गौतम बुद्ध का जन्म और मृत्यु कब हुआ था ?
जन्म और मृत्यु यह तो सभी को होना है । परंतु बचपन में ही यदि किसी की माता पिता गुजर जाए कितनी दुख है उन्हीं को पता है बहुत कठिन से दिन गुजारना पड़ता है । Mata पिता की जो प्रेम नहीं मिलने पर कितना कष्ट होता है शायद जिसके माता-पिता है उसे एहसास जरूर पता है ।और यही परिस्थिति गौतम बुद्ध के साथ हुआ था ।
बौद्ध धर्म में जिसको ईश्वर मानते हैं गौतम बुद्ध को उनका माता पिता बचपन मैं ही गुजर गया था परंतु किसके पास पालन पोषण होकर बड़े हुए थे ? जानिए कुछ इतिहास है जो सच को जानने के लिए कठिन तो होते हैं पर हमारे लिए कोई कठिन नहीं है आप को साझा करने के लिए ।आइए विस्तार से जानते हैं जैसे कि हम लोग जानते हैं की गौतम बौद्ध के नाम से ही धर्म बना लिया है इंसान ।वह तो बहुत एक सरल स्वभाव के इंसान थे दूसरे की मदद करने में सबसे आगे थे किसी की कष्ट हो उसे वह देख नहीं पाते थे बोलो तो इंसान के मसीहा थे ।
पूरे विश्व में सबसे बौद्ध धर्म मानने वाले चाइना में दिखाई जाता है क्योंकि वह अपने अंतिम समय चाइना में ही बिताया और वहीं पर उन्होंने अपना शरीर को त्याग दिया था । ईसापूर्व ५६३ के लगभग शाक्यों की राजधानी कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी वन में गौतम बुद्ध का जन्म प्रसिद्ध है। यह स्थान वर्तमान नेपाल राज्य के अन्तर्गत भारत की सीमा से ७ किलोमीटर दूर है। यहाँ पर प्राप्त अशोक के रुम्मिनदेई स्तम्भ लेख से ज्ञात होता है 'हिद बुधे जाते' (=यहाँ बुद्ध जन्मे थे)। सुत्तनिपात में शाक्यों को हिमालय के निकट कोशल में रहनेवाले गौतम गोत्र के क्षत्रिय कहा गया है। कोशलराज के अधीन होते हुए भी शाक्य जनपद स्वयं एक गणराज्य था। इस प्रकार के राजा शुद्धोदन बुद्ध के पिता एवं मायादेवी उनकी माता प्रसिद्ध हैं। जन्म के पाँचवे दिन बुद्ध को 'सिद्धार्थ' नाम दिया गया और जन्मसप्ताह में ही माता के देहान्त के कारण उनका पालन-पोषण उनकी मौसी एवं विमाता महाप्रजापती गौतमी द्वारा हुआ हैं ।
दोस्तों अब आगे बात करते हैं गौतम बुद्ध की जब अमृतवाणी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच गया तो खुद को गर्व महसूस भी किया उन्हें पता था अपने शरीर छोड़कर कब बैकुंठ धाम में जाना है । जब लोग धीरे-धीरे उन्हें ईश्वर मानने लगे तब यह बातें गौतम बुद्ध को अच्छा नहीं लगा गौतम बुद्ध हमेशा ईश्वर के प्रति भक्ति रखने के लिए कहां करते थे । लेकिन लोग उनके अंदर में जो छवि देखे हैं उन्हें कैसे भूल सकता है । इसलिए उन्हें ईश्वर के स्थान पर बिठा के पूजा किया करते हैं । दोस्तों गौतम बुद्ध की निधन का बहुत बड़ा रहस्य है । गौतम बुद्ध का निधन ईसवी पूर्व 483 (आयु 80 वर्ष) कुशीनगर, भारत