साईं बाबा क्यों कहते थे सबका मालिक एक है जानिए सच हमारे साथ ।
मनुष्य भी बहुत बड़ा अजीब है जब तक इंसान अपने आंखों से कुछ चमत्कार नहीं देखेंगे तब तक उस चीज को विश्वास नहीं करेंगे । लेकिन ऐसे भी कुछ लोग बिना चमत्कार देखे हुए विश्वास करते हैं । आज मैं बात कर रहा हूं शिर्डी के साईं बाबा के बारे में साईं बाबा किस जाति के हैं आज तक किसने सटीक बता नहीं पाए ।
शिर्डी के साईं बाबा के मुंह से हमेशा एक ही बात निकालते थे सब के मालिक एक हैं । व्यवहार से यह पता चलता है कि साईं बाबा एक परमात्मा थे । उन्होंने सदैव मानव जाति के कल्याण हेतु सचेतन करने आए थे । और मनुष्य के लिए कौन सा मार्ग सही है और कौन सा मार्ग गलत है यही बताने की प्रयास करते थे । साईं बाबा निजी जीवन में भीख मांग कर गुजारा करते थे दिन भर में जितना अन्न मिलते थे उतना मे प्रसन्न होते थे अपना जिंदगी आजादी से जी रहते हैं ।
साईं बाबा मानव जाति के लिए एक संदेश लेकर आए थे जो हमेशा एक ही बात कहां करते थे कि सबके मालिक एक है। परंतु साईं बाबा ने ऐसे क्यों बोलते थे ?
जबकि इस धरती पर मानव जाति के धर्म अलग अलग बना हुआ है तो फिर उन्होंने ऐसे कैसे बोल दिया कि सब के मालिक एक है । क्या संदेश देना चाहते हैं साईं बाबा ने ? और वह सबके मालिक कौन है उसका परिचय क्या है? आइए विस्तार से जानते हैं ।
शिर्डी के साईं बाबा को पहले कोई नहीं जानते थे जब उनकी चमत्कार देखे तो धीरे-धीरे चर्चा होने लगी और फिर एक-एक करके हर धर्म के लोग साईं बाबा के भक्त बनने लगे उनकी हार सोच उनकी हर बात पर सभी लोग मोहित हो जाते थे ।
साईं बाबा हर जगह जाते थे उनके लिए कोई ऐसे जगह पाबंदी नहीं था . जैसे कि मस्जिद में भी जाते थे, चर्च में भी जाते थे, बोद्ध धर्म स्थान में भी जाते थे । उन्होंने शिर्डी में एक आश्रम बनाकर रहते थे और उसी आश्रम में साईं बाबा राधा-कृष्ण की पूजा करते थे आरती करते थे भजन कीर्तन करते थे । सभी भक्तों को लेकर आनंद करते थे, और सब को कहते थे सब की मालिक एक है । साईं बाबा ने जीवन के आखिर तक राधा कृष्ण की पूजा करके बिताया ।
अब समझने वाली बात तो यह है कि साईं बाबा हार धर्म के पवित्र स्थान पर जाते थे लेकिन उन्होंने एक ही बात दोहरा ते थे कि सबका मालिक एक है , इसका मतलब क्या संदेश देना चाहते हैं जिन्होंने संयम राधा कृष्ण की पूजा करते हुए दिखाई दे रही हैं और हर बात एक ही शब्द कहते जा रहे हैं कि सबका मालिक एक है इसका मतलब स्पष्ट समझ में आ रहे है कि मालिक दूसरा और कोई नहीं राधा कृष्ण ही है जिन्होंने इशारा करके बताने की कोशिश कर रहे हैं । यानी शिर्डी साईं बाबा स्पष्ट रूप से हम सभी मानव जाति को एक संदेश देकर गया हम मनुष्य के ईश्वर एक ही हैं और वह है राधा कृष्ण जिस का परिचय देकर गया । जिसे हम सभी मानव जाति को समझना चाहिए ।
इस्लाम के पवित्र स्थान मस्जिद में जब साईं बाबा प्रवेश करते थे तो वहां भी एक ही बात कहते थे कि सबका मालिक एक है । क्रिश्चियन के पवित्र स्थान चर्च में भी जाने के बाद साईं बाबा ने एक ही बात कहते थे कि सबका मालिक एक है और उन्होंने शाम के समय राधा कृष्ण की पूजा किया करते थे साईं बाबा की इस प्रकार व्यवहार से स्पष्ट रूप से जाना जाता है कि मालिक का परिचय कोई और नहीं भगवान राधाकृष्ण ही है ।
शिर्डी के साईं बाबा के चमत्कार देखने के बाद हर धर्म के लोग उनकी आशीष एवं कृपा पाने के लिए आते थे ।
साईं बाबा हमेशा इंसान को देखा करते थे उनकी जात पात यह सब में विश्वास नहीं रखते थे वह तो मनुष्य के कल्याण हेतु सभी प्रकार के प्रयास करते थे ।
साईं बाबा की अमृतवाणी जो व्यक्ति समझ पाए हैं उनके लिए कोई भी रास्ता कठिन नहीं है हर संकट हर बाधा पल भर में दूर हो जाते हैं । कहते हैं कि साईं बाबा की कृपा अभी भी बरकरार हैं किसी भी प्रकार के संकट या दुविधा आए तो साईं बाबा के नाम लेने से सब दूर हो जाते हैं ।
भगवान इंसान को परीक्षा लेते हैं वह किस रूप में आएंगे यह तो किसी को पता नहीं मगर आभास जरूर हो जाता है । चमत्कार मनुष्य नहीं कर सकते हैं चमत्कार तो ईश्वर ही कर सकते हैं जिनको कठिन से कठिन बीमारी को दूर करने में पल भर में समय नहीं लगता है ।
मित्रों आप कोई भी धर्म के हो इसमें किसी भी प्रकार के मन में शंका ना आने दे । जिस प्रकार शिर्डी साईं बाबा ने राधा कृष्ण की पूजा किया करते थे उसी प्रकार आप भी आज से शुरू कर दें इससे आपकी और आपके परिवार में खुशी ही खुशी आएगी । तो मित्रों यह मेरा छोटा सा जानकारी यदि हमारे जानकारी से आपको पसंद आया तो कमेंट करके जरूर बताइए आपका दिन शुभ हो 🙏