बाबर भारत इस हिंदू राजा को आक्रमण करके भारत में प्रवेश किया था


बाबर भारत कब आया था?




बाबर भारत कब आया था?

 भारत में मुगलों का आगमन कब से हुआ था जानिए हमारे साथ । मित्रों वर्तमान भारत में धर्म लेकर हिंसा इधर-उधर दिखाई दे रहे हैं पर जिन लोगों ने इस तरह कर रहे हैं वह अपने फायदे के लिए ही कर रहे हैं । खैर अपने-अपने धर्म सब आस्था से जुड़े हैं इसलिए सभी धर्म को सम्मान करना चाहिए . हिंदुस्तान में कई प्रकार के धर्म के लोग रहते हैं इसलिए अपने प्रेम भाव से सभी के साथ रहना चाहिए । आज हिंदुस्तान एक ऐसा मजबूत देश बन गया कि किसी भी दुश्मनी देश से लड़ने की क्षमता है ।

मित्रों तो चलिए जो हमारे मन में प्रश्न है उसका जानकारी प्राप्त कर लेते हैं ।


भारत में मुगलों का आगमन कब से हुआ था ?


इस्लाम राजाओं के आक्रमण से पहले ही भारत में आगमन हो चुका था और यह बात हम इतिहास में जान नहीं पाए तो चलिए विस्तार से जानते हैं ।

इस्लामी प्रभाव को सबसे पहले अरब व्यापारियों के आगमन के साथ 7वीं शताब्दी के प्रारम्भ में महसूस किया जाने लगा था। प्राचीन काल से ही अरब और भारतीय उपमहाद्वीपों के बीच व्यापार संबंध अस्तित्व में रहा है। यहां तक कि पूर्व-इस्लामी युग में भी अरब व्यापारी मालाबार क्षेत्र में व्यापार करने आते थे, जो कि उन्हें दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ती थी। इतिहासकार इलियट और डाउसन की पुस्तक 👉द हिस्टरी ऑफ इंडिया एज टोल्ड बाय इट्स ओन हिस्टोरियंस के अनुसार भारतीय तट पर 630 ई॰ में मुस्लिम यात्रियों वाले पहले जहाज को देखा गया था। पारा रौलिंसन अपनी किताब: एसियंट एंड मिडियावल हिस्टरी ऑफ इंडिया में दावा करते हैं कि 7वें ई॰ के अंतिम भाग में प्रथम अरब मुसलमान भारतीय तट पर बसे थे। 


👉शेख़ जैनुद्दीन मखदूम "तुह्फत अल मुजाहिदीन" एक विश्वसनीय स्रोत है। इस तथ्य को जे॰ स्तुर्रोक्क द्वारा साउथ कनारा एंड मद्रास डिस्ट्रिक्ट मैनुअल्स  में माना गया हैऔर हरिदास भट्टाचार्य द्वारा कल्चरल हेरीटेज ऑफ इंडिया वोल्यूम IV. में भी इस तथ्य को प्रमाणित किया गया है। भारत में इस्लाम के आगमन के साथ ही अरब वासी उस समय दुनिया में एक प्रमुख सांस्कृतिक शक्ति बन गए। अरब व्यापारी और ट्रेडर नए धर्म के वाहक बन गए और जहां भी गए उन्होंने अपने मौका देख कर धर्म का प्रचार किया।


यह कथित तौर पर माना जाता है कि राम वर्मा कुलशेखर के आदेश पर भारत में प्रथम 

मस्जिद का निर्माण ई॰ 629 में हुआ था, जिन्हें मलिक बिन देनार के द्वारा केरल के कोडुंगालूर में मुहम्मद (c. 571–632) के जीवन समय के दौरान भारत का पहला मुसलमान मानते हैं।


मालाबार में, मप्पिलास इस्लाम में परिवर्तित होने वाले पहले समुदाय हो सकते हैं क्योंकि वे दूसरों के मुकाबले अरब से अधिक जुड़ें हुए थे। तट के आसपास गहन मिशनरी गतिविधियां चलती रहीं और अपने प्राण की रक्षा हेतु बड़ी संख्याओं में मूल निवासी इस्लाम को अपना रहे थे। इन नए धर्मान्तरित लोगों को उस समय 👉माप्पीला समुदाय के साथ जोड़ा गया। इस प्रकार मप्पिलास लोगों में हम स्थानीय महिलाओं के माध्यम से अरब लोगों की उत्पत्ति और स्थानीय लोगों में से धर्मान्तरित, दोनों प्रकार को देख सकते हैं।


👉8वीं शताब्दी में मुहम्मद बिन कासिम की अगुवाई में अरब सेना द्वारा सिंध प्रांतपर विजय प्राप्त किए थे। सिंध, उमय्यद खलीफा का पूर्वी प्रांत बन गया वर्तमान पाकिस्तान में स्थित है यह जगह ।


10वीं सदी के प्रथम अर्द्ध भाग में 👉गजनी महमूद ने पंजाब को गज़नविद साम्राज्य में जोड़ा और आधुनिक समय के भारत में कई हमले किए थे। इन हमलों में लाहौर, पेशावर, सिंध, पंजाब जैसे पश्चिमी भारत पर हमले करके जीत हासिल की। जाति के आधार पर पूरी तरह बंटे छोटी छोटी रियासतों के राजा कासिम और गजनी जैसे विदेशी मुस्लिम हमलावरों का सामना नहीं कर सके और भाग खड़े हुए। 👉गजनी ने बेरहमी के साथ इन इलाकों के मंदिर तोड़ डाले, हिंदू पुरुषों को लाइन में खड़ा कर उनकी गर्दन काट दी गई, मंदिरों में जितना भी धन एवं स्वर्ण मुद्रा सभी लूटकर ले गया। उस समय हजारों लोगों ने दोनों हमलावरों के सामने इस्लाम ग्रहण कर लिया। इस्लाम फैलाने का फरमान सुनाकर दोनों वापस अपने देश लौट गए। भारत में इस्लाम की यह पहली शुरुआत थी।

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