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क्यों होता है कई अमीर तो कई गरीब ?
अमीर बनने की ख्वाहिश सभी कोई रखते हैं मगर सबका ख्वाहिश पूरी नहीं होती जब तक अपना सही कर्म न करें तो उनके लिए अमीर बनना नामुमकिन है ।
बोलो तो दुनिया भर में जितना भी मानव जाति है माना जाता है 70 प्रतिशत गरीब है और 30% अमीर है मगर इस अमीर गरीब के करण क्या है ?
जानते हैं हम गरीब क्यों रहते हैं ।
इस धरती पे जब कोई इंसान जन्म लेते हैं तो अपना भाग्य लेकर आते हैं और अपने भाग्य तो कर्म से बनता है ।
लेकिन कुछ इस तरह भी मनुष्य को करना चाहिए जो व्यक्ति अपने से ज्यादा दूसरे के लिए सोचते हैं उनको भगवान की कृपा हमेशा बना रहता है चाहे वह भगवान के भक्त हो या ना हो।
हमेशा ईश्वर उस आदमी को फलों करते हैं जो आदमी दूसरे के लिए कष्ट उठाते हैं ।
जो व्यक्ति अपने के लिए ज्यादा सोचते हैं वह कभी भी अमीर नहीं बन सकता है । उसकी उदाहरण यह है कि इस धरती पे पशु पक्षी अपने पेट भरने के लिए घूमते फिरते हैं दूसरे के लिए नहीं अपने के लिए करते हैं ।
ठीक इसी प्रकार जो व्यक्ति अपने के लिए सोचते हैं वह कभी भी अमीर नहीं बन सकता है उनके घर हमेशा दरिद्रता में रहेंगे ।
ईश्वर कभी भी उनको दौलत की रास्ता दिखाएंगे नहीं दौलत की रास्ता उन्हें दिखाते हैं जो लोग दूसरे के लिए सोचते हैं दूसरे की मदद करते हैं ।
लेकिन एक बात और भी है जो लोग अमीर बनने के बाद अपने ईश्वर को भूल जाते हैं । अपने सही कर्म को भूल जाते हैं उन्हें फिर उसी जगह पर पहुंचा देता है जहां वह पहले थे ।
लेकिन मजा की बात तो यह भी है गरीब होना भी बहुत किस्मत की बात होती है गरीब के घर में प्रेम ज्यादा रहते हैं ईश्वर की नाम ज्यादा होते हैं ।
शायद आप राजा हरिश्चंद्र के बात तो सुने होंगे राजा हरिश्चंद्र एक दानवीर थे सुबह के वक्त कोई भी अगर उनसे दान मांगे तो खाली हाथ कभी वापस नहीं भेजते थे । कुछ ना कुछ उन्हें दाम देकर ही भेजते थे ।
हमेशा इस बात को ध्यान में रखना चाहिए हमें सभी को ईश्वर यानी प्रभु सब की परीक्षा लेते हैं उनके पास ना तो कोई गरीब होता और नाही कोई अमीर ।
इंसान के नजर में अमीर और गरीब होते हैं , छोटे और बड़े होते हैं , मगर भगवान के द्वारपर ना तो कोई छोटे होते हैं और न कोई बड़े । बस ईश्वर के भक्त होना पड़ता है ।
कुछ लोग तो यह भी करते हैं अमीर बनने के लिए ईश्वर की मूर्ति को चुरा कर ले जाते हैं चंद पैसा के लिए उसे यह पता नहीं कि प्रभु कभी सोता नहीं उनकी नजर हमेशा मानव जाति पर रहते हैं । ऐसे लालची आदमी को ईश्वर कभी भी बड़ा होने नहीं देते हैं ।
जो व्यक्ति अपने कर्म मैं फांकी मारते हैं वह अपने लाइफ में फांकी देते हैं । वही लोग अमीर बनने की ख्वाहिश रखते हैं जो लोग बड़े लालची होते हैं । आप कभी भी अमीर बनने की ख्वाहिश मत कीजिए ।आप दूसरे की मदद करना शुरू करिए देखिए अपने आप आप अमीर बन सकते हैं । ईश्वर आपको बहुत मदद करेंगे यदि आप दूसरे को मदद करेंगे ।
अगर आपको अमीर बनना है तो दूसरे की मदद करना सीखे , अपने से ज्यादा पीड़ित वाले की सहारा देने सीखें अपने कर्म के पीछे भागे ऐसे करने से आपको कोई नहीं रोक सकते अमीर बनने में ।
जो लोग अमीर बनने में ख्वाहिश रहते हैं वह कभी भी अमीर नहीं बनते हैं वह करीब ही रहते हैं कारण दूसरे की मदद नहीं करते हैं दूसरे की लूटपाट करके अपने को बढ़ाना चाहते हैं और इसी के लिए गरीब रहते हैं । और जो पहले से ही गरीब है उनका कर्म का फल है । जैसे कर्म करके आए हैं उसी प्रकार की धन उन्हें मिले हैं । मनुष्य के कर्म ही सब कुछ है कर्म के बिना और कुछ नहीं है । मनुष्य के कर्म से ही निर्धारित करते हैं गरीब बनेंगे या अमीर बनेंगे । बहुत ऐसे लोग हैं जो गरीब से अमीर बने हैं । ओर बहुत ऐसे लोग भी हैं दुनिया में अमीर से गरीब बन गया है यह सभी अपना अपना कर्म का फल है ।