नमक से दुश्मन का खात्मा:
दोस्तों किसी के जीवन में शत्रु बन जाए तो जीवन जीना बहुत मुश्किल हो जाता है इसलिए हमें शत्रु से छुटकारा पाना बहुत आवश्यकता है । अगर कोई आपके काम में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं तो ऐसे में काम तो सफल होगा ही नहीं और तो और कुछ संकट है कुछ दुविधा बढ़ते जाता है ।
दुनिया में ऐसे बहुत इंसान हैं जो कि दूसरे की खाना, दूसरे की अच्छा पहनना यह सब उसे बर्दाश्त नहीं होती है और देखना भी नहीं चाहते हैं । कोई उसके सामने अच्छा कपड़ा पहने, अच्छा खाना खाएं, अच्छा जीवन बिताई तो उनके दिल के अंदर में जलन होती है जिसके कारण ऐसे लोगों से दूर रहना बहुत ही आवश्यकता होती । जिसके कारण शत्रुता का मोर लेते हैं वह भी चाहते हैं कि बिना मेहनत किए हैं दूसरे जैसे बने दूसरे के सुख हम खुद भोग करें । लेकिन वह ऐसे कर नहीं पाते हैं जिसके कारण आपके पीछे पड़े हैं ।
तो दोस्तों ऐसे लोगों से आप बिल्कुल घबराइए मत अगर आपके पीछे कोई शत्रुता के मोर लिए हुए हैं तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं । और ना ही उनसे दूर रहने की जरूरत है । लेकिन हां ऐसे लोगों से सावधान रहना बहुत आवश्यकता है क्योंकि कभी भी आपको कुछ भी कर सकते हैं ।
अपने शत्रु से छुटकारा पाने के लिए वैसे तो बहुत सारे उपाय हैं, लेकिन मैं जो खतरनाक टोटके बताने जा रहे हैं, करने के बाद शायद आने वाले दिन में जो भी शत्रु होंगे आपके कदमों पर चुमने लगेंगे । आपसे शत्रु नहीं बल्कि मित्रता करने की कोशिश करेंगे ।
लोग अपने शत्रु से छुटकारा पाने के लिए नींबू के इस्तेमाल करते हैं लॉन्ग के इस्तेमाल करते हैं लेकिन मैंने आपको नमक से उपयोग करके शत्रु से छुटकारा दिलाएंगे जहां आप बड़ी आसानी से कर सकते हैं ।
नमक से दुश्मन का खात्मा:
वैसे तो आपके घर में नमक होंगे ही लेकिन उस नमक में कोई काम होने वाला नहीं है आप बाजार में जाइए और कच्चा नमक लेकर आई साथ ही साथ एक पान का पत्ता और एक सिंदूर । नमक कम से कम 500 ग्राम तक रखें उसके बाद 7 पेड़ का सूखा हुआ लकड़ी रखें उसके बाद किसी भी रात्रि के 12:00 बजे किसी पवित्र स्थान में जाकर यज्ञ करना है । खुद अपने काला वस्त्र पहन लीजिए उसके बाद जिस जगह को चयन किया है यज्ञ करने के लिए पूरे जगह को गंगाजल से छिड़काव करके शुद्ध बना दीजिए । उसके बाद उन सात लकड़ियों को एक साथ सजाकर हवन करने के लिए आग लगा दीजिए पान के पत्ता सिंदूर से अपने शत्रु का नाम लिखिए उसके बाद इस मंत्रों का हाथ जोड़कर जाप करें ।
ॐ ब्रह्मा देवाय नमः 🙏
इस मंत्र का 11 बार जाप करें ।
उसके बाद उस हवन कुंड में नमक हाथ में लेकर अपने शत्रु का नाम लेकर अर्पित करें, इस तरह 108 बार करनी चाहिए। उसके बाद पान के पत्ते उस हवन कुंड में अर्पित कर दीजिए ।
इस क्रिया समाप्त होने के बाद हवन कुंड के जितने भी राख होगी उसे साथ में घर लेकर आ जाना है । दूसरे दिन अपने शत्रु के घर के चारों ओर राख छिड़काव कर देना है । ऐसे समय में राख छिड़काव करें ताकि किसी को भनक तक ना लगे कि आप शत्रु के घर में जाकर चारों ओर छिड़काव कर रहे हैं करके बस आपका काम समाप्त ।
ऐसे करने पर आपके शत्रु कुछ ही दिनों के अंदर आपसे मित्रता बनाने के लिए प्रयास करेंगे शत्रु का बात भूल जाएंगे और आप से ईर्ष्या करना भी भूल जाएंगे कोई भी काम में बाधा डालने के लिए भी भूलेगें । आपको सहायता करने के लिए तत्पर खड़े रहेंगे अगर आप इसे निष्ठा पूर्वक करते हैं तो आपके लिए और आपके परिवार के लिए बहुत ही लाभदायक होगी ।