इतिहास के मुताबिक बाबर इस समय पहली बार भारत में आगमन हुआ


history of india


 बाबर भारत में कब आया था जानने के लिए हमारे साथ बने रहिए । मित्रों नमस्कार हमारे वेबसाइट मेंं आपको स्वागत है । 🙏  बाबर राजा का नाम सुनते ही हिंदुस्तान मैं अब नफरत पैदा होने लगे हैं और इसके बारे में भी राजनीति शुरू हो रहे है क्योंकि बाबर राजा ही ऐसा था जो भारत के हिंदुओं पर इतना अत्याचार किए कि जितना ही बोला जाए उतना ही कम पड़ जाएगी । हिंदुओं के रक्त बहाकर उसने बहुत बड़ा इतिहास बनाया है जिसका कोई तुलना नहीं कर सकते हैं । बाबर एक क्रूर यानी बदमाश राजा थे जिसके कारण उस समय भारत के हिंदू समुदाय के लोग डर डर के जी रहे थे । इतिहास गवाह है उस समय बाबर राजा के डर से ना जाने कितने लाखों हिंदू  से मुसलमान बने हैं जो आज भी मौजूद है ।  ऐसे बदमाश राजा के बारे में भला किसके मन में नहीं होगी थोड़ा बहुत जानकारी प्राप्त कर लिया जाए ।


 तो आइए जानते हैं मित्रों बाबर भारत में कब आया था ?


उनका पूरा नाम है ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर (14 फ़रवरी 1483 - 26 दिसम्बर 1530) जो बाबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, बाबर "मुगल वंश" का शासक था । उसका जन्म नामकरण मध्य एशिया के वर्तमान उज़्बेकिस्तान में हुआ था राजा बाबर भारत में मुगल वंश का संस्थापक रहे । 

बाबर का पूर्वज थे तैमूर लांग उन्हीं के वंशज माने जाते थे । मुबईयान नामक पद्य शैली के जन्मदाता बाबर को ही माना जाता है। 1504 ई.काबुल तथा 1507 ई में कंधार को युद्ध करके विजय प्राप्त किया था ।  (शाहों राजा को परास्त करके उन्होंने स्वयं बादशाह बने 1519 से 1526 ई. तक भारत पर उसने 4 बार युद्ध करने के बाद हार का सामना करना पड़ा । आखिर उन्होंने छल और कपट को अपनाया उसके बाद पांचवा युद्ध में जीत हासिल की । अगर छल कपट नहीं करते तो इस बार भी हार के सामना करना पड़ता लेकिन उनका ऐसी चाल बिरादरी सदियों से करते आ रहे हैं इसलिए बाबर भी छल कपट करके ही युद्ध में जीत हासिल की ।


1526 में उसने पानीपत के मैदान में दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान "इब्राहिम लोदी" को  पराजित करके "मुगल वंश" की नींव रखी उसने 1527 में खानवा 1528 मैं चंदेरी तथा 1529 में आगरा जीतकर कब्जा करके अपने राज्य को सफल बना दिया ।

1530 ई० में उनकी मृत्यु हो गई। ।


मित्रों बता देता हूं लुटेरे क्रूर बाबर बादशाह इतिहास के मुताबिक 1526 ई में पहली बार भारत में आगमन हुआ।

भारत पर आकर उन्होंने पूरे देश पर दहशत फैलाने लगा अपनी हुकूमत क्रूरता से किया जिसका इतिहास बन गया आज भी लोग उनके क्रूरता के कारण भारतवासी नफरत करते हैं ।


भारत स्वतंत्र दिवस ।। 15 अगस्त 1947 का यह है सच्चा इतिहास जानें ।।


नेहरू परिवार का यह है काला सच जानने के बाद आप भी चौंक जाएंगे

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