शास्त्रों के अनुसार पूर्ण परमात्मा कौन है? जानने के लिए हमारे साथ बने रहे मित्रों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपको स्वागतम । मित्रों अधिकांश लोगों को आत्मा के विषय में पता है परंतु परमात्मा के विषय में पता नहीं है आज मैं उसी के विषय में बात करेंगे जहां हर किसी को जानकारी प्राप्त करना चाहिए । जो मित्रों स्वयं के विषय में जानते हैं अपने आत्मा के विषय में जानते हैं उन्हें भी ज्ञात होगी परमात्मा के विषय में। मित्रों कुछ बातें ऐसी होती है जहां हमें परमात्मा के विषय में प्रमाण नहीं होता है लेकिन उसकी अनुभव किया जाता है । जब आपको कोई चमत्कार देखें तभी आप उसे प्रमाणित घोषित करके विश्वास करने लगते हैं । वैसे तो परमात्मा की चमत्कार देखने को आपको कहीं ना कहीं मिल ही जाएगी ।
हमारे मन में जो प्रश्न हैं परमात्मा कौन है उसे आप कैसे पहचान सकेंगे इसके विषय में जरूर जानना चाहिए ताकि आप से कहीं भूल हो जाए तो वही परमात्मा आपको रक्षा करेंगे ।
मित्रों पहले अपनी आत्मा को समझिए अगर आप अपनी आत्मा को समझ गए हैं तो परमात्मा को समझने के लिए ज्यादा समय नहीं लगेगी । अपने आत्मा की रक्षा परमात्मा करते हैं। अपने किए हुए कर्म का फल परमात्मा ही प्रदान करते हैं चाहे आप बुरे कर्म करें या अच्छे कर्म करें । धर्म के अनुसार हम सभी इंसान परमात्मा के अधीन हैं अगर हम आत्मा परमात्मा की स्मरण नहीं करेंगे तो परमात्मा भी अधूरा रह जाते हैं । दुनिया में ऐसे बहुत पवित्र आत्मा हैं जो परमात्मा से सीधे लिंक रखते हैं । उनके तेजस्वी बुद्धि एवं कठोर तपस्या से परमात्मा के करीब जाने की क्षमता रखते हैं । वैसे तो आप भी अपने आत्मा को पवित्र बना के परमात्मा से संपर्क कर सकते हैं ।
मैं और एक बात आपको बताना चाहता हूं हम सभी आत्माएं परमात्मा की अधीन हैं । यानी आप जो भी कर्म करेंगे उनके नजर में रहेंगे परमात्मा की नजर से छुपने की जगह आपके पास कहीं भी नहीं है उसके नजरे से आप बच नहीं सकते हैं विश्व ब्रह्मांड उनके इशारा में चलती है ।
मित्रों अगर आपको परमात्मा की अनुभव करना है तो सबसे पहले आपको धर्म के मार्ग पर चलना है और भक्ति में लीन होना है अगर आप भक्ति के मार्ग पर चल सकते हैं तो आपका परमात्मा से मिलना तय है ।
परमात्मा जगत का कल्याण के लिए हमेशा अपने नजर बनाए रखते हैं इस ब्रह्मांड में जो कुछ भी होते हैं सब उन्हीं के इशारे में होते हैं । हमारे किया हुआ कर्म के फल उन्हीं के हाथों से प्राप्त होती है ।
अगर आप किसी भी कमजोरी इंसान को बुरे बर्ताव करेंगे उनके आत्मा को कष्ट पहुंचाएंगे तो परमात्मा को बर्दाश्त नहीं होती है । क्योंकि हम सब उनके संतान हैं जब संतान को किसी के लिए कष्ट उठाना पड़े तो यह बिल्कुल परमात्मा बर्दाश्त करती है । उसकी रक्षा करते हैं और जो आत्मा बुरे बर्ताव करते हैं उन्हें दंड देती हैं ।
परम का अर्थ सर्वोच्च एवं आत्मा से अभिप्राय है चेतना, जिसे प्राण शक्ति भी कहा जाता है। जो आत्मा दूसरे आत्मा की देखरेख करते हैं संतान जैसे उसे कहा जाता है परमात्माःः
शास्त्र के अनुसार कहा जाता है ब्रह्मांड को देखरेख करने वाले परमात्मा हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी देवताओं में से यह प्रमुख देवी देवता का नाम । आप इनमें से किसी को भी एक को पूजा करने से 33 कोटि देवी देवताओं को प्राप्त कर सकते हैं । भगवान शिव , भगवान ब्रह्मा देव, भगवान विष्णु , भगवान सूर्य देव, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, भगवान विश्वकर्मा, आदिशक्ति मां दुर्गा, देवी सरस्वती, देवी लक्ष्मी , मां काली, मां मनसा देवी, कहा जाता है आदिशक्ति मां पार्वती के हजारों रूप है इनमें से आप किसी एक को पूजा करने से सभी देवी देवताओं को प्राप्त कर सकते हैं और अपने आत्मा को इन परमात्मा से जुड़ सकते हैं ।
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