शनिदेव को खुश करने के 6 उपाय: मनपसंद जॉब,घर में आर्थिक सुधार

bholanath biswas
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Shani Dev mantras


शनि देव को कैसे करें खुश ?

शनि ग्रह की पीड़ा से निवारण के लिये पाठ, पूजा, स्तोत्र, मंत्र और गायत्री आदि को लिख रहा हूँ, जो काफ़ी लाभकारी सिद्ध होंगे.नित्य १०८ पाठ करने से चमत्कारी लाभ प्राप्त होगा । यदि आपका अर्थव्यवस्था कमजोरी है तो इस मंत्रों की नियम से पाठ करने से आपका अर्थव्यवस्था की वृद्धि होगी ।

शनि भगवान एक ऐसा भगवान है जो कभी किसी भले आदमी के साथ बुरा नजर नहीं देखते हैं वह उसी को बुरी नजर से देखते हैं जो बुरे कर्म करते हैं । नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है दोस्तों अगर अपना जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं या फिर किसी को कुछ करके दिखाना चाहते हैं । तो हमें विश्वास है कि आप भगवान शनि देव की इस प्रभावशाली मंत्र को निरंतर जाप करके अपना जीवन सफल बना सकते हैं । दोस्तों विश्वास के ऊपर और कोई चीज नहीं है अगर आपके भीतर धर्मशास्त्र का थोड़ा बहुत ज्ञान है तो इतना तो बोलने का कोई जरूरत नहीं है । मगर हमें विश्वास है आप भगवान शनिदेव को मांनते हैं जिसके कारण हमारे वेबसाइट में आप आकर कुछ सीख प्राप्त करना चाहते हैं ।



         शाम के वक्त इस मंत्र का जप करें

        

विनियोग:-शन्नो देवीति मंत्रस्य सिन्धुद्वीप ऋषि: गायत्री छंद:, आपो देवता, शनि प्रीत्यर्थे जपे विनियोग:।


नीचे लिखे गये कोष्ठकों के अन्गों को उंगलियों से छुयें:-


अथ देहान्गन्यास:-शन्नो शिरसि (सिर), देवी: ललाटे (माथा).अभिषटय मुखे (मुख), आपो कण्ठे (कण्ठ), भवन्तु हृदये (हृदय), पीतये नाभौ (नाभि), शं कट्याम (कमर), यो: ऊर्वो: (छाती), अभि जान्वो: (घुटने), स्त्रवन्तु गुल्फ़यो: (गुल्फ़), न: पादयो: (पैर)।


अथ करन्यास:-शन्नो देवी: अंगुष्ठाभ्याम नम:।अभिष्टये तर्ज्जनीभ्याम नम:। आपो भवन्तु मध्यमाभ्याम नम:.पीतये अनामिकाभ्याम नम:। शंय्योरभि कनिष्ठिकाभ्याम नम:। स्त्रवन्तु न: करतलकरपृष्ठाभ्याम नम:।


अथ ह्रदयादिन्यास:-शन्नो देवी ह्रदयाय नम:।अभिष्टये शिरसे स्वाहा.आपो भवन्तु शिखायै वषट।पीतये कवचाय हुँ(दोनो कन्धे)।शंय्योरभि नेत्रत्राय वौषट। स्त्रवन्तु न: अस्त्राय फ़ट।


ध्यानम:-नीलाम्बर: शूलधर: किरीटी गृद्ध्स्थितस्त्रासकरो धनुश्मान.चतुर्भुज: सूर्यसुत: प्रशान्त: सदाअस्तु मह्यं वरदोअल्पगामी॥


शनि गायत्री:- ॐ कृष्णांगाय विद्य्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात.


वेद मंत्र:- ॐ प्राँ प्रीँ प्रौँ स: भूर्भुव: स्व: औम शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तु न:। औम स्व: भुव: भू: प्रौं प्रीं प्रां औम शनिश्चराय नम:।


जप मंत्र :- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:। नित्य 51 बार जाप प्रतिदिन।


इस मंत्रों के जप करने से यह फायदा है कि यदि आपके घर में अर्थव्यवस्था कमजोरी है तो वह वृद्धि होती है और आपके संसार में जितने भी संकट है सब दूर होगा  ।


अच्छा जांब प्राप्त करने का उम्मीद रखते हैं तो इस मंत्र का जाप अवश्य करें प्रत्येक शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर दीप जलाएंगे और इस मंत्र का जाप करें ।


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