हिंदू मंत्र पवित्र उच्चारण हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आध्यात्मिक और परिवर्तनकारी शक्ति होती है। यहाँ दस सबसे शक्तिशाली हिंदू मंत्र दिए गए हैं, जिन्हें व्यापक रूप से पूजा जाता है:
### 1. **गायत्री मंत्र**
गायत्री मंत्र हिंदू धर्म में सबसे अधिक पूजनीय मंत्रों में से एक है, जिसे ज्ञान और आत्मज्ञान के लिए जपा जाता है।
**मंत्र**:
*"ओम भूर् भुवः स्वः,
तत् सवितुर वरेण्यं,
भर्गो देवस्य धीमहि,
धियो यो नः प्रचोदयात्।"*
**अर्थ**:
हम सृष्टिकर्ता की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने ब्रह्मांड का निर्माण किया है, जो पूजा के योग्य है, जो ज्ञान और प्रकाश का अवतार है। वह हमारे मन को प्रकाशित करे।
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### 2. **महामृत्युंजय मंत्र**
इस मंत्र को स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए प्रार्थना माना जाता है, जिसे अक्सर भय, शारीरिक नुकसान और मृत्यु पर विजय पाने के लिए पढ़ा जाता है।
**मंत्र**:
*"ओम त्र्यम्बकं यजामहे,
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान्,
मृत्योर् मुक्षीय मामृतात्।"*
**अर्थ**:
हम तीन नेत्रों वाले (भगवान शिव) की पूजा करते हैं, जो सभी प्राणियों का पोषण और पालन करते हैं। वे हमें मृत्यु के बंधन से मुक्त करें, और हमें अमरता की ओर ले जाएँ।
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### 3. **ओम नमः शिवाय**
यह भगवान शिव को समर्पित महान मंत्र है, जो समर्पण, भक्ति और परिवर्तन का प्रतीक है।
**मंत्र**:
*"ॐ नमः शिवाय।"*
**अर्थ**:
मैं भगवान शिव, सर्वोच्च वास्तविकता, आंतरिक आत्मा को नमन करता हूँ।
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### 4. **हरे कृष्ण महा मंत्र**
भगवान कृष्ण की भक्ति में जपे जाने वाले इस मंत्र से शांति, दिव्य प्रेम और आनंद का आह्वान होता है।
**मंत्र**:
*"हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे।"*
**अर्थ**:
हे भगवान कृष्ण, हे भगवान राम, मैं आपसे अपने दिव्य प्रेम, शांति और मुक्ति को मुझ पर बरसाने के लिए कहता हूँ।
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### 5. **सरस्वती मंत्र**
यह मंत्र ज्ञान, बुद्धि और कला की देवी देवी सरस्वती को समर्पित है।
**मंत्र**:
*"ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः।"*
**अर्थ**:
मैं ज्ञान और विद्या की प्रतिमूर्ति देवी सरस्वती को नमन करता हूँ।
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### 6. **दुर्गा मंत्र (दुर्गा सप्तश्लोकी)**
यह मंत्र शक्ति और सामर्थ्य की प्रतिमूर्ति देवी दुर्गा की सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है।
**मंत्र**:
*"सर्व मंगल मांगल्ये,
शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी,
नारायणी नमोस्तुते।"*
**अर्थ**:
हे नारायणी, परम मंगलमयी, सभी मनोवांछित उद्देश्यों को प्रदान करने वाली, शरण प्रदान करने वाली, और शक्ति और गुण की प्रतिमूर्ति, आपको नमस्कार है।
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### 7. **शांति मंत्र**
शांति और सद्भाव का आह्वान करने के लिए शांति मंत्रों का जाप किया जाता है।
**मंत्र**:
*"ओम सहाना वावतु,
सहानु भुनक्तु,
सहवीर्यं करवावहै,
तेजस्विनावधीतमस्तु मा विदविशावहै,
ओम शांति शांति शांतिः।"*
**अर्थ**:
हम दोनों (शिक्षक और छात्र) सुरक्षित रहें, पोषित हों, और ऊर्जा के साथ मिलकर काम करें। हमारा अध्ययन शानदार हो, और कोई दुश्मनी न हो। शांति, शांति, शांति हो।
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### 8. **गणेश मंत्र**
बाधाओं को दूर करने और सफलता सुनिश्चित करने के लिए जपे जाने वाले इस मंत्र में बाधाओं को दूर करने वाले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है।
**मंत्र**:
*"ओम गं गणपतये नमः।"*
**अर्थ**:
मैं बाधाओं को दूर करने वाले भगवान गणेश को नमन करता हूँ, और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करता हूँ।
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### 9. **लक्ष्मी मंत्र**
यह मंत्र समृद्धि और प्रचुरता के लिए जपा जाता है। यह धन की देवी देवी लक्ष्मी को समर्पित है।
**मंत्र**:
*"ओम श्रीं महालक्ष्मीयै नमः।"*
**अर्थ**:
मैं धन और समृद्धि प्रदान करने वाली देवी महालक्ष्मी को नमन करता हूँ।
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### 10. **नवग्रह मंत्र**
यह मंत्र नौ ग्रहों (नवग्रहों) को शांत करने और किसी के जीवन पर पड़ने वाले किसी भी नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए जपा जाता है।
**मंत्र**:
*"ओम सूर्याय नमः,
ओम चंद्राय नमः,
ओम मंगलाय नमः,
ओम बुधाय नमः,
ओम बृहस्पतये नमः,
ओम शुक्राय नमः,
ओम शनैश्वराय नमः,
ओम राहवे नमः,
ओम केतवे नमः।"*
**अर्थ**:
नौ ग्रहों - सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु - को उनके आशीर्वाद और सुरक्षा के लिए नमस्कार।
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इन मंत्रों का उच्चारण आमतौर पर भक्ति, ध्यान और शुद्ध हृदय से किया जाता है, जिसका उद्देश्य शांति, ज्ञान, स्वास्थ्य और समृद्धि जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए दिव्य ऊर्जा से जुड़ना होता है।