रामायण जिसके नाम सुनते ही मन में सारे दुख मिट जाती हैं मित्रों रामायण में बहुत से भाग ऐसे हैं कि हम सभी को मालूम नहीं है तो आज हम जानेंगे ।
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लक्ष्मण के कितने पुत्र थे ?
और उनका नाम क्या था ?
👉लक्ष्मण रामायण मैं आप आदर्श पात्र भी कह सकते हैं। लक्ष्मण को शेषनाग का अवतार माना जाता है। रामायण के अनुसार, राजा दशरथ के तीसरे पुत्र थे, उनकी माता सुमित्रा थी। वे👉राम के भाई थे, इन दोनों भाईयों में अपार प्रेम था। उन्होंने राम-सीता के साथ १४ वर्षों का वनवास मैं बिताया था। 👉मंदिरों में श्री राम तथा सीता जी के साथ सदेव लोग लक्ष्मण को भी पूजा करते हैं। उनके अन्य भाई भरत और शत्रुघ्न थे। लक्ष्मण हर कला में शक्तिशाली थे चाहे वो मल्लयुद्ध हो या धनुर्विद्या लड़ने में बहुत माहिर थे ।
लक्ष्मण एक सबके प्यारा भाई थे। राम को पिता ने वनवास दिया किंतु लक्ष्मण राम के साथ स्वेच्छा से वन मैं बड़े भाई राम के साथ गया था - 👉 सिर्फ ज्येष्ठानुवृति, स्नेह तथा धर्मभाव के कारण। राम के साथ उनकी पत्नी सीता के होने से उन्हें आमोद-प्रमोद के साधन प्राप्त है फिर भी लक्ष्मण ने समस्त आमोदों का त्याग कर, अपने पत्नी को त्याग कर केवल सेवाभाव को ही अपनाया।
वास्तव में लक्ष्मण का वनवास राम के वनवास से भी अधिक महान बताया गया ।
रामायण में अधिकांश लोगों को पता है कि लक्ष्मण के माता-पिता के विषय में परंतु जो बात हमें जाने की इच्छा है वह हैं लक्ष्मण के कितने पुत्र, और उनका नाम क्या था ? दरअसल लक्ष्मण 14 साल वनवास बिताने के बाद जब अपने राज्य में रावण को वध करके लौट आया था तब कुछ सालों के बाद उनकी पुत्र संतान जन्म लिया था ।
लक्ष्मण के पुत्र का नाम अंगद तथा चन्द्रकेतुमल्ल दो जन्म लिया था जिन्होंने क्रमशः अंगदीया पुरी तथा कुशीनगर की स्थापना की।