पति पत्नी का महत्व: पति-पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए ?

bholanath biswas
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पति पत्नी का महत्व:

पति पत्नी का महत्व:

मित्र नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपको स्वागतम ।पति पत्नी का रिश्ता एक पवित्र रिश्ता होता है जिस रिश्ते के जरिए ईश्वर का भी प्राप्त कर सकते हैं । 

जब हम शादी नहीं किए होते हैं तो हमारे जीवन की उद्देश्य कुछ और होते । परंतु शादी करने के बाद किसी के भी जीवन के उद्देश्य पलट कर रख देते हैं ।  हमारे विवाहित जीवन की मेन उद्देश्य क्या है उसे समझने के लिए किसी अच्छे गुरु की शिक्षा होना चाहिए । 


 पति पत्नी का रिश्ता ऐसे मजबूत होना चाहिए ताकि एक दूसरे की मन की भावना को सरलता से समझ सके । 

पति पत्नी का रिश्ता मजबूत करने के लिए एक दूसरे पर विश्वास होना अनिवार्य है जिससे आप सरल तरीका से सांसारिक  जीवन बिता सकते हैं ।


पति पत्नी का रिश्ता आप पर डिपेंड करते हैं कि आप कैसे बना सकते हैं । सर्वप्रथम पति पत्नी का रिश्ता मजबूत करना चाहते हैं तो दोनों को ही ईश्वर प्रति भक्ति और श्रद्धा रखना होगा । पति पत्नी ईश्वर प्रति भक्ति रखने से धर्म के अनुसार रिश्ता बहुत ही मजबूत होता है । 

 यदि  पति पर अधिक प्रेम हो तो कोई भी संकट बाधा विघ्नों पति के दूर होता है ।


पति पत्नी का रिश्ता और मजबूत करने के लिए पत्नी को पतिव्रता होना चाहिए यानी पति के लिए व्रत रखना बहुत जरूरी है इस से दुष्कर्म से भी दूर रहते हैं ।


   पति यदि दुष्कर्म भी करें तो पत्नी के पतिव्रता से मुक्त प्राप्त होती है पापों से दूर रहते हैं। पत्नी के व्रत में इतनी शक्ति होती हैं कि भगवान भी पतिव्रता नारी से प्रसन्न होती हैं । 


पति और पत्नी के बीच में दरार तब पैदा होती हैं जब दोनों के मन की भावना एक नहीं होने से । यदि दोनों के मन की भावना एक करना चाहते हैं तो धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए । जैसे कि प्रतिदिन पूजा पाठ करना, धर्मशास्त्र मैं रुचि रखना  । सबसे अच्छा फल मिलेंगे शिव पुराण पढ़ने से  पति पत्नी के रिश्ते और मजबूत बनाते हैं ।


पति कितना भी क्रूर और बदमाश क्यों ना हो यदि पत्नी धर्म के मार्ग पर चलें तो एक दिन ना एक दिन पति सही दिशा पर आना ही आना है । इसके लिए पत्नी को हमेशा मन में धैर्य रखना चाहिए और धर्म के रास्ते पर चलकर शक्ति प्राप्त करना है ।. पतिव्रता के जरिए अपने पति को सही मार्ग दिखा सकते हैं और पति पत्नी का रिश्ता मजबूत बना सकते हैं।


आप शिव पुराण में बेहुला लखींद्र के विषय में पढ़ सकते हैं उन्होंने मृत्यु पतिदेव की प्राण बचाकर ले आए थे । उसके बाद राजा हरिश्चंद्र के विषय में भी आप पढ़ सकते हैं राजा हरिश्चंद्र ने जिस प्रकार राजपाट त्याग किया था । ऐसे त्याग के कारण हरिश्चंद्र की पत्नी को कितना कष्ट झेलना पड़ा उसे भी आप पढ़ सकते हैं । जिससे आपको अधिक ज्ञान मिलेगी ।


मित्रों ध्यान रखें पति पत्नी का रिश्ता आप स्वयं मजबूत बना सकते हैं इसके लिए किसी की सलाह जरूर लेना चाहिए . मगर धर्म की रास्ता पहले चयन करना पड़ता है जिसके जरिए अपने पति पत्नी का रिश्ता बहुत ही मजबूत बना सकते हैं । 


जो नारी गैर मर्द के साथ रिश्ता बनाना चाहते हैं उनके जीवन नर्क जैसी हो जाती हैं । क्योंकि एक नारी का सुख दुख का भागीदार पति ही होते हैं इसलिए पतिदेव कहां गया है । जो नारी अपने पति को ही पहचान न सके तो उनके जीवन एक अंधेरा सा छा जाता है जिसके कारण बहुत ही कष्टदायक होती है । 


एक पति केलिए पत्नी ही है जो सही दिशा ले जाने की क्षमता रखते हैं इसलिए पत्नी को अर्धांगिनी भी कहा जाता है । पति के आधा दुख हर लेते हैं । 

पति पत्नी के प्रेम ऐसे विशाल होना चाहिए जिसे देखकर ईश्वर भी प्रसन्न हो जाए।  


तभी तो कैसे लगा मेरे यह जानकारी अगर आपको पसंद आए तो हमें कमेंट करके जरूर बताइए और इसी तरह नया पुराने जानकारी रात के लिए हमारे साथ जुड़े रहिए पूरे पोस्ट को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आपका दिन शुभ हो मंगलमय हो । 🙏

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