दिन यदि आपको कोई किन्नर दिख जाए, तो इसे ईश्वर का संकेत मानें।

    2. उन्हें अपनी श्रद्धानुसार कुछ धन, मिठाई और हो सके तो हरे रंग की कोई वस्तु (साड़ी, सूट या चूड़ियां) भेंट करें।

    3. उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें।

    4. उनसे अनुरोध करें कि वे आपको आशीर्वाद स्वरूप एक सिक्का (1 या 2 रुपये का) दें।

    5. यदि वे खुशी-खुशी वह सिक्का आपको दे देते हैं, तो उसे घर लाकर गंगाजल से धोकर अपनी तिजोरी या गल्ले में रख दें।

    6. यह सिक्का एक चुंबक की तरह आपके जीवन में धन को आकर्षित करेगा। व्यापार में आ रही बाधाएं दूर होंगी और रुका हुआ पैसा वापस आने के रास्ते बनेंगे।

5. कौड़ियों का खेल: माँ लक्ष्मी को घर बुलाने का निमंत्रण

प्राचीन काल में कौड़ियां मुद्रा के रूप में इस्तेमाल होती थीं। समुद्र से निकलने के कारण इनका सीधा संबंध माँ लक्ष्मी से माना जाता है। कौड़ियां चंद्र और शुक्र दोनों के प्रभाव को शुभ करती हैं।

  • क्या चाहिए?

    • 11 या 21 पीली कौड़ियां

  • कैसे करें?

    1. धनतेरस के दिन 11 या 21 पीली कौड़ियां खरीदें।

    2. शाम को लक्ष्मी पूजन के समय इन्हें भी पूजा स्थान पर रखें।

    3. हल्दी और केसर के घोल से इन पर तिलक करें और माँ लक्ष्मी के मंत्र "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥" का जाप करते हुए इन्हें अभिमंत्रित करें।

    4. अगले दिन, यानी छोटी दिवाली पर, इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी, कैश बॉक्स या उस स्थान पर रख दें जहाँ आप अपना धन रखते हैं।

    5. यह पोटली आपके धन को स्थिरता प्रदान करेगी और बेवजह के खर्चों पर लगाम लगाएगी।

6. कर्ज मुक्ति के लिए एक लौंग और सुपारी का उपाय

यदि आप कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं और कोई रास्ता नहीं सूझ रहा, तो मंगल और राहु को शांत करने वाला यह छोटा सा उपाय आपके लिए संजीवनी बन सकता है।

  • क्या चाहिए?

    • एक साबुत सुपारी

    • एक साबुत लौंग

    • एक लाल धागा (कलावा)

  • कैसे करें?

    1. धनतेरस की शाम को पूजा के समय एक सुपारी और एक लौंग लें।

    2. अपने सिर पर से 7 बार इसे उसारें (एंटी-क्लॉकवाइज घुमाएं) और अपने कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें।

    3. इसे अपने सामने रखकर "ॐ अंगारकाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

    4. अब इसे किसी लाल धागे से बांधकर पास के किसी हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर दें।

    5. पीछे मुड़कर न देखें और घर वापस आ जाएं। यह उपाय आपके कर्ज उतारने के लिए नए रास्ते खोलेगा और आपको मानसिक शांति प्रदान करेगा।


उपाय करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान

लाल किताब के उपाय जितने सरल हैं, उतने ही नियमों से बंधे हैं। सर्वोत्तम परिणाम के लिए इन बातों को गांठ बांध लें:

  1. पूर्ण विश्वास और श्रद्धा: किसी भी उपाय को करते समय मन में संदेह न रखें। यह सोचें कि आप ब्रह्मांड की सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ रहे हैं और आपकी समस्या का समाधान निश्चित है।

  2. गोपनीयता: लाल किताब के उपायों का ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए। आप जो भी उपाय कर रहे हैं, उसे गुप्त रखें। बताने से उसका प्रभाव कम हो जाता है।

  3. शुद्धता: उपाय करते समय तन और मन, दोनों की शुद्धता आवश्यक है। स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र पहनकर ही उपाय करें।

  4. नकारात्मकता से बचें: जिस दिन आप उपाय कर रहे हैं, उस दिन घर में कलह, झूठ, या किसी का अपमान करने से बचें। अपने मन को शांत और सकारात्मक रखें।

  5. निरंतरता: कुछ उपाय एक दिन के होते हैं, तो कुछ को नियमित करना पड़ता है। निर्देशों का पालन पूरी ईमानदारी से करें।

निष्कर्ष: धनतेरस - सिर्फ धन नहीं, सौभाग्य का स्वागत करें

इस धनतेरस, जब आप बाजार जाएं तो सिर्फ स्टील के बर्तन, सोने का सिक्का या चांदी की पायल ही घर न लाएं, बल्कि अपने साथ सौभाग्य, समृद्धि और आरोग्य को भी आमंत्रित करें। लाल किताब के ये उपाय उसी निमंत्रण पत्र की तरह हैं।

यह दिन हमें अवसर देता है कि हम अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं, अपने ग्रहों को अपने अनुकूल बनाएं और जीवन की बाधाओं को दूर करें। एक छोटा सा दीया, थोड़ी सी धनिया, एक चुटकी नमक... ये साधारण सी चीजें जब सही समय और सही भावना के साथ इस्तेमाल की जाती हैं, तो असाधारण परिणाम देती हैं।

तो इस बार धनतेरस को सिर्फ एक परंपरा की तरह न मनाएं। इसे एक अवसर की तरह देखें। एक मौका, अपनी किस्मत के बंद दरवाजों को खटखटाने का। एक मौका, अपने जीवन के अंधकार को मिटाकर उसे उम्मीद की रोशनी से भरने का।

आप सभी को धनतेरस और आने वाले दीपावली महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। माँ लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की कृपा आप और आपके परिवार पर सदा बनी रहे।

।। शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा ।।

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