सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु ऐसे हुआ जहां अधिकांश लोगों को नहीं पता

सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कैसे हुई



सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कैसे हुई जानें सच


सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कैसे हुई जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए मित्र नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है ।
भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा कि आप कितना भी झूठ को सच साबित करने में लगे रहो लेकिन एक दिन सच्चाई सबके सामने आ ही जाएगा उसे कोई नहीं रोक सकते हैं ।
कुछ इस तरह का घटना वीर सुपुत्र सुभाष चंद्र बोस के साथ भी हुआ था जो कि आज भी उनके मौत के बहुत बड़ा रहस्य बन गया । कहा जाता है कि अपने देश के आजादी के लिए सुभाष चंद्र बोस अपने जीवन को निछावर कर दिया था | तो चलिए जानते हैं देश के आजादी के पीछे उन्होंने कैसे भूमिका निभाई थी ।


भारत को अंग्रेजों के हाथों से आजाद करने में भारत माता की हजारों पुत्र के प्राण की बलिदान देने पड़े। हिंदुस्तान को आजाद करने में एक से एक महान व्यक्ति अपना निष्ठा से भूमिका निभाई। लेकिन जिन्होंने हिंदुस्तान को आजाद करने में मुख्य भूमिका निभाई इतना कष्ट उठाया आज उनकी मौत का एक रहस्य बन गया ।

वीर सुभाष चंद्र बोस जी के मौत के विषय में अभी तक सभी अनजान हैं । यह सच है कि उस समय हिंदुस्तान की आजादी पाने के लिए जिसने भी आवाज उठाई गोरे वाले के सामने उसकी आवाज बंद कर देते थे । लेकिन एक ऐसा हिम्मत वले इंसान थे जो उनकी आवाज बंद करने में नाकाम रहा जिसका नाम है सुभाष चंद्र बोस । सुभाष चंद्र बोस को देखते ही गोरे वाले की हालत खराब हो जाता था।

अंग्रेजों ने हिंदुस्तान में अपने मनमर्जी शासन करते थे।  भारत के किसी नागरिक को नहीं डरते थे वह अपने हुकूमत जैसे मर्जी वैसे करते थे सभी को गुलाम बना कर रखे थे । लेकिन एक ही आदमी को गुलाम बना कर नहीं रख पाए जिसका नाम है सुभाष चंद्र बोस ।
नेताजी सुभाष चंद्र के सोच और भावना इतना प्रबल दावेदार हैं कि उनकी गुलामी करना बिल्कुल पसंद नहीं थी । सुभाष चंद्र बोस ने भारत को आजादी दिलाने में ऐसा चाल चलाया था कि अंग्रेजों के सोच और हालत खराब कर दिया । दूसरा विश्वयुद्ध जब हुआ था तब सुभाष चंद्र बोस और उनके सहयोगी जापान के साथ मिलकर अंग्रेजों को हिंदुस्तान से भगाने में जुट गए थे ।
उस वक्त अंग्रेजों की बहुत सैनिक मारा गया था और धीरे-धीरे कमजोर होने लगा । सुभाष चंद्र की इस नीति से अंग्रेज लोग बहुत ही डर गया। उसके बाद अंग्रेज भारत को छोड़ने में मजबूर हुआ ।
यह बात इतिहास में भी गवाह है की सुभाष चंद्र बोस के लिए ही अंग्रेजों को हिंदुस्तान छोड़ना पड़ा।

भारत जब आजाद हुआ उसके बाद संविधान बने, प्रधानमंत्री बने पर नेताजी सुभाष चंद्र के विषय में तनिक भी किसने चिंता नहीं की। भारत के आजादी के पीछे मुख्य भूमिका जिसने निभाई थे उनकी खोज खबर तक नहीं रखा अपना स्वार्थ के लिए । लेकिन गुप्त रिपोर्ट के मुताबिक मैं आपको एक ऐसा जानकारी साझा करने जा रहे हैं जहां आपको दूसरे और कहीं नहीं मिलेगी ।

तो मित्रो आइए जानते हैं सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कैसे हुई ।

18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में नेताजी की मृत्यु की खबर जापानी समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी। लेकिन कई लोग भारत में इस बहुत लोकप्रिय नेता की मृत्यु की खबर को स्वीकार नहीं कर सके। कांग्रेस में उनके कई सक्रिय समर्थकों का विचार था कि वह छिप रहे थे। नेताजी 'आजाद हिंद फौज ’के साथ भारत की स्वतंत्रता के लिए संगठित और पुकार सकते हैं ।



हालाँकि, समय की गहराई में खो जाने वाला यह नेता कभी वापस नहीं आया। शाहनवाज आयोग, खोसला आयोग और मुखर्जी आयोग का गठन उनकी मृत्यु के रहस्य को जानने के लिए किया गया था। लेकिन कोई भी सही किनारे तक नहीं पहुंच पा रहा था। हालाँकि, जापान में शामिल होने के लिए कई कांग्रेसी नेता उनसे नाराज़ थे, लेकिन बहुतों को उम्मीद थी कि सुभाष उनके नेतृत्व में प्रकाश के साथ अंधेरे भारत लौट सकते हैं। लेकिन सुभाष घर नहीं लौटा, वह 'नेताजी' बन गया और भारत के आम लोगों के दिलों में हमेशा के लिए रहने लगा। लेकिन उनके द्वारा दिखाए गए संघर्ष के रास्ते पर चलकर, भारत ब्रिटिश शासन के झांसे में आ गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस आज भी जीवित हैं क्योंकि वे युगों तक क्रांतिकारियों के प्रेरणास्रोत रहे हैं। 
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