अगर आपके अंदर ऐसी आदत हैं तो बर्बाद होने में समय नहीं लगेगा

bholanath biswas
0
 अहंकार क्या है कैसे समझे ? जानिए

Hinduism



मित्र नमस्कार मैं फिर से एक नया जानकारी लेकर हाजिर हूं और यह जानकारी आपके लिए बहुत ही बेहतर होगी जिंदगी में चलने की एक राह मिलेगी जिससे आप कोई भी काम सफल कर सकते हैं । मित्रों पहले तो हम यह जानेंगे कि अहंकार क्या है, उसे समझने की कोशिश करेंगे बात यह है किसी के मन में जब अहंकार  जन्म ले लेते हैं तो क्या उसके जिंदगी बर्बाद हो सकता है ?


अहंकार👉 हर इंसान को बर्बादी के रास्ता ले जाते हैं आगे बढ़ने नहीं देते हैं । और अहंकार जिसके अंदर हो जाए भगवान भी उसे सहायता कभी नहीं करते हैं । अहंकार एक इंसान की अलग हिस्सा है बर्बादी छोड़ के अच्छा नहीं होता। जो व्यक्ति अहंकार को समझ सकते हैं वह कभी अहंकार बाहर नहीं लाते हैं । 

अहंकार क्या हैं ? क्या कोई अपना अहंकार को समझ पाते हैं ? 


मित्रों दरअसल बात तो यह है कि जिनके मन में अहंकार जन्म ले लेते हैं वह आपनी अहंकार को समझ नहीं पाते हैं और ना ही उसे उस चीज से महसूस कर पाते हैं ।

 जब कोई व्यक्ति बहुत सुखी होते हैं और सुखी के कारण उन्हें इस बात की भनक तक नहीं लगता है कि वह क्या काम कर रहे हैं गलत या सही । धीरे धीरे इसी अहंकार के कारण उनके पाप बढ़ते जाते हैं जब पापों की घड़ा फुल होते ही दंड मिलना शुरू हो जाता है तब उसे एहसास होता है कि मैं क्या किया गलत काम किया हूं ,
और क्या मुझे घमंड था जिसके कारण मुझे आज यह दंड मिल रही है ।

 मित्रों पहले अपने घमंड किसी को समझ नहीं आती हैं । किसी व्यक्ति के घमंड या अहंकार दूसरे को ही समझ आते हैं जो व्यक्ति अपने घमंड या अहंकार से चलते हैं वह कभी भी दूसरे व्यक्ति के कदर नहीं करते हैं । ऐसे लोग ज्यादातर स्वार्थी होता है । 
 ।

अहंकार के कारण ब्रह्मा जी कैसे परास्त हुआ था भोलेनाथ के सामने ? 


पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी के बहुत अहंकार हो गया था और  ब्रह्मा जी के अहंकार से पूरे विश्व ब्रह्मांड में संकट आने वाले थे इसी कारण देवों के देव महादेव अपना त्रिशूल से ब्रह्मा जी के अहंकार को नष्ट कर दिया था ।




जिसके मन में अहंकार जन्म लेते हैं उनकी जिंदगी बर्बाद होने में ज्यादा वक्त नहीं लगता है बस समय का इंतजार करना पड़ता है ।
 अहंकार इंसान को कभी आगे बढ़ने नहीं देते हैं । अहंकार से इंसान की पापों की शुरुआत होते हैं जिस पाप के वह दंड की भागीदारी होते हैं । इसलिए किसी भी व्यक्ति के मन में ऐसे अहंकार पाल के नहीं रखना चाहिए ।
जो ज्ञानी पुरुष होते हैं उन्हें पता होता है कि हमारे मन में कितने घमंड और अहंकार है । ऐसे तो ईश्वर सभी को ज्ञान दिया है सभी को पता है मगर इस बात से कुछ लोग नकार देते हैं जिसके कारण नर्क के और चले जाते हैं ।

तो मित्रों यह था मेरा छोटा सा जानकारी और यह जानकारी यदि आपको अच्छा लगे तो हमारे साथ जुड़े रहिए कमेंट करिए तब तक के लिए हमें जाने की आज्ञा दें फिर एक नया जानकारी लेकर हाजिर हो जाएंगे आपका दिन शुभ हो पूरे पोस्ट को खोलने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद ।🙏

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!
10 Reply