sanatan dharma :- के सच्चाई क्या है विस्तार से जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए दोस्तों नमस्कार हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है । सनातन धर्म के हिस्ट्री ऐसे हैं कि आप जानकर हैरान रह जाएंगे । दोस्तों कुछ हिस्ट्री जो आज तक किसी ने लिखा तक नहीं । सनातन धर्म के हिस्ट्री जितना कहेंगे उतना ही कम है । सनातन धर्म के हिस्ट्री जो भी व्यक्ति जानने की इच्छुक है आज मैं उन्हें वह सच्चाई बताएंगे जहां इससे पहले कहीं आपको प्राप्त नहीं हुई होगी ।
सनातन धर्म के इतिहास आज तक सच्चाई कुछ ही लोग पता लगा सके लेकिन research करने के बाद जो भी हमें प्राप्त हुई है यह हम आपको जरूर बताएंगे। लेकिन उससे पहले कुछ समाज में ऐसे लोग हैं जो दूसरे धर्म की बदनाम करने की लगे हुए हैं मगर आपको पढ़ने के बाद खुद समझना है कि किस धर्म में क्या सच्चाई है । सनातन धर्म एक ऐसे धर्म है जो अनंत काल तक चले आ रहे हैं इसका वर्णन करना आम इंसान के लिए संभव नहीं है । सनातन धर्म कब स्थापित हुए हैं और इसका संस्थापक कौन है इसका उल्लेख आज तक किसने नहीं कर पाए क्योंकि सनातन धर्म ना तो स्थापित किया गया है और ना ही इसका कोई संस्थापक है यह तो अनंत काल से सनातन धर्म वेद के अनुसार माना जाता है । सनातन धर्म में प्रमुख देवी देवताओं के उल्लेख किया गया है सनातन धर्म में चार वेद और 18 पुराण लिखा गया है ।
दूसरे मजहब में भी कहा जाता है कि ईश्वर एक है और यह बात बिल्कुल सही है । आज जो भी इतिहास आपके सामने लेकर आए हैं यह सभी वेद के अनुसार ही बताया गया है । जब पूरे ब्रह्मांड का सृष्टि हुआ था तो जगत पिता और जगत माता का ही द्वारा इस ब्रह्मड का सृष्टि हुआ उसके बाद नव ग्रहों का निर्माण किया जिससे धीरे-धीरे स्वर्ग में देवी देवताओं का भी सृष्टि किया । परंतु यह जगत पिता और जगत माता कौन है वेद के अनुसार जगत पिता भगवान शिव और जगत माता जिसे हम लोग सभी जानते हैं माता पार्वती के नाम से ।
कुछ लोगों के मन में सवाल यह भी उठता है कि भगवान शिव के माता पिता कौन है ? आज उन्हें इस विषय में जानकारी प्राप्त होना बहुत जरूरी है जो स्वयं ईश्वर है जो देवाधिदेव है जो परमेश्वर है जो परम ब्रह्म है उनके माता-पिता कैसे हो सकता है । वह तो आकार है और फिर निराकार भी है, वह तो सभी का सृष्टि करता है जन्मदाता है उनके माता-पिता भला कैसे हो सकता है । उनके द्वारा ही पूरे ब्रह्मांड का निर्माण हुआ है आपको यह समझना चाहिए उनके द्वारा ही सब उत्पत्ति हुई है ।
आज वर्तमान दिन में जो भी मनुष्य के भीतर में सोच पैदा हुई हैं यदि सनातन धर्म में चार वेद नहीं लिखा जाता तो सनातन धर्म धराशाई हो जाती । क्योंकि सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है जहां वेद के अनुसार ही पालन किया जाता है वेद में वह नियम बताया गया है जहां परमेश्वर को आप बड़ी सरलता से प्राप्त कर सकते हैं ।
परंतु वेद किसने लिखा है और वेद लिखने कारण क्या है ? जानकारी प्राप्त करें ।
चार वेद का रचयिता संकलन वेद व्यास ने किया था। वेद किसने लिखा ही नहीं वेदव्यास ने अपने दिव्य ऊर्जा से प्रकट किए थे और यह उनका वरदान के स्वरूप ही हो पाया है । वेदव्यास को भगवान विष्णु का वरदान प्राप्त था जिसके कारण वेदव्यास ने अपने ऊर्जा के शक्ति से चारों वेद को प्रकट किए थे । अगर आप यह जानना चाहते हैं कि चार वेद का प्रकट तो हुआ मगर चारों वेद किस भाषा में प्रकट हुआ था ? दोस्तों सनातन धर्म का एक ही भाषा है जो कि आज तक अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं है सनातन धर्म का भाषा सिर्फ संस्कृत भाषा है और संस्कृत भाषा दिव्य भाषा है चारों खेत जब पकट हुई थी तब संस्कृत भाषा में ही उल्लेख किया गया था । सनातन धर्म में जो भी मंत्रों आदि लिखा गया है सभी संस्कृत भाषा में लिखा गया है क्योंकि यही एक दिव्य भाषा हैं इसी के जरिए आप परमात्मा को भी प्राप्त कर सकते हैं । यदि चार वेद नहीं होते तो इंसान अपना रास्ता से भटक जाता जगत कल्याण के लिए जार्वेद प्रकट होना अनिवार्य था । इस चार वेद पढ़ने के बाद आप खुद समझ सकते हैं कि आप कौन हैं आपका कर्तव्य क्या है आपका सही रास्ता कौन से हैं यह सभी जानकारी वेदों में प्राप्त किया जा सकता है ।
दिन के परिवर्तन होने के कारण सनातन धर्म के जो अपनी संस्कृत भाषा है धीरे-धीरे लुप्त होते गया है । प्राचीन काल में गुरुकुल हुआ करते थे जहां ऋषि-मुनियों ने समाज के कल्याण हेतु सभी को दिव्य ज्ञान अपने संस्कृत भाषा से शिक्षा प्रदान करते थे । परंतु दिन के परिवर्तन के होने के कारण इंसान के भीतर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ा है जिससे वर्तमान गुरुकुल जैसी आश्रम और संस्कृति भाषा का लुप्त हो गया है ।
आप यह भी जानते हैं कि सनातन धर्म को हिंदू धर्म भी कहते हैं और यह बातें 1000 साल पुराने हैं । जब मुग़ल बादशाह ने भारत में आक्रमण किए थे तो इसका नाम रखा गया है । क्योंकि सनातन धर्म का नाम उन आक्रमणकारियों का मुंह से नहीं आती थी जिसके कारण सनातन धर्म को ही हो वह लोग हिंदू धर्म कहने लगे थे । सनातन धर्म एक दिव्य नाम है नकारात्मक सोच रखने वाले इंसान कभी इसका नाम अपने जुबान पर नहीं ले पाएंगे ।
आत्मा क्या है आत्मा कैसे काम करती है इसका वर्णन तो सनातन धर्म में ही उल्लेख किया गया है जो आज तक इसका रिसर्च करके कई वैज्ञानिक भी फेल हो चुका है । लेकिन इसका अस्तित्व जानने के लिए बहुत ऐसे बड़े वैज्ञानिक भी मान गया है कि सनातन धर्म में वास्तव में जो भी वर्णन किया है यह झूठ नहीं है । क्योंकि इंसान के भीतर आत्मा विराजमान होते हैं तभी इंसान के शरीर काम करता है उसका ब्रेन हमेशा सक्रिय रहते हैं तभी एक इंसान पिछले जन्म के बाद भी याद रख पाते हैं और यह वही लोग याद रख सकते हैं जो लोग दिव्य आत्मा होते हैं ।
यदि आप जानना चाहेंगे कि हिंदुस्तान में ही सबसे ज्यादा हिंदुओं का वास है और दूसरे देश में दूसरे मजहब के लोग अधिक है सनातन धर्म के लोग ना के बराबर क्यों है ?
दोस्तों आपको यह जानकारी होना भी बहुत आवश्यकता है भारत एक ऐसा स्थान है जो कि दूसरे देशों में से कहीं ऊपर है यानी भारत एक दिव्य स्थान है । जहां सभी देवी देवताओं का वास होते हैं । भारत एक ऐसे दिव्य स्थान है जहां आज भी भगवान विराजमान हैं । भगवान राम का जन्म भारत में ही हुआ था जोकि अयोध्या के नाम से जाना जाता है । भगवान श्री कृष्ण का भी जन्म इसी भारत स्थान में ही हुआ था जो कि गोकुल मथुरा के नाम से जाना जाता है । सभी देवी देवताओं के दिव्य दृष्टि जहां जहां पड़े हैं वही जगह एक दिव्य में परिवर्तन हो गया है । भारत एक ऐसे स्थान है जहां दिव्य पौधा से लेकर दिव्य मंदिर तक आपको प्राप्त होंगे । आज भी प्राचीन काल का वह मंदिर है जहां किसी भी परिस्थिति में नकारात्मक ऊर्जा के लोग आक्रमण नहीं कर पाए हैं । जिसके कारण भारत में हिंदुओं का शंका ज्यादा अभी भी दिखाई दे रहे हैं ।
सनातन धर्म ग्रंथ के अनुसार :- ऐसे महा शक्तिशाली दिव्य पौधा के उल्लेख किया गया है जहां बड़े से बड़े बीमारियों का भी इलाज किया जा सकता है । और यही सब प्राचीन काल में वैध लोग करते भी थे मगर इसका प्रचार धीरे-धीरे दिन परिवर्तन के कारण लुप्त होते गया है । सनातन धर्म के इतिहास बहुत लंबे हैं जो 1 दिन में कभी समाप्त नहीं होने वाले हैं । दोस्तों आप हरानी होंगे कि सनातन धर्म ही एक ऐसा दिव्य धर्म है जहां लोग मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं । यदि आप सनातन धर्म के मार्ग पर चलने की प्रयास करेंगे तो आप शीघ्र ही परमेश्वर से संपर्क कर सकते हैं ।
यदि कोई इंसान खुद को परिवर्तन करना चाहते हैं या धर्म मार्ग पर चलना चाहते हैं तो एकमात्रो सनातन धर्म में ही कर सकते हैं । क्योंकि सनातन धर्म में ही एक ऐसा दिव्य धर्म है जहां सही मार्ग क्या है और गलत मार्ग क्या है सभी बताया गया है । अगर आप सुनातन धर्म के मार्ग पर चलेंगे तो कई सारे प्रोसेस बताया गया है यदि आप परमेश्वर को प्राप्त करना चाहते हैं सर्वप्रथम सनातन धर्म में मंत्र साधना करना होता है । यदि आप कठिन तपस्या कर सकते हैं तो सीधी परमेश्वर से संपर्क कर सकते हैं । सनातन धर्म में बहुत ऐसे मार्ग दर्शाया गया है जहां लोग खुद सकारात्मक बन सकते हैं ।
सनातन धर्म के १९६०८५३११० साल का इतिहास हैं। इनमें एक अज्ञात मातृदेवी की मूर्तियाँ, शिव, पशुपति जैसे देवता की मुद्राएँ, लिंग, पीपल की पूजा, इत्यादि पूजा साधना करके कोई भी भक्त अपना मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। सनातन धर्म में यह भी वर्णन किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी भी संकट में गुजर रहे हैं तो अपने संकट को दूर करने के लिए सुबह उठते ही भगवान सूर्य देव को प्रणाम करें और साधना करें जिससे व्यक्ति के संकट कुछ दिनों में दूर हो सकता है।
सनातन धर्म एक ऐसा दिव्य धर्म है ना तो यह किसके द्वारा स्थापित हुई हैं और ना ही इसका कोई संस्थापक है । सनातन धर्म आज से नहीं प्राचीन काल से लोग सनातन धर्म निभाते आ रहे हैं । सनातन धर्म में कुछ मुट्ठी भर नकारात्मक सोच वाले लोग अपने फायदे के लिए धर्म का विनाश किया । कुछ लोग अपने फायदे के लिए सनातन धर्म के जरिए अनुचित लाभ उठाया जिसके कारण आज लोग भुगत रहे हैं । सनातन धर्म के जनसंख्या इतना कम क्यों होते जा रहे हैं आज भी कुछ मुट्ठी भर लोग हैं जो सनातन धर्म को मजाक बना के रखा है । जिसके कारण लोगों के भीतर सनातन धर्म में आस्था जोड़ना कम होते गया है । सनातन धर्म को समझना एक इंसान के लिए सरल नहीं है सनातन धर्म को समझना है तो चार वेद आपको पढ़ना बहुत जरूरी है । यदि आप चार वेद को पढ़ सकते हैं तभी आपके भीतर दिव्य ज्ञान प्रकट होंगे जहां आप समझ सकते हैं कि सनातन धर्म असल में इतिहास क्या है ।
विश्व ब्रह्मांड में सर्वप्रथम सनातन धर्म ही आते हैं। उसके बाद जो भी मजहब बने हैं उनका संस्थापक कौन है और स्थापित कब हुआ है सभी वर्णन किया गया है । और जिनको सनातन धर्म के विषय में जानकारी नहीं है वह तो अपने मजहब को बढ़ाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं । हजारों साल पहले जो इतिहास पाया गया है, भारत में जो भी बाहरी आक्रमणकारी आए थे उन्होंने भारत के कई राजाओं को पराजित करके अपना साम्राज्य स्थापित किया । उसके बाद सनातन धर्म के बहुसंख्यक लोगों को अपने तलवार की नोक पर धर्म परिवर्तन करवाया गया था और यह इतिहास सच्चाई है जो आज भी लोग इसी के कारण झेल रहे हैं ।
सनातन धर्म के इतिहास बहुत लंबे हैं और भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे साथ इसी तरह बने रहिए । भारत के पुराने इतिहास प्राप्त कर सकते हैं तो अगले जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें आपका दिन शुभ हो मंगलमय हो ।