पाप को कैसे रोके क्या करने से पाप कर रहे हैं आप ?

पाप को कैसे रोके क्या करने से पाप कर रहे हैं आप ? जानिए विस्तार से 
geeta gyan


पाप पुण्य की बात करें तो वर्तमान में जिस तरह इस धरती पर पाप बढ़ते गया और पाप बढ़ते जा रहा है इसे कैसे रोके ?  जहां पाप की घड़ी बढ़ जाते हैं वहां विनाश की रास्ता निश्चिंत है ।
कुछ ऐसे भी समय आते हैं जहां एक व्यक्ति पाप करते हैं तो पाक का दंड कई लोगों को मिल जाते हैं । परंतु जो व्यक्ति पाप किए हैं उसको तो सजा मिलना ही मिला है आज नहीं तो कल लेकिन कैसे मिलेंगे सजा यह तो ऊपर वाला ही तय करते हैं । । इस धरती पर हर कोई पाप करना नहीं चाहता है मगर कुछ ऐसा भी है मजबूरी से पाप करना पड़ता है ।
धरती पे पाप कई प्रकार के हो रहे हैं  इसे तो  बयां भी नहीं किया जाता है और इसे रोकने के लिए हमारे अंदर क्षमता है ! जैसे कि सत्य युग द्वापर युग त्रेता युग इस युग में  देखोगे तो इंसान के सोच और भावनाएं कुछ अलग प्रकार की थी. दूसरे की मदद करते थे इंसान इंसान की सम्मान करते थे किसी के बात पर रहस्य नहीं करते थे अहंकार नहीं थे ।
इसका कारण क्या था उस समय के इंसान के सोच और भावनाएं इतना अच्छा स्वभाव के क्यों थे ? क्योंकि उस समय गुरु के शिक्षा लेते थे गुरु भगवान समान होते हैं गुरु अपने शिष्य को गलत रास्ता चलने नहीं देते थे उनकी हर एक बात अमृत समान होती है उस समय गुरु शिक्षा सभी मानव जाति के कल्याण हेतु देते थे ।
 परंतु वर्तमान युग में ऐसा शिक्षा ले रहे हैं और ऐसे शिक्षा दे रहे हैं कुछ नाजरा आ रहे हैं ।


जैसे कि इंसान इंसान के नजर में नहीं देखते हैंअहंकार ज्यादा हुआ , हिंसा ज्यादा बड़ी,पैसे के करण गरीबों को सताना ज्यादा हुआ , गली-गली में बलात्कार इन सब पाप नहीं तो और क्या है ।

भगवान विष्णु को पहले से ही पता था कि अगले युग में यही होने वाले हैं इसी के कारण श्रीमद्भागवत गीता रचाया था ।


ताकि इस गीता में ऐसी अमृत कथाएं लिखी हुई है जो भी इंसान इस गीता के माध्यम से चलेंगे वह स्वयं ना पाप करेंगे ना ही किसी को पाप करने देंगे ।

आज वर्तमान पापों की इतना ज्यादा बढ़ने की यही कारण है कि हार स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी में आपको यह गीता नजर नहीं आएंगे बल्कि टेक्नोलॉजी के पीछे पड़े हैं ।
और इस टेक्नोलॉजी के चक्कर में पाप बढ़ते ही जा रहा है इंसान इंसान को सम्मान देने भूल जा रहे इसी टेक्नोलॉजी के चक्कर में ईश्वर भी नजर नहीं आ रहे हैं ।
क्या बात को रोकना हमारे लिए सरकार से हम क्या प्राप्त हुए हैं कैसे समझें कितने हम गलती कर रहे हैं कैसे समझें अगर आपको यह सारी बातें समझना है तो सबसे पहले आपको जूता पढ़ना चाहिए भगवान शिव की अमृतवाणी कहां भागवत गीता में सब कुछ उल्लेख किया है मनुष्य इस रास्ते पर जाने से अपना जीवन सफल बना सकते हैं विस्तार से बताया गया है ।


पूरे विश्व में जहां-जहां स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी हैं हार सेक्शन में भागवत गीता पढ़ाया जाए जब भागवत गीता सबके दिमाग में बैठ जाएगी तो यह हिंसा पाप दुष्प्रचार सभी बंद हो  जाएगें और इंसान की भावनाएं बदल जाएंगे । सुख शांति मनुष्य के जीवन में हमेशा जरूरत होती हैं मगर क्या आप अभी तक सुख शांति में जी पा रहे हैं ?  सुख शांति कहां ढूंढते हैं लोग सुख शांति कहां मिलेंगे कैसे प्राप्त किया जाता है अगर आपको इस प्रश्न का जवाब चाहिए तो आपको गीता पढ़ना बहुत ही जरूरी है । अगर हम जानबूझकर कुछ गलत करते हैं तो पाप होते हैं अगर हम कभी अनजान से कुछ गलत काम करते हैं तो क्या पाप होता है इसका भी जवाब आपको भागवत गीता में मिलेंगे दोस्तों हम प्रत्येक मनुष्य दूसरे के दोषी ठहराते हैं क्या कभी स्वयं पर विचार करते हैं अगर आप स्वयं पर विचार करते हैं तो जरूर दोषी कौन हैं यह तो आप भली-भांति जानते हैं सबसे पहले प्रत्येक मनुष्य को खुद का विचार जरूर कर लेनी चाहिए क्या आम सही है या गलत । जो मनुष्य अपने गलती को सुधार सकते हैं अपनी गलती को समझ सकते हैं वही तो दिव्य आत्मा है ऐसे लोग दूसरे पर कभी भी उंगलियां नहीं उठाते हैं उनके विचार स्वभाव बिल्कुल अलग होते हैं । इस धरती पर पाप बिल्कुल मिट जाएंगे जब प्रत्येक मनुष्य खुद का विचार और खुद का गलती समझेंगे ।



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