dohe with Hindi meaning
1) अर्थ की पहुंच नहीं, समझो एककल नीचे।
जब तक मनुष्य के मन में समझ नहीं आती तब तक उसे कुछ भी समझ में नहीं आता।
2) जब सुख अधिक लगे, से दुःख निवृत्त होय।
जब हमें बहुत सुख मिलता है, तब हम दुख से आजाद हो जाते हैं।
3) दुख के अगले सुख की जान, सुख के अगले सुख।
एक दुख के बाद अगले दुख के आने का विश्वास रखना चाहिए और एक सुख के बाद अगले दुख के आने का विश्वास भी रखना चाहिए।
4) बिन पानी साबुन बीजे, निर्मल करें सुभाई।
जैसे पानी के बिना साबुन का उपयोग करने से आपकी वस्तु स्पष्ट नहीं होगी उसी तरह जीवन में सफाई नहीं रखने से मन की शुद्धि नहीं रहती।
5) संगत का प्रभाव मिले, सो बैरगी करता है।
सत्संग का आसरा लेकर हमें आगे बढ़ना चाहिए इसलिए बैरागी हमेशा सत्संग का ही संग रखते हैं।
6) अँधेरा घना चौराहा, लेके तंग अँगी
दान्य त्यागि ज्ञान देत, बुझाै यही चिर नागँवरी।
अनुवाद: अँधेरा घना है, दीया संकरा है। जो अपना अहंकार त्याग कर ज्ञानी हो जाता है, वह सदा के लिए बुद्धत्व को प्राप्त हो जाएगा।
7) जो तुम तोरो तो जीवन भी तोरो, मोरो तुम तो तोड़ो तो बैरी कैसे होय।
अनुवाद: यदि आप किसी का दिल तोड़ते हैं, तो आप उसका जीवन तोड़ देते हैं। अगर आप एक रिश्ता तोड़ देते हैं, तो आप फिर से दोस्त कैसे बन सकते हैं?
8) अवध में राम, करतब बड़े धाम।
जानत सब गुन, जिहि जन प्रिय तामा।।
अनुवाद: अयोध्या में, भगवान राम ने महान कर्म किए। उसके गुणों को सब जानते हैं और वह सबका प्रिय है।
9) बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करत शुद्धि मन की।
जो सब अचरज है देखा, भूलौं सो समझी।।
अनुवाद: पानी और साबुन के बिना कोई मन की अशुद्धियों को साफ कर सकता है। मैंने यह चमत्कार होते देखा है और मैं इसे नहीं भूलूंगा।
दोहे (दोहे) हिंदी साहित्य में एक प्रकार के दोहे हैं जो एक संक्षिप्त और प्रभावशाली तरीके से एक नैतिक या आध्यात्मिक संदेश देते हैं। यहाँ दोहे के कुछ उदाहरण उनके अर्थ के साथ दिए गए हैं:
10) अधम बच्चे राखिये, जिन्हें पानी पीहै।
पानी गिल बैन जो, तब गिल साइड सुखाई॥
अनुवाद: आश्रित बच्चों को अपने पास रखें, जिन्हें अभी भी पानी पीने की आवश्यकता है। जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और स्वतंत्र हो जाते हैं तो पानी सूख जाता है।
11) रोलिंग पानी साफ नहीं, जरूरी साफ सुध नहीं।
ज्ञान रोलिंग बिवेक नहीं, जीवत रोलिंग आध नहीं॥
अनुवाद: पानी के बिना खेती नहीं होती, खेती के बिना अच्छी फसल नहीं होती। ज्ञान के बिना कोई ज्ञान नहीं है, और आत्मा के बिना कोई सार नहीं है।
12) जो तजे सुख में दुःख, सुख दुःख मिलता है।
दुःख सुख पाए, जीते जीते समाये॥
अनुवाद: जो सुख-दुःख को त्याग देते हैं, वे सुख-दुःख दोनों को भोगते हैं। जितना तुम सुख और दु:ख दोनों को स्वीकार करते हो, उतना ही तुम जय और पराजय को प्राप्त करते हो।
13) साधु संत सब तो खोजी, जहां ते जहां मैं।
ताते ताते मिलवट होई, मैं भया अधिकाई॥
अनुवाद: मैंने संतों और अच्छे लोगों को हर जगह खोजा, लेकिन उन्हें वहीं पाया जहां मैं था। जब मैं उनसे मिला तो मेरा अहंकार कम हो गया।
14) बाहर ढूंढा जो निकला, अंदर त्यागी लघु।
साधन ते तीन नाम बिना, सब बेकार जीवन बिटत सुख दुख में लगु॥
अनुवाद: जो बाहर सुख देखता है वह अज्ञानी है और जो भीतर से त्याग करता है वह विनम्र है। भक्ति के तीन साधनों के बिना सारा जीवन सुख-दुःख में व्यर्थ हो जाता है। अर्थ के अंतरिक्ष में जाने के लिए समझौता करना है।
यह दोहा है कि कभी-कभी आप समझौता करना चाहते हैं ताकि आप अपने लक्ष्य तक पहुंच सकें।
15) बुरा जो देख मैं चला गया, बुरा न मिलिया कोय।
यह दोहा है यानी कि जब मैंने बुराई को देखा तो मेरी कोई बुराई नहीं मिली।
जो तुम तोड़ोगे, तो एक दिन पूरा भी तोड़ दिया जाएगा।
यह दोहा अर्थात है कि जब आप किसी चीज को तोड़ते हैं, तो एक दिन आपको भी तोड़ा जाएगा।
16) कबीरा खड़ा बाज़ार में, मंदिरोला है राम।
यह दोहा अर्थात है कि कबीर बाजार में राका गाते कह रहे हैं कि भगवान का नाम सबसे अच्छा है।
जीवन का अर्थ समझने के लिए जीवन के सारे अर्थ अलग होते हैं।
यह दोहा अर्थात कि आप अपने जीवन का अर्थ समझने के लिए सभी अर्थों को संकलित करने का प्रयास करना चाहते हैं जो आपके जीवन में अलग हो रहे हैं ।