कबीर दास की जबरदस्त 5 दोहे: जीने की रास्ता दिखाते हैं

bholanath biswas
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कबीर दास की इस 5 दोहे


 कबीर दास के 5 दोहे >> कबीर दास की इस 5 दोहे पढ़ने से जिंदगी का अंधकार दूर होती है। 

 

कबीर दास के ऐसे कौन से पांच दोहे हैं जहां पढ़ने से जिंदगी का अंधकार छुप जाएगा दोस्तों जब आप हमारे वेबसाइट में आए गए हैं बिल्कुल चिंता मत कीजिए जिंदगी में कुछ अनमोल बातें होते हैं जहां हम सभी को जानकारी नहीं होते हैं । नमस्कार दोस्तों हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है मनुष्य के जन्म का उद्देश्य क्या है क्या सिर्फ सांसारिक कर्मों में ही उलझन में रहना है या फिर और कुछ मनुष्य का उद्देश्य होता है । संत कबीर जी का कुछ ऐसे दोहे हैं जहां पढ़ने के बाद प्रत्येक मनुष्य जीवन जीने की उद्देश्य प्राप्त सेक्टर है ।


यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में सिर्फ सांसारिक उलझन में ही रह जाते हैं तो उनके जिंदगी में कुछ हिस्सा अंधेरा छा जाता है और ऐसे अंधेरी छा जाता है जहां उससे छुटकारा पाना आवश्यकता होती है । प्रत्येक मनुष्य के भीतर अंधेरा छा जाता है कुछ अपनी गलती के कारण और अपने भीतर ज्ञान नहीं होने का कारण ।। हम मनुष्य जन्म होने के बाद किस दिशा में कदम रखेंगे यह तो हमें परिपूर्णता ज्ञात नहीं है लेकिन संत कबीर दास के दोहे पढ़ने से परिपूर्णता ज्ञात कर सकते हैं । 

 

NO 1 >> नी केरा बुदबुदा, अस मानस की जात ।

देखत ही छुप जाएगा है, ज्यों सारा परभात ।


भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं कि इंसान की इच्छाएं एक पानी के बुलबुले के समान हैं जो पल भर में बनती हैं और पल भर में खत्म। जिस दिन आपको सच्चे गुरु के दर्शन होंगे उस दिन ये सब मोह माया और सारा अंधकार छिप जायेगा।


NO 2 >> चलती चक्की देख के, दिया कबीरा रोये ।

दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोए ।


भावार्थ: चलती चक्की को देखकर कबीर दास जी के आँसू निकल आते हैं और वो कहते हैं कि चक्की के  पाटों के बीच में कुछ साबुत नहीं बचता।


NO 3 >> मलिन आवत देख के, कलियन कहे पुकार ।

फूले फूले चुन लिए, कलि हमारी बार ।


भावार्थ: मालिन को आते देखकर बगीचे की कलियाँ आपस में बातें करती हैं कि आज मालिन ने फूलों को तोड़ लिया और कल हमारी बारी आ जाएगी। भावार्थात आज आप जवान हैं कल आप भी बूढ़े हो जायेंगे और एक दिन मिटटी में मिल जाओगे। आज की कली, कल फूल बनेगी।


NO 4 >> काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।

पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब ।


भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं कि हमारे पास समय बहुत कम है, जो काम कल करना है वो आज करो, और जो आज करना है वो अभी करो, क्यूंकि पलभर में प्रलय जो जाएगी फिर आप अपने काम कब करेंगे।


NO 5 >>  जिन घर साधू न पुजिये, घर की सेवा नाही ।

ते घर मरघट जानिए, भुत बसे तिन माही ।


भावार्थ: कबीर दास जी कहते हैं कि जिस घर में साधु और सत्य की पूजा नहीं होती, उस घर में पाप बसता है। ऐसा घर तो मरघट के समान है जहाँ दिन में ही भूत प्रेत बसते हैं।

 

दोस्तों हमें आशा है कि कबीर दास के इस पांच दोहे पढ़ने से आपको कुछ ज्ञान प्राप्त जरूर हुये होंगे लेकिन यहां समाप्त नहीं हुए हैं यदि आप और भी कबीर दास के दोहे पढ़ने से ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे साथ जुड़े रहिए । कबीर दास के दोहे अर्थ सहित 


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