अभी जितना टेक्नोलॉजी आगे बढ़े हैं गोला बारूद हथियार जिस तरह अभी के टाइम में देखने को मिल रही है उस टाइम इतनी टेक्नोलॉजी नहीं थी फिर भी लाखों की संख्या में इंसान की मौत हो चुका था ।
पहले विश्व युद्ध में कितने लोग मारे गए थे ,और कितने लोग लापता हो चुका था ,और फिर कितने लोग घायल हो चुके थे ?
जानिए मारे गए सैनिकों की संख्या:
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5,525,000 मारे गए सैनिकों की संख्या:
4,386,000
घायल सैनिकों की संख्या
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12,831,500 घायल सैनिकों की संख्या
8,388,000
लापता सैनिक संख्या
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4,121,000 लापता सैनिक संख्या
3,629,000
कुल
22,477,500 कुल
इस महायुद्ध के अंतर्गत अनेक लड़ाइयाँ हुई थी ।
इनमें से टेनेनबर्ग (26 से 31 अगस्त 1914), मार्नं (5 से 10 सितंबर 1914), सरी बइर (Sari Bair) तथा सूवला खाड़ी (6 से 10 अगस्त 1915), वर्दूं (21 फ़रवरी 1916 से 20 अगस्त 1917), आमिऐं (8 से 11 अगस्त 1918), एव वित्तोरिओ बेनेतो (23 से 29 अक्टूबर 1918) इत्यादि की लड़ाइयों को अपेक्षाकृत अधिक महत्व दिया गया है। यहाँ केवल दो का ही संक्षिप्त वृत्तांत बताया गया है।
छोटा देश का ज्यादा नुकसान हुआ था और बड़े देश का कम हुए थे पर बड़े देश के जितने भी नुकसान हुआ था उतना में ही उनकी हालत बिगड़ गई थी इसलिए साल भर युद्ध करने के बाद रोक दिया गया था । शांति के लिए अपील किया था ताकि इंसान की मौत इस तरह और न हो . पर फिर भी इंसान की सोच बदल नहीं सका एक दूसरे पर मर मिटने के लिए तैयार था एक दूसरे को गुलाम बनाने के लिए तैयार था उसके बाद जब अत्याचार कम नहीं हुई फिर एक बार दूसरा विश्व युद्ध छेड़ा ।
पहले विश्व युद्ध में इंसान की इतना आबादी नहीं थी पर जितना भी लोगों के संख्या थी उतने में ही एक दूसरे पर चढ़ाव करके लूटना चाहते थे, हड़पना चाहते थे , एक दूसरे को गुलाम बनाना चाहते थे और इसी के कारण विश्व में पहला महायुद्ध छेड़ा था ।
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