च्यवनप्राश के फायदे, नुकसान, सावधानियां और खुराक

bholanath biswas
0

च्यवनप्राश के फायदे, नुकसान, सावधानियां और खुराक

health tips in hindi



 च्यवनप्राश कब खाना चाहिए कहीं हम गलती तो नहीं कर रहे हैं दोस्तों जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए मित्रों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । दोस्तों चवनप्राश आज से नहीं प्राचीन काल से लोग उपयोग करते आ रहे हैं और इसका कथा भी है जो आपको बताने जा रहे हैं । 



आयुर्वेद के विकास के प्राचीन काल में ही अश्विनी कुमारों ने, जिनकी चमत्कारी अद्भुत वैद्यों के रूप में महान ख्याति थी। च्यवन ऋषि महर्षि भृगु (जो व्यक्तित्व के बहुत बड़े विद्वान थे और जिन्होंने लाखों लोगों की जन्म चार्ट बनाये जो कि आज भी उनका सबूत मिलता है  ।  च्यवन ऋषि बहुत वृद्ध हो गये तो उन्होंने यौवन की पुनर्प्राप्ति के लिये अश्विनी कुमार से प्रार्थना की। अश्विनी कुमारों ने ऋषि च्यवन के लिये एक दिव्य औषधि तैयार की जिससे ऋषि च्यवन ने फिर से यौवन अवस्था में लौट आया। इसी दिव्या औषधि को च्यवन ऋषि के नाम पर च्यवनप्राश कहा जाता है।


इसके लिए अश्विनी कुमारों ने अष्टवर्ग के आठ औषधीय पौधों की खोज की तथा च्यवन ऋषि के कृश, वृद्ध शरीर को पुन: युवा बना देने का चमत्कार कर दिखाया। और तभी से जगत कल्याण के लिए च्यवनप्राश का उत्पन्न हुआ ।

 

 डाबर च्यवनप्राश खाने के नुकसान

खाली पेट च्यवनप्राश खाने के फायदे

सबसे अच्छा च्यवनप्राश कौन सा है

डाबर च्यवनप्राश के फायदे

पतंजलि च्यवनप्राश के फायदे

बैद्यनाथ च्यवनप्राश खाने के फायदे

शिलाजीत, च्यवनप्राश

झंडू च्यवनप्राश के फायदे


 चवनप्राश बनता है कैसे कितने पोषक तत्व इसमें मौजूद रहते हैं चलिए इसका भी जानकारी कर लेते हैं।


प्रधान द्रव्य - आँवला फल

संसाधन द्रव्य - इन द्रव्यों में पानी डाल कर आंवला फल को हल्की आग पर उबाला जाता है।

यमक द्रव्य - इस श्रेणी के द्रव्य में घी एवं तिल का तेल आते हैं।

संवाहक द्रव्य - इस श्रेणी के द्रव्य (चीनी) च्यवनप्राश को सुरक्षित रखने के लिये उपयोग किये जाते हैं।

प्रक्षेप द्रव्य - ये द्रव्य हैं केशर, नागकेशर, पिप्पली, छोटी इलायची, दालचीनी, बंसलोचन, शहद एवं तेजपात।

च्यवनप्राश त्रिदोष नाशक है। इसमें लवण रस को छोडकर पांचों रस भरे हुये हैं। वैज्ञानिक खोजों से यह साबित हुआ है कि आंवले में पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट एन्जाइम भारी मात्रा में मौजूद है । 


दोस्तों च्यवनप्राश हमारे शरीर को वह शक्ति प्रदान करते हैं जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे। इसके सेवन से शरीर के हड्डियों को बहुत ही मजबूत करता है । अगर किसी व्यक्ति के काम शक्ति कमजोरी है तो रोजाना रात को डिनर करने के बाद दूध के साथ एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन अवश्य करें । 


खाली पेट में कभी भी च्यवनप्राश सेवन ना करें खाली पेट में सेवन करने से पाचन शक्ति में समस्या दिखाई दे सकता है । सुबह खाली पेट में च्यवनप्राश आपका भूख लगने में समस्या दिखाई दे सकता है । यदि आपका सर्दी ज़ुकाम है तो बिल्कुल चिंता मत कीजिए दुपुर के भोजन के बाद आप एक चम्मच डाबर का चवनप्राश सेवन कर सकते हैं । और रात को सोने से पहले मतलब डिनर करने के बाद दूध के साथ एक चम्मच रोजाना डाबर चवनप्राश सेवन करें । 


च्यवनप्राश अधिक सेवन करने से पेट में दर्द हो सकता है इसलिए आप रोजाना दूध के साथ रात को सोने से पहले एक चम्मच चवनप्राश का सेवन करें । इससे आपके शरीर में बहुत ही बेनिफिट मिलेगी बुढ़ापा को दूर करेंगे, शरीर के हर कमजोरी को दूर करेंगे और कामुक को बढ़ाएंगे । 


दोस्तों सर्दी के मौसम में रोजाना च्यवनप्राश का सेवन कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे जब भी गर्मी का मौसम आ जाए तो इसे सेवन करना कम कर दीजिए । क्योंकि वैसे ही च्यवनप्राश के सेवन से शरीर को उत्तेजित कर देता है गर्मी पैदा करते हैं । इसलिए गर्मी के मौसम में इसे उपयोग कम मात्राओं में करें । 


एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!
10 Reply