Mansahari or shakahari bhojan ka Antar Janiye

bholanath biswas
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Bhojan

 भोजन करना अपना-अपना पसंद की होती है मगर फिर भी हमें यह पता होना जरूरी है किस भोजन में सबसे ज्यादा बीमारी पाए जाते हैं और किस भोजन करने से हमारे शरीर स्वस्थ रहेंगे । 

हिंदुस्तान में सबसे अधिक मांसाहारी लोग पाए जाते हैं शाकाहारी धीरे धीरे कम होते जा रहे हैं वर्तमान में कुछ ब्राह्मण लोग भी मांसाहारी करने में लगे हुए हैं जहां हिंदू शास्त्र में यह सब करना वर्जित है ।


अमेरिकन डाएटिक एसोसिएशन और कनाडा के आहारविदों का कहना है कि जीवन के सभी चरणों में अच्छी तरह से योजनाबद्ध शाकाहारी आहार "स्वास्थ्यप्रद, पर्याप्त पोषक है और कुछ बीमारियों की रोकथाम और इलाज के लिए स्वास्थ्य के फायदे प्रदान करता है". बड़े पैमाने पर हुए अध्ययनों के अनुसार मांसाहारियों की तुलना में इस्कीमिक (स्थानिक-अरक्तता संबंधी) ह्रदय रोग शाकाहारी पुरुषों में 30% कम और शाकाहारी महिलाओं में 20% कम हुआ करते हैं। सब्जियों, अनाज, बादाम आदि, सोया दूध, अंडे और डेयरी उत्पादों में शरीर के भरण-पोषण के लिए आवश्यक पोषक तत्व, प्रोटीन और अमीनो एसिड हुआ करते हैं। शाकाहारी आहार में संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रॉल और प्राणी प्रोटीन का स्तर कम होता है और कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलेट और विटामिन सी व ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट तथा फाइटोकेमिकल्स का स्तर उच्चतर होता है।


शाकाहारी निम्न शारीरिक मास इंडेक्स, कोलेस्ट्रॉल का निम्न स्तर, निम्न रक्तचाप प्रवृत्त होते हैं; और इनमें ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह टाइप 2, गुर्दे की बीमारी, अस्थि-सुषिरता (ऑस्टियोपोरोसिस), अल्जाइमर जैसे मनोभ्रंश और अन्य बीमारियां कम हुआ करती हैं।खासकर चर्बीदार भारी मांस (Non-lean red meat) को भोजन-नलिका, जिगर, मलाशय और फेफड़ों के कैंसर के बढ़ते खतरे के साथ सीधे तौर पर जुड़ा पाया गया है। जिसके शरीर मोटा है उन्हें बिल्कुल मांस की वजन नहीं करनी चाहिए। अन्य अध्ययनों के अनुसार प्रमस्तिष्‍कवाहिकीय (cerebrovascular) बीमारी, पेट के कैंसर, मलाशय कैंसर, स्तन कैंसर, या प्रोस्टेट कैंसर से होने वाली मृत्यु के मामले में शाकाहारी और मांसाहारियों के बीच में कोई उल्लेखनीय अंतर नहीं है; हालाँकि शाकाहारियों के नमूने कम थे और उनमें पूर्व-धूम्रपान करने वाले ऐसे लोग शामिल रहे जिन्होंने पिछले पाँच साल में अपना भोजन बदला है। के एक अध्ययन में सेवेंथ दे एडवेंटिस्ट्स के शाकाहारियों और मांसाहारियों के एक ग्रुप के बीच तुलना करने पर शाकाहारियों में अवसाद कम पाया गया और उन्हें बेहतर मूड का पाया गया। शाकाहारी भोजन करने वाले के शरीर के अंदर बीमारी का घर नहीं बना पाते हैं ,मांसाहारी लोग हैं तो उनके लिए बड़े पैमाने पर बीमारियों का शिकार होना पड़ता है मांस के अंदर सबसे ज्यादा बीमारी छुपा रहता है ।

शाकाहारी करने वाले शरीर के अंदर मजबूत और बहुत ताकत होती है आर उनकी लंबी आयु होता है ।


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