चिकन खाने का नुकसान चौंकाने वाले रिपोर्ट सामने आया

bholanath biswas
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चिकन खाने का नुकसान




चिकन खाने का नुकसान :


चिकन खाने का नुकसान कैसे होता है और कौन सा बीमारी होता है जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत फिर से स्वागत है । जैसे कि आपको पता नहीं होगा चिकन खाने से रोजाना लाखों लोगों की मौत हो रही है अब अगला नंबर कहीं आपका ना हो इसलिए हमारे आर्टिकल अंत तक पढ़ते रहिए क्योंकि आज के पोस्ट में हम आपको बताएंगे चिकन किस प्रकार आपकी बॉडी को इफेक्ट पहुंचा रहा है । कोरोना का तीसरा लहर भी चिकन से फैल रहा है । दोस्तों यूं तो इस दुनिया में एक से बढ़कर एक बीमारियां जिससे कुछ इंसान की जान ले लेती है तो कुछ जिंदा इंसान को मौत का एहसास कर देती है । लेकिन एक बीमारी ऐसी है जिसके बारे में बात करने से लोग कतराते हैं और वह है नपुंसकता । आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे जैसे-जैसे हम इंसान तरक्की कर रहे हैं वैसे-वैसे पुरुषों में बीमारी बढ़ती चली जा रही है पर क्या आप जानते हैं इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण क्या है । असल में दोस्तों और कुछ नहीं बल्कि आपका पसंदीदा चिकन है यह वही चिकन है जिसे खाने की वजह से हर साल कम से कम 60000 नवजात बच्चों की मौत हो जाती है । यह वही चिकन है जिसकी वजह से हजारों की संख्या में लड़के नपुंसक बना रहे हैं । यह वही चिकन है जिसकी वजह से 15 साल की लड़कियां 25 साल की नजर आती है ऐसे में आप सोच रहे होंगे भला यह सब हो कैसे रहा है । तो दोस्तों यह जानने के लिए पूरा अंत तक हमारे आर्टिकल को पढ़ते रहिए अगर और भी अच्छे नए जानकारी का अपडेट प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें फॉलो कर सकते हैं । 




दोस्तों यह घटना 21वीं सादी की शुरुआत की है जब भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में नपुंसकता के मरीज बढ़ते जा रहे थे कोई यह समझ ही नहीं पा रहा था कि पुरुषों में आखिर यह दिक्कत क्यों हो रही है । वहीं दूसरी तरफ महिलाएं भी काफी परेशान हैं क्योंकि उम्र तो उनके पहले शरीर में बदलाव करने लगी जो कच्ची उम्र में हीं होता था यहां तक कि उनके बच्चे पैदा होने से पहले खत्म होने लगे थे और फिर कई सारे एक्सपेरिमेंट और शोध किए गए जिसका नतीजा सुनकर लोगों के होश उड़ गए । क्योंकि शोध कर्ताओं के अनुसार उनकी इस स्थिति का कारण कुछ और नहीं बल्कि चिकन था । जी हां वह जिसे लोग स्वाद और तंदुरुस के गले कहते थे वहीं से बीमारियों का कारण बनता जा रहा था । दोस्तों शोध में बात सामने आई की पूरी दुनिया में लोग जिस तरह चिकन को खा रहे हैं उसके जरिए उनके शरीर में एक बहुत ही जहरीला पदार्थ पहुंच रहा है एक ऐसा पदार्थ जिसे हम स्लो प्वाइजन के नाम से जानते हैं । क्योंकि धीरे-धीरे हमारे शरीर को कमजोर करता जाता है और यह पदार्थ कोई और नहीं बल्कि दुनिया का सबसे खतरनाक एंटीबायोटिक आर्सेनिक है । जी हां यह भाई आर्सेनिक है जो आपकी जुबान से अगर छू जाए ना तो आपके प्राण निकल सकते हैं । अब हर कोई यही सोच रहा होगा भला इस जहरीला पदार्थ हमारे शरीर में कैसे पहुंच रहा है । तो दोस्तों इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना बस अपने आसपास के किसी पोल्ट्री फार्म में पहुंच जाइए वहीं पोल्ट्री फार्म जहां मात्र 30 से 35 दिनों में मुर्गों को बड़ा कर दिया जाता है । क्योंकि आमतौर पर तो किसी भी मुर्गे को बड़े होने में काम से कम डेढ़ सौ दिन का वक्त लगता है । लेकिन पोल्ट्री फार्म वालों के पास तो जादू की छड़ी होती है ना वह जिसे घूमर मात्र एक डेढ़ महीने के आसपास ही मुर्गे को बड़ा करके लोगों के सामने पेश कर देते हैं । 



असल में दोस्तों जब आप पोल्ट्री फार्म में जाएंगे ना तो आप वहां देखेंगे छोटी जगह पर हजारों की संख्या पर मुर्गों को रखा जाता है अब इतनी कम जगह पर इतने सारे मुर्गों की वजह से वहां पर तरह-तरह के बैक्टीरिया जन्म लेते हैं जिसके कारण मुर्गों में कई तरह की बीमारियां फैल जाती है जो एक से दूसरे मुर्गों में पहुंचने लगती है । ऐसे में दोस्तों पोल्ट्री फार्म वाले मुर्गों को इन्हीं अलग-अलग प्रकार की बीमारियों से बचने के लिए कई सारी एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं जो कि उनके लिए तो अच्छी बात है लेकिन दिक्कत हम इंसानों को हो जाती है । क्योंकि जो एंटीबायोटिक होती है वह बहुत ही हार्ड होती है जो अगर बिना वजह किसी को दी जाए तो उसके शरीर पर इसके गलत असर पड़ने लगते हैं लेकिन मुर्गों को तो बिना वजह ढेर सारी एंटीबायोटिक दी जाती है ताकि वह पहले से ही बीमारियों से बच्चे रहे और इसके अलावा मुर्गों को खाने के साथ-साथ आर्सेनिक नाम का बहुत ही खतरनाक रासायनिक तत्व दिया जाता है यह कैसा खतरनाक तत्व है जो अगर मुर्गों को खिला दिया जाए तो उन्हें खाना भले ही कम मिले तब भी उनका शरीर लगातार बढ़ता चला जाता है । दोस्तों यह जो खतरनाक चीज मुर्गों के शरीर में डाली जाती है ना वह उनके मांस में जमने लगती है । ऐसे में जब इस मुर्गी के लोग बड़े चाव से कहते हैं उसे तो उसके मांस में मौजूद एंटीबायोटिक और आर्सेनिक इंसान के शरीर में पहुंच जाते हैं । और यही एंटीबायोटिक से धीरे-धीरे पुरुषों में नपुंसकता का कारण बन जाते हैं । अब भले ही आपको हमारी बात बेटू की लग रही होगी और जिन लोगों को चिकन पसंद है वह तो इस बारे में सुनना भी नहीं चाहते होंगे क्योंकि हम अपनी मनपसंद चीज के बारे में कुछ भी खराब नहीं सुन सकते । पर दोस्तों यह बात शत प्रतिशत सच है मुर्गों को जल्दी बड़ा करने के लिए और उन्हें बीमारियों से बचाए रखने के लिए एंटीबायोटिक और ग्रोथ हार्मोन की दवाइयां दी जाती है जो जब हम इंसानों के शरीर में पहुंचती है । तो इसका बहुत ही गलत असर होता है ना सिर्फ इससे पुरुषों में नपुंसकता बढ़ रही है बल्कि महिलाओं में भी हारमोंस का डिश बैलेंस देखने को मिल रहा है । 



यहां तक की लोगों का शरीर बिना किसी शॉप के अदरक की तरह कहीं से भी बढ़ने लगता है और अगर चिकन को खाने से हार्मोनल  डिसबैलेंस होता है तो और भी कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है । पर यह मत सोचिए केवल चिकन खाने वाले लोगों को इसका खतरा है बल्कि शाकाहारी खाने वाले लोग भी इसकी चपेट में आने से नहीं बच सकते । क्योंकि जो पोल्ट्री फार्म होते हैं वहां एक साथ कई सारे मुर्गी मुर्गियों को रखा जाता है जिनके द्वारा काफी सारा मॉल इकट्ठा होता है और उसे मॉल में भी एंटीबायोटिक और आर्सेनिक मौजूद होता है पर दिक्कत यह है कि वह जो मॉल होता है उन्हें कई सारे किसान खाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं । और उसी से फल और सब्जियां उगाते हैं जिसकी वजह से हम तक पहुंचने वाली फल और सब्जियां भी इस खतरनाक एंटीबायोटिक का शिकार बन जाती है जो हमारे शरीर में नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ता । अब आप सोच रहे होंगे भला इस सिचुएशन में कोई इंसान करें तो क्या करें तो दोस्तों चिंता मत करो सबसे पहले इन पोल्ट्री फार्म्स को बढ़ावा देना बंद कर दो जहां पर एक साथ कई सारे मुर्गी मुर्गियों को रखा जाता है । क्योंकि अगर इन्हें बढ़ावा नहीं मिलेगा तो अपने फार्म में स्वच्छता लाने की कोशिश करेंगे और आप हमेशा एक कोशिश करें आप देसी चिकन का सेवन करें जो की प्राकृतिक तौर पर बड़ी होती है और उनमें किसी भी प्रकार की दवाइयां इस्तेमाल नहीं होती यहां तक कि आप फलों और सब्जियों को देखकर खरीदें । क्योंकि आज के समय में देखा जाए तो कोई भी चीज शुद्ध नहीं है लेकिन अगर हम चाहे तो कम अशुद्ध वाली चीजों का इस्तेमाल तो कर ही सकता है । बाकी आपका इच्छा तो दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम में कुछ तो आपको जानकारी मिली होगी हमारे आर्टिकल आपको कैसे लगा कमेंट करके जरूर बताइए और हमें फॉलो करके रखें ताकि जब भी कोई नया पोस्ट अपडेट होंगे आपके पास पहले पहुंचेंगे ।


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