aaj kaun si tithi hai
kal ki tithi,
आज क्या है त्यौहार
आज क्या है,
aaj kaun sa din hai,
कल की तिथि: यह सिर्फ एक तारीख नहीं, हमारी परंपराओं का आईना है!
आखिर यह 'तिथि' है क्या?
शुक्ल पक्ष: अमावस्या के बाद जब चाँद का आकार बढ़ने लगता है, तो उसे शुक्ल पक्ष कहते हैं। इसका अंत पूर्णिमा को होता है।कृष्ण पक्ष: पूर्णिमा के बाद जब चाँद का आकार घटने लगता है, तो उसे कृष्ण पक्ष कहते हैं। इसका अंत अमावस्या को होता है।
हमारे लिए तिथि इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?
त्योहारों का आधार: दिवाली अमावस्या को, होली पूर्णिमा को, करवा चौथ चतुर्थी को और गणेश चतुर्थी भी चतुर्थी को मनाई जाती है। हमारे लगभग सभी बड़े त्यौहार तिथियों पर ही आधारित हैं।व्रत और उपवास: एकादशी का व्रत हो या संकष्टी चतुर्थी का, ये सभी तिथियों के अनुसार ही रखे जाते हैं। इन दिनों का एक विशेष आध्यात्मिक महत्व होता है।शुभ मुहूर्त: शादी, गृह प्रवेश, नया व्यापार शुरू करना या कोई भी बड़ा और मांगलिक काम करने के लिए पंडित जी सबसे पहले पंचांग में शुभ तिथि और मुहूर्त ही देखते हैं। माना जाता है कि सही तिथि पर किया गया काम सफल होता है।श्राद्ध और तर्पण: अपने पूर्वजों को याद करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए श्राद्ध पक्ष में तिथियों का ही पालन किया जाता है।
कैसे पता करें कि कल कौन सी तिथि है?
ऑनलाइन पंचांग: इंटरनेट पर कई वेबसाइट और ऐप्स हैं जो आपको आज की और कल की तिथि, नक्षत्र, योग और करण की पूरी जानकारी दे देते हैं।Google पर एक सीधा सवाल: आप बस गूगल पर "कल की तिथि" (Kal ki Tithi) लिखकर सर्च करें, आपको तुरंत जवाब मिल जाएगा।घर का कैलेंडर: कई पारंपरिक कैलेंडरों में आज भी अंग्रेजी तारीख के साथ-साथ तिथि भी लिखी होती है।पंडित जी से पूछें: और हमारा सबसे भरोसेमंद तरीका तो है ही, अपने घर के पास के मंदिर के पंडित जी से पूछ लेना!