अमरूद खाने के फायदे तो हैं पर नुकसान भी जानिए

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भारत की जलवायु में अमरूद इतना घुल मिल गया है कि इसकी खेती यहाँ अत्यंत सफलतापूर्वक किया जा रहा है । इतिहास के अनुसार अमरूद का पेड़ १७वीं शताब्दी में यह भारतवर्ष में लाया गया। अधिक स्वादिष्ट होने के कारण इसकी सफल खेती अनेक प्रकार की मिट्टी तथा जलवायु में की जा सकती है। जाड़े की ऋतु में यह इतना अधिक तथा सस्ता प्राप्त होता है कि लोग इसे निर्धन जनता का एक प्रमुख फल कहते हैं। 



अमरूद फल स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक फल है। 


इसमें विटामिन "सी' अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त विटामिन "ए' तथा "बी' भी पाए जाते हैं। इसमें लोहा, चूना तथा फास्फोरस अच्छी मात्रा में होते हैं। अमरूद की जेली तथा बर्फी (चीज) बनाई जाती है। इसे डिब्बों में बंद करके सुरक्षित भी रखा जा सकता है।


अमरूद के लिए गर्म तथा शुष्क जलवायु सबसे अधिक उपयुक्त है। यह गरमी तथा पाला दोनों सहन कर सकता है। केवल छोटे पौधे ही पाले से प्रभावित होते हैं। यह हर प्रकार की मिट्टी में उपजाया जा सकता है, परंतु बलुई दोमट इसके लिए आदर्श मिट्टी है। भारत में अमरूद की प्रसिद्ध किस्में इलाहाबादी सफेदा, लाल गूदेवाला, चित्तीदार, करेला, बेदाना तथा अमरूद सेब हैं।

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अमरूद का प्रसारण अधिकतर बीज द्वारा किया जाता है, परंतु अच्छी जातियों के गुणों को सुरक्षित रखने के लिए आम की भाँति भेटकलम (इनाचिंग) द्वारा नए पौधे तेयार करना सबसे अच्छी रीति हैं। बीज मार्च या जुलाई में बो देना चाहिए। वानस्पातिक प्रसारण के लिए सबसे उतम समय जुलाई अगस्त है। पौधे २० फुट की दूरी पर लगाए जाते हैं। अच्छी उपज के लिए दो सिंचाई जाड़े में तथा तीन सिंचाई गर्मी के दिनों में करनी चाहिए। गोबर की सड़ी हुई खाद या कंपोस्ट, १५ गाड़ी प्रति एकड़ देने से अत्यंत लाभ होता है। स्वस्थ तथा सुंदर आकर का पेड़ प्राप्त करने के लिए आरंभ से ही डालियों की उचित छँटाई (प्रूनिग) करनी चाहिए। पुरानी डालियों में जो नई डालियाँ निकलती हैं उन्हीं पर फूल और फल आते हैं। वर्षा ऋतु में अमरूद के पेड़ फूलते हैं और जाड़े में फल प्राप्त होते हैं। एक पेड़ लगभग ३० वर्ष तक भली भाँति फल देता है और प्रति पेड़ ५००-६०० फल प्राप्त होते हैं। कीड़े तथा रोग से वृक्ष को साधारणात: कोई विशेष हानि नहीं होती।


अमरूद के अद्भुत गुण पाया जाता हैं।


अमरूद मीठा और स्वादिष्ट फल होने के साथ-साथ कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है। सर्दियों में अमरूद खाने के फायदे ही फायदे हैं। दंत रोगों के लिए अमरूद रामबाण साबित होता है। अमरूद के पत्तों को चबाने से दांतों के कीड़ा और दांतों से सम्बंधित रोग भी दूर हो जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति के मसूड़ों में खून आता है तो वह भी ठीक हो जाता है । इसके अलावा भी ये कई औषधीय गुणो के लिए जाना जाता है।

 

जानें अमरूद खाने से फायदे


👉1-डायबिटीज को दूर करते हैं

👉2-हाई प्रेशर दूर करते हैं।

👉 3-दांत में दर्द को दूर करते हैं ।

👉4-मसूड़ों से खून आना बंद करते हैं।

👉 5-शरीर की हड्डियां को मजबूत करते हैं ।


चलिए जानते हैं किस व्यक्ति के लिए अमरूद खाना सही नहीं है ।


दोस्तों अगर आप सर्दी जुकाम से हमेशा पीड़ित रहते हैं तो अमरुद फल से दूर रहिए क्योंकि अमरूद खाने से सर्दी जुखाम को और बढ़ा देता है । अमरूद खाने से शरीर को हमेशा गर्मी से बचाता है । अमरूद खाने का सही समय यह है कि अगर आप सुबह का ब्रेकफास्ट कर लिए हैं तो एक या दो अमरुद खा सकते हैं । खाली पेट में अमरूद खाना आपके लिए सही नहीं होंगे । खाली पेट अमरूद का फल खाने से पाचन क्रिया में समस्या दिखाई दे सकता है इसलिए भोजन करने के बाद ही आप के लिए फायदे होंगे । अगर आपका बवासीर जैसे बीमारी है तो अमरूद खाना आपके लिए बिल्कुल सही नहीं है । 

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