नमाज़ पढ़ने का सही तरीका जानिए हमारे साथ । उससे पहले हमारे वेबसाइट में आपको स्वागतम ।
जो मित्रों लंबे दिनों से नमाज पढ़ने के लिए सही जानकारी प्राप्त के लिए इंतजार कर रहे हैं आज मैं उन्हीं लोगों के लिए नमाज पढ़ने का सही तरीका क्या है बताएंगे ।
जानें नमाज पढ़ने का सही तरीका क्या है ?
Namaz पढ़ने का तरीका बिल्कुल सरल है। नमाज़ या तो २ रक’आत की होती है, या ३, या ४ रक’आत की। एक रक’आत में एक क़याम, एक रुकू और दो सजदे होते है। नमाज़ का तरीका कुछ इस तरह है जानिए ।
Namaz केलिए क़िबला रुख होकर नमाज़ के इरादे पक्का करके अल्लाहु अकबर कहें कर (तकबीर ) दोनों हाथ बांध लीजिये।
दो हाथ बनने के बाद सना पढ़ना चाहिए। आपको जो भी सना आता है वही सना आप पढ़ सकते है। सना के मशहूर अल्फाज़ इस तरह है “सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका” (अर्थात: ए अल्लाह मैं तेरी पाकि बयां करता हु और तेरी तारीफ करता हूँ और तेरा नाम बरकतवाला है, बुलंद है तेरी शान एवं माबूद तेरे अलावा कौर दुनिया में और नहीं कोई।)
इसके बाद आप त’अव्वुज पढ़िए। त’अव्वुज के अल्फाज़ इस प्रकार की है ।
👉 “अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम।”
इसके बाद आप सुरे फातिहा पढ़िए ।
Sure फ़ातिहा के बाद कोई एक सूरा और पढ़े।
इसके बाद अल्लाहु अकबर (तकबीर) कह कर रुकू में आपको जाना चाहिए। ।
रुकू में जाने के बाद अल्लाह की तस्बीह बयान करे। आप जो अल्फाज़ में चाहे अल्लाह की तस्बीह बयान कर सकते हैं। तस्बीह के मशहूर अल्फाज़ इस प्रकार की है ।।
👉 “सुबहान रब्बी all अज़ीम (अर्थात: पाक है मेरा रब अज़मत वाला)”
इसके बाद बोलिए 👉‘समीअल्लाहु लिमन हमीदा’ कहते हुवे रुकू से खड़े हो जाये। (अर्थात: अल्लाह ने उसकी सुन ली जिसने उसकी तारीफ की, ऐ हमारे रब तेरे ही लिए तमाम तारीफे है।
खड़े होने के बाद ‘रब्बना व लकल हम्द , हम्दन कसीरन मुबारकन फिही’ आपको कहना चाहिए ।
इसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जायें।
सज्दे में फिर से अल्लाह की तस्बीह बयान करेंं । आप जो अल्फाज़ में चाहे अल्लाह की तस्बीह बयान कर सकते हैं। तस्बीह के मशहूर अल्फाज़ इस प्रकार की है‘
👉सुबहान रब्बी all आला ।
( इसका अर्थ यह है: पाक है मेरा रब बड़ी शान वाला है)’
इसके बाद अल्लाहु अकबर बोलते हुए सज्दे से उठकर बैठे।
फिर दूसरी बार अल्लाहु अकबर बोलते हुए सज्दे में जायें।
सज्दे में फिर से अल्लाह की तस्बीह करनी चाहिए। आप जो अल्फाज़ में चाहे अल्लाह की तस्बीह बयान कर सकते हैं। या फिर आप यह भी कह सकते हैं जो आम तौर पर सभी कहते हें, ‘सुबहान रब्बी अल आला’ यह हो गई नमाज़ की एक रक’आत।
इसी तरह उठ कर आप दूसरी रक’अत पढ़ सकते हैं। 2 रक’आत वाली Namaz में सज्दे के बाद तशहुद में आराम से बैठिये.
१५.👉 तशहुद में बैठ कर सर्वप्रथम अत्तहिय्यात पढ़िए। अत्तहिय्यात के अल्लाह के रसूल के सिखाया हुआ अल्फाज इस तरह का है ।
‘👉अत्ताहियातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैयिबातू अस्सलामु अलैका अय्युहन नाबिय्यु रहमतुल्लाही व बरकताहू अस्सलामु अलैना व आला इबादिल्लाहिस सालिहीन अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहू व अशहदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसुलहू’
१६. 👉इसके बाद दरूद पढ़िए । । दरूद के अल्फाज़ इस प्रकार के हैं ।
‘👉अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद व आला आली मुहम्मद कमा सल्लैता आला इब्राहिम वा आला आली इब्राहिमा इन्नका हमिदुम माजिद. अल्लाहुम्मा बारीक़ अला मुहम्मद व आला आली मुहम्मद कमा बारकता आला इब्राहिम वा आला आली इब्राहिमा इन्नका हमिदुम माजिद’
१७. 👉इसके बाद दुआ ए मसुरा पढ़े। मतलब कोई भी ऐसी दुआ जो कुर’आनी सुरों से अलग प्रकार के हो। वो दुआ कुर’आन में से ना हो। साफ साफ अल्फाज़ में आपको अपने लिए मन की जो इच्छा है वो मांग लीजिये। दुआ के अल्फाज़ मगर अरबी ही होना चाहिए।
१८. 👉आज के मुस्लिम नौजवानों के हालत देखते हुए उन्हें यह दुआ नमाज़ के आखिर में पढनी चाहिए।
👉‘अल्लाहुम्मा इन्नी अस’अलुका इलमन नाफिया व रिज्क़न तैय्यिबा व अमलम मुतक़ब्बला.’
– इसका अर्थ यह है, ‘ऐ अल्लाह मैं तुझसे इसे इल्म का प्रश्न करता हु जो फायदेमंद हो, ऐसे रिज्क़ का सवाल करता हु तो तय्यिब हो और ऐसे अमल का प्रश्नों करता हु जिसे तू कबूल करे ।।
१९. 👉इस तरह से 2 रक’अत नमाज़ पढ़ कर आप सलाम फेर सकते हैं। ‘अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह’ कहकर आप सीधे और उलटे जानिब सलाम🙌 फेरें।