बीरबल की चतुराई के मजेदार 5 किस्से:
मुगल सम्राट अकबर के दरबार में बुद्धिमान सलाहकार बीरबल अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी कहानियाँ पीढ़ियों से चली आ रही हैं, जो उनकी त्वरित सोच और समस्या-समाधान क्षमताओं को उजागर करती हैं। यहां बीरबल की चतुराई को दर्शाने वाली कुछ लोकप्रिय कहानियाँ हैं:
### 1. जादुई छड़ी
एक दिन, एक किसान अकबर के दरबार में शिकायत करने आया कि उसके पड़ोसी ने उससे कुछ सोने के सिक्के चुरा लिए हैं। किसान और उसका पड़ोसी दोनों ही कहानी के अपने-अपने संस्करण पर अड़े हुए थे। विवाद को सुलझाने के लिए, बीरबल ने उनमें से प्रत्येक को समान लंबाई की एक छड़ी दी और उन्हें अगले दिन अपनी छड़ी के साथ लौटने का निर्देश दिया, और दावा किया कि जादुई छड़ी छोटी होने से चोर का पता चल जाएगा।
अगले दिन पड़ोसी की छड़ी छोटी निकली। जादू के डर से उसने रात में अपनी छड़ी काट दी थी, यह सोच कर कि वह बड़ी हो जायेगी। इस प्रकार बीरबल ने असली चोर का खुलासा कर दिया।
### 2. कौवे गिनना
एक बार अकबर ने बीरबल से एक असंभव सा प्रश्न पूछा: "हमारे शहर में कितने कौवे हैं?" बिना किसी हिचकिचाहट के बीरबल ने उत्तर दिया, "महाराज, शहर में पंचानवे हजार चार सौ तिरसठ कौवे हैं।"
जब अकबर ने संदेह व्यक्त किया, तो बीरबल ने सुझाव दिया कि वे कौवों की गिनती कर सकते हैं। यदि और भी थे, तो इसका मतलब था कि कुछ लोग कहीं और से घूमने आये थे। कम थे तो कुछ छुट्टी पर चले गये थे. अकबर बीरबल की त्वरित बुद्धि से बहुत खुश और प्रभावित हुए।
### 3. बीरबल की खिचड़ी
अकबर ने अपने दरबारियों की बुद्धि की परीक्षा लेने का निर्णय लिया। उन्होंने पूछा कि क्या कोई बिना किसी ताप स्रोत के पूरी रात ठंडी नदी में खड़ा रह सकता है। कई लोगों ने इसे असंभव माना, लेकिन एक गरीब व्यक्ति ने 1000 सोने के सिक्कों के इनाम से प्रेरित होकर चुनौती स्वीकार कर ली।
वह आदमी पूरी रात नदी में खड़ा रहा, आराम के लिए दूर रखे दीपक की ओर देखता रहा। जब वह सफल हुआ, तो अकबर ने उसे इनाम देने से इनकार कर दिया, यह दावा करते हुए कि उसे दीपक की रोशनी से गर्मी मिली थी। निराश व्यक्ति मदद के लिए बीरबल के पास पहुंचा।
अगले दिन बीरबल दरबार में उपस्थित नहीं हुए। जब अकबर ने पता लगाने के लिए एक दूत भेजा, तो उसने बीरबल को आग के ऊपर लटकाए एक बर्तन में खिचड़ी पकाते हुए पाया। पूछने पर बीरबल ने कहा कि यह दूर की आग की गर्मी से पक रहा है। इससे अकबर को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने उस गरीब आदमी को इनाम दिया।
### 4. झूठा वादा
एक बार एक रईस ने बीरबल से वादा किया कि अगर वह एक पेचीदा सवाल का जवाब दे देगा तो वह उसे बड़ी रकम देगा। फिर रईस अपनी बात से मुकर गया। बीरबल को इस बात का पता चल गया और वह रईस के पास गया और फुसफुसाकर बोला, "मुझे उसका वादा किया हुआ पैसा वापस पाने का एक रास्ता मिल गया है।"
उत्सुक और भयभीत रईस ने पूछा कैसे। बीरबल ने उत्तर दिया, “मैं तुम्हें कल दरबार में बताऊंगा।” अगले दिन, बीरबल ने अदालत में घोषणा की कि रईस ने बीरबल को सम्राट के बारे में एक रहस्य बताने का वादा किया था, जिससे अकबर का संदेह बढ़ गया। भयभीत होकर, रईस ने अपना नाम साफ़ करने के लिए तुरंत बीरबल को भुगतान किया।
### 5. अर्ध-पुत्र
एक अमीर व्यापारी अपना विवाद लेकर अकबर के दरबार में आया। उसके दो बेटे थे और वह अपनी संपत्ति बराबर-बराबर बांटना चाहता था। हालाँकि, एक बेटे ने दावा किया कि संपत्ति का बंटवारा उनकी माँ के सुझाव के आधार पर किया जाना चाहिए, जिनकी काफी समय पहले मृत्यु हो चुकी थी। प्रत्येक बेटे की अपनी माँ द्वारा कही गई बात की अलग-अलग व्याख्या थी।
बीरबल ने एक आरी मंगवाई और संपत्ति को आधा काटने का प्रस्ताव रखा। एक बेटा तुरंत सहमत हो गया, जबकि दूसरे ने विरोध करते हुए कहा कि वह संपत्ति को नष्ट होते देखने के बजाय अपना हिस्सा जब्त कर लेगा। बीरबल ने विरोध करने वाले बेटे को सच्चा उत्तराधिकारी बताया, क्योंकि वह अपने व्यक्तिगत लाभ से अधिक संपत्ति बरकरार रखने की अपनी मां की इच्छा को महत्व देता था।
ये कहानियाँ बीरबल की पौराणिक बुद्धिमत्ता और त्वरित सोच के कुछ उदाहरण हैं, जिसने उन्हें भारतीय लोककथाओं में एक प्रिय व्यक्ति बना दिया है। अकबर और बीरबल की वास्तव परिचय क्या है ?