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शाबर मंत्र क्या होते हैं?
ये आम बोलचाल की भाषा (देहाती भाषा) में होते हैं, इसलिए इन्हें समझना और जपना आसान होता है। ये "स्वयंसिद्ध" माने जाते हैं, यानी इन्हें सिद्ध करने के लिए लंबी-चौड़ी साधना की आवश्यकता नहीं होती। ये बहुत शक्तिशाली होते हैं और अपना असर बहुत तेजी से दिखाते हैं।
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मंत्र जप की सरल और प्रभावी विधि
दिन और समय: इस मंत्र का जाप शुरू करने के लिए मंगलवार या शनिवार का दिन सबसे उत्तम है। आप इसे अपने पूजा घर में या अपने व्यापार स्थल (दुकान/ऑफिस) पर भी कर सकते हैं।तैयारी: सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र (हो सके तो लाल) पहनें। अपने सामने एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की कोई तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।पूजा: हनुमान जी के सामने सरसों के तेल या घी का दीपक जलाएं। सुगंधित धूप या अगरबत्ती लगाएं। उन्हें लाल फूल, सिंदूर, गुड़ और चने का भोग अर्पित करें।संकल्प: अब हाथ में थोड़ा-सा जल लेकर संकल्प लें। कहें, "हे हनुमान जी, मैं (अपना नाम) अपने व्यापार (व्यापार का नाम) की उन्नति और सभी बाधाओं को दूर करने के लिए आपके इस शाबर मंत्र का जाप कर रहा हूँ। कृपया मेरी प्रार्थना स्वीकार करें।" यह कहकर जल को जमीन पर छोड़ दें।मंत्र जाप: अब रुद्राक्ष की माला से ऊपर दिए गए मंत्र काकम से कम 108 बार (एक माला) जाप करें। जाप करते समय अपना पूरा ध्यान हनुमान जी के चरणों में और अपनी मनोकामना पर रखें।आरती और क्षमा प्रार्थना: जाप पूरा होने के बाद हनुमान जी की आरती करें और पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगें।
कुछ जरूरी बातें जिनका ध्यान रखें
विश्वास सर्वोपरि है: किसी भी मंत्र की शक्ति आपके विश्वास पर निर्भर करती है। पूरे भरोसे के साथ जाप करें।कर्म करते रहें: यह समझना बहुत ज़रूरी है कि मंत्र आपकी मेहनत का विकल्प नहीं है, बल्कि यह आपकी मेहनत को सफल बनाने का एक दैवीय माध्यम है। अपना काम पूरी ईमानदारी और लगन से करते रहें।शुद्धता: जितने दिन आप यह साधना करें, उतने दिन सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करने की कोशिश करें। झूठ, क्रोध और निंदा से बचें।धैर्य रखें: कई बार परिणाम दिखने में थोड़ा समय लग सकता है। धैर्य न खोएं और अपनी साधना जारी रखें। पवनपुत्र हनुमान आपकी पुकार अवश्य सुनेंगे।