प्रेत बाधा (आत्माओं द्वारा उत्पन्न परेशानी) को अक्सर पारंपरिक भारतीय विश्वास प्रणालियों में विभिन्न आध्यात्मिक और अनुष्ठान प्रथाओं के साथ संबोधित किया जाता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोग कुछ सामान्य उपाय अपना सकते हैं:
### 1. **हनुमान चालीसा**:
- नकारात्मक ऊर्जाओं और आत्माओं से सुरक्षा के लिए **हनुमान चालीसा** का पाठ करना अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान शक्ति और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
### 2. **मंत्रों का जाप**:
- **महा मृत्युंजय मंत्र**: माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से बुरी आत्माएँ दूर रहती हैं और शांति और उपचार मिलता है।
- **गायत्री मंत्र**: यह सकारात्मकता और सुरक्षा लाता है।
### 3. **शिव पूजा**:
- सोमवार को **भगवान शिव** की पूजा करना बहुत प्रभावी माना जाता है, क्योंकि भगवान शिव को नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाला माना जाता है।
- शिव मंदिर में जाकर दूध, जल और बिल्व पत्र चढ़ाने से लाभ हो सकता है।
### 4. **कपूर जलाना**:
- घर में रोज़ाना, खास तौर पर सूर्यास्त के समय कपूर जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
### 5. **गुग्गल धूप**:
- **गुग्गल** की धूप जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और बुरी आत्माएँ दूर रहती हैं। ऐसा अक्सर सुरक्षात्मक मंत्रों का जाप करते हुए किया जाता है।
### 6. **उपवास**:
- कुछ लोगों का मानना है कि **एकादशी** या **अमावस्या** जैसे खास दिनों पर उपवास करने से शरीर और मन की शुद्धि होती है और आत्मा से जुड़ी किसी भी गड़बड़ी को दूर करने में मदद मिलती है।
### 7. **पूजा और हवन**:
- **नवग्रह पूजा** (नौ ग्रहों की पूजा) या **ग्रह शांति पूजा** (ग्रहों की स्थिति को शांत करने के लिए) करने से ऐसी गड़बड़ियों को कम करने में मदद मिल सकती है।
- विशिष्ट जड़ी-बूटियों और मंत्रों के साथ **हवन** (अग्नि अनुष्ठान) भी नकारात्मक प्रभावों को दूर भगा सकता है।
### 8. **तुलसी और नीम के पत्ते**:
- घर में, खास तौर पर कोनों में **तुलसी** या **नीम** के पत्ते रखने से घर बुरी आत्माओं से सुरक्षित रहता है।
### 9. **पवित्र जल (गंगा जल)**:
- घर में **गंगा जल** (गंगा से पवित्र जल) छिड़कने से घर की शुद्धि होती है और नकारात्मकता दूर होती है।
### 10. **पुजारी या ओझा से सलाह लें**:
- अगर समस्या बनी रहती है, तो प्रेत बाधा को दूर करने में अनुभवी किसी जानकार पुजारी या आध्यात्मिक उपचारक से सलाह लेना ज़रूरी हो सकता है। वे आपकी स्थिति के हिसाब से खास अनुष्ठान या मंत्र सुझा सकते हैं।
इन उपायों को करते समय शांत रहना और आस्था बनाए रखना ज़रूरी है।